मप्र शासन के दिसंबर 2023 से खराब चल रहे ई नगर पालिका पोर्टल के चलते इंदौर के आमजन संपत्तिकर भरने में खासी दिक्कत का सामना कर रहे हैं। वहीं निगम को भी राजस्व में भारी नुकसान हुआ है।
इन सभी को देखते हुए महापौर पुष्यमित्र भार्गव द्वारा मप्र शासन से खुद का पोर्टल बनाने का प्रस्ताव भेजते हुए मंजूरी मांगी थी, जो अब मिल गई है। ( Indore Municipal Corporation e-portal )
पोर्टल बनने से होंगी समस्याएं दूर
इस पोर्टल के लिए महापौर भार्गव और आयुक्त शिवम वर्मा लगातार शासन के साथ संपर्क में थे। तय किया गया है कि निगम का ई पोर्टल आधुनिक होकर वर्तमान समय में अधिक से अधिक नागरिकों को सुविधा प्राप्त हो सके इस दृष्टि से बनाया जाएगा।
महापौर भार्गव ने कहा कि निगम का यह पोर्टल नागरिकों को सुविधाएं प्रदान करने में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। यह हमारी राजस्व वसूली की प्रक्रिया को भी सरल और सशक्त बनाएगा।
आयुक्त शिवम वर्मा ने बताया कि नए ई पोर्टल के माध्यम से नगर निगम की सभी सेवाओं को एकीकृत किया जाएगा। इससे सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा और नागरिकों को त्वरित और प्रभावी समाधान प्राप्त होंगे।
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शासन के पोर्टल के कारण यह थीं दिक्कतें
शासन का ई नगर पालिका पोर्टल लंबे समय से तकनीकी दिक्कतों से जूझ रहा था, जिससे न केवल राजस्व वसूली प्रभावित हो रही थी, बल्कि नागरिकों को भी कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था।
ई नगर पालिका के कारण नगर निगम के कर्मचारियों को वेतन का भुगतान भी समय पर नहीं हो पा रहा था। पोर्टल के बार-बार बंद होने और तकनीकी गलतियों के कारण नगर निगम की सेवाओं को समय पर प्राप्त करना नागरिकों के लिए एक चुनौती बन गया था।
अभी लोग और निगम दोनों हो रहे हैं परेशान
आमजन और निगम वर्तमान पोर्टल से खासे परेशान हैं। संपत्तिकर में किसी का हजारों, लाखों का बकाया बताया जा रहा है तो किसी का रिफंड निकल रहा है। पुराना डेटा उड़ गया है। इसे रिकवर करने के लिए निगम की टीम लगी हुई है, लेकिन अभी समस्या यह है कि लोगों के भरे संपत्तिकर का सही रिकार्ड ही नहीं मिल रहा है। उन्हें गलत राशि बताई जा रही है। वहीं कई बड़े बकायादारों की बकाया राशि कम भी दिख रही है। इस गफलत से नगर निगम का भी भारी राजस्व नुकसान हो रहा है।
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