द सूत्र की खबर पर ईडी की मुहर लग गई है। द सूत्र ने 11 जून को ही बता दिया था कि निगम के 150 करोड़ के फर्जी बिल घोटाले में ईडी ने मनी लाण्ड्रिंग एक्ट में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। जल्द सभी दस्तावेज जुटाने के बाद ईडी छापे मारेगी और संपत्ति को कुर्क करेगी। ईडी ने आखिरकार सोमवार 5 अगस्त को सभी आरोपियों के ठिकाने पर टीम बनाकर दबिश दे दी।
अनिल कुमार गर्ग
इन सभी के यहां पहुंची टीम
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सोमवार सुबह घोटाले के मास्टर माइंड अभय राठौर, नगर निगम में पदस्थ रहे ज्वाइंट डायरेक्टर अनिल गर्ग के ठिकानों सहित 12 से स्थानों पर छापे मारे। टीम द्वारा गहन छानबीन की जा रही है।
छापे की कार्रवाई की शुरुआत 184- ए महालक्ष्मी नगर ‘ओम सुख सांई एवेन्यू’ में रहने वाले निगम इंजीनियर अनिल गर्ग के घर से हुई।
यहां परिवार के लोग थे। ये लोग टीम को देखकर घबरा गए जबकि गर्ग घर पर नहीं थे। परिवार के लोग टीम को जानकारी देने से बचते रहे। फिर टीम ने मास्टर माइंड अभय राठौर और उसके बहनोई के घर छापे मारे। इस दौरान घर पर सिर्फ महिलाएं ही थी। इसके बाद अन्य आरोपियों और उनसे जुड़े लोगों के ठिकानों पर छापे मारे गए।
इनके भी पहुंची टीम
निगम के फर्जी बिल घोटाले में पुलिस ने करीब 20 आरोपियों के खिलाफ अलग- अलग केस दर्ज किए थे। इनमें ठेकेदारों के अलावा, निगम अधिकारी, कर्मचारी आदि शामिल हैं। ईडी द्वारा रेणु वडेरा निवासी 6 आशीष नगर, मोहम्मद जाकिर निवासी 147 मदीना नगर, राहुल वडेरा निवासी 2 आशीष नगर, राजकुमार पिता पन्नालाल साल्वी निवासी 78 अम्बिकापुरी हरीश श्रीवास्तव निवासी 55 सुखदेवनगर, प्रो. एहतेशाम पिता बिलकीॉस खान निवासी 128 माणिक बाग, जाहिद खान निवासी 101 सकीना अपार्टमेंट अशोका कॉलोनी, मोहम्मद साजिद निवासी मदीना नगर, मोहम्मद सिध्दिकी निवासी मदीना नगर), उदयसिंह पिता रामनरेश सिंह भदौरिया निवासी 31-सी सुखलिया, मुरलीधर पिता चंद्रशेखर निवासी 697 शिव सिटी राऊ, मौसम व्यास के ठिकानों पर भी जांच हो रही है।
ये खबर भी पढ़िए...ED ने नगर निगम बिल घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत दर्ज किया केस
बयानों के आधार पर बड़े अधिकारी उलझेंगे
मनी लाण्ड्रिंग एक्ट के तहत आरोपी के बयान अन्य को आरोपी बनाने के लिए पर्याप्त होते हैं, जो पुलिस की आईपीसी में नहीं होता है। ऐसे में अभय राठौर द्वारा सुनील गुप्ता इंजीनियर के साथ ही पूर्व के निगमायुक्त व अन्य अधिकारियों पर भी आरोप लगाए जा रहे हैं।
खासकर उनकी पत्नी ने तो कोर्ट में परिवाद ही दायर कर दिया है और शपथपत्र देकर निगमायुक्तों के खिलाफ भी केस दर्ज करने की मांग की है। साथ ही महापौर मालिनी गौड़ के कार्यकाल में गड़बड़ी को लेकर अधिकारियों की भूमिका पर गंभीर आरोप लगाए हैं। ऐसे में ईडी की जांच में इन सभी की मुश्किलें बढ़ने वाली है।
नगर निगम के यह अधिकारी उलझे
अभी तक इस मामले में पुलिस ने करीब 7 एफआईआर दर्ज की है। इसमें आरोपियों पर आईपीसी धारा 420, 467, 468, 471, 474, 120बी और 34 की धाराएं लगी है। इसमें नगर निगम इंजीनियर अभय राठौर के साथ ही निगम के उदय भदौरिया, चेतन भदौरिया, मुरलीधर, राजकुमार साल्वी, संयुक्त संचालक अनिल कुमार गर्ग, डिप्टी डायरेक्टर समर सिंह, असिस्टेंट आडिटर रामेश्वर परमार को आरोपी बनाया गया है। यह सभी गिरफ्तार हो चुके हैं और इसमें से मुरलीधर की जमानत हाईकोर्ट से हो चुकी है।
वहीं दर्जन भर ठेकेदार भी आए उलझन में
वहीं ठेकेदारों में मोहम्दद सिद्दकी, मोहम्मद जाकिर, मोहम्मद साजिद, रेणु वढेरा, राहुल वढेरा, जाकिर, एहतेमाश उर्फ काकू, बिकलिस खान, जाहिद खान, राजेंद्र शर्मा, इमरान खान, मौसम व्यास इन सभी पर भी पुलिस ने केस दर्ज किया है। वहीं फर्जी फर्म आने के बाद लगातार नाम बढ़ते जा रहे हैं। इसमें काकू अभी तक फरार है। बाकी गिरफ्तार हो चुके हैं।
कांग्रेस ने इन अधिकारियों के खिलाफ भी खोला था मोर्चा
उधर कांग्रेस ने अब निगम के अन्य अधिकारियों के खिलाफ भी मोर्चा खोला था। निगम में नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे ने इंदौर नगर निगम के पूर्व अपर आयुक्त वित्त वीरभद्र शर्मा को आरोपी बनाने के लिए पुलिस कमिशनर को ज्ञापन दिया था। वहीं कांग्रेस के महासचिव राकेस यादव ने बोरिंग घोटाले का आरोप लगाते हुए इंजीनियर संजीव श्रीवास्तव और ठेकेदार हुल्लास जैन के खिलाफ जांच एजेंसियों को शिकायत की है।
नगर निगम की जांच केंद्रीय एजेंसी से करने को लेकर कांग्रेस महासचिव राकेश यादव ने पत्र भी लिखा था।
thesootr links