इंदौर नगर निगम के फर्जी बिल घोटाले में आरोपी एहतेशाम खान उर्फ काकू की अग्रिम जमानत खारिज हो गई है। वह केस दर्ज होने के बाद से ही फरार चल रहा है। पुलिस ने उसपर इनाम भी घोषित किया है।
काकू नगर निगम के पुराने भ्रष्टाचारी बेलदार असलम खान का सगा भाई है। बेलदार असलम पर लोकायुक्त के यहां छापे में आय से अधिक संपत्ति मिली थी और ईडी ने भी इस पर केस दर्ज किया है।
अतिरिक्त शासकीय अभिभाषक श्याम दांगी ने बताया कि एहतेशाम की अग्रिम जमानत याचिका खारिज हो चुकी है। शासन ने आपत्ति ली थी कि इतना बड़ा आर्थिक घोटाला है और आरोपी अभी तक पुलिस के सामने भी नहीं आया है फरार है। ऐसे में जमानत का लाभ देने पर वह दस्तावेज में गड़बड़ी कर सकता है। सभी तर्क सुनने के बाद याचिका खारिज कर दी गई है। ( Indore Municipal Corporation scam )
काकू ने खुद और कर्मचारियों के नाम पर बनाई फर्म
काकू इस घोटाले में बड़ा आरोपी है। उसने खुद अपने नाम से मेट्रो कंस्ट्रक्शन फर्म बनाई, एवन इंटरप्राइजेज में भी शामिल है। वहीं अपने यहां 10-15 हजार रुपए प्रति माह पर काम करने वाले कर्मचारी इमरान खान और मौसम व्यास के नाम पर भी क्रिस्टल और ईश्वर जैसी फर्म बनाकर निगम में घोटाला किया। डायमंढ नाम की फर्म जिसका संचालक जाहिद खान है, वह भी काकू का ही रिश्तेदार है। यह सभी आरोपी तो गिरफ्तार हो चुके है, लेकिन काकू अभी तक फरार है।
मुरलीधरन जेल में ही रहेगा
निगम के लेखा बाबू मुरलीधरन भी इस घोटाले में आरोपी है और जेल में बंद है, लेकिन इसकी हाईकोर्ट से जमानत हो चुकी है। यह जमानत केवल पुराने 28 फाइलों के फर्जी भुगतान को लेकर हुई है। बाद में पुलिस ने ट्रेचिंग ग्राउंड के करीब साढ़े चार करोड़ के घोटाले में भी इसे आरोपी बनाया हुआ है। इस केस में अभी इसकी जमानत नहीं हुई है, इसलिए अभी जेल में ही रहेगा। मुरलीधरन ने इस केस में भी जमानत के लिए आवेदन स्पेशल कोर्ट में लगा दिया है, लेकिन अभी इसकी सुनवाई नहीं हुई है।
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