INDORE : नगर निगम के फर्जी बिल घोटाले में फरार चल रहे वरिष्ठ ऑडिट जगत सिंह ओहरिया और रिटायर्ड डिप्टी डायरेक्टर अरूण शुक्ला की अग्रिम जमानत याचिका खारिज हो गई है। दोनों ही फरार चल रहे हैं और दोनों ने ही जिला कोर्ट में अधिवक्ता माध्यम से कहा कि जमानत मिली तो भागने की आशंका नहीं होगी, हम कहीं नहीं भागेंगे, गिरफ्तार हुए तो सामाजिक प्रतिष्ठा धूमिल हो जाएगी।
शुक्ला ने दिया उम्र का हवाला
जमानत के लिए शुक्ला ने जो 75 साल के हैं, मुरलीधरन को मिली जमानत और अपनी उम्र का भी हवाल दिया और कहा कि उन्हें स्वास्थ्यगत समस्या है। दोनों ने ही कहा कि उन पर केवल शक के आधार पर केस किया गया है और उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है।
शासकीय अधिवक्ता ने ली आपत्ति
वहीं अपर लोक अभियोजक श्याम दांगी ने शासन की ओर से इसमें आपत्ति लेते हुए कहा कि यह बहुत बड़ा घोटाला है और इसमें अभी भी कई पर्तें खुल रही है। इन्हें जमानत देने से इनके संबंध अभी भी नगर निगम में हैं, यह फाइलों को नष्ट करा सकते हैं। सभी तर्कों को सुनने के बाद न्यायाधीश ने दोनों की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी।
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राजकुमार साल्वी ने केस ही वापस ले लिया, काकू हाईकोर्ट गया
वहीं इसके पहले राजकुमार साल्वी ने भी जमानत याचिका दायर की थी, लेकिन उसे अभी जेल में ही रहना होगा। बाकी जमानत आवेदन खारिज होता देख उसने आवेदन ही वापस ले लिया। वहीं जिला कोर्ट से अग्रिम जमानत खारिज होने के बाद भगोड़ा एहतेश्याम खान उर्फ काकू अब हाईकोर्ट पहुंच गया है, हालांकि इसकी सुनवाई आगे बढ़ गई है और 16 जुलाई को अब सुनवाई होगी।
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