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सफाई की कमजोर होती हालत, लगातार छह बार नंबर वन के बाद सातवीं बार संयुक्त नंबर वन आने को लेकर नगर निगम निशाने पर हैं। पूर्व महापौर व विधायक मालिनी गौड़ ने भी अब इस मामले में नगर निगम पर बहुत ही प्यार से निशाना साधा है। अपने बयान में उन्होंने नाम तो किसी का नहीं लिया, लेकिन अपने काम इस तरह से गिनाए कि महापौर पुष्यमित्र भार्गव और निगमायुक्त शिवम वर्मा सहित पूरा निगम घेरे में आ गया।
खासकर यह बोलना सबसे अहम
मालिनी गौड़ ने कहा कि अभी लोगों में जागरूकता की कमी आई है। लीडर मॉनीटरिंग की जरूरत है। यानी गौड़ ने अप्रत्यक्ष तौर पर पूरे नगर निगम की लीडरशिप पर सवाल खड़े कर दिए हैं। निगम में महापौर और निगमायुक्त की लीडरशिप ही अहम होती है।
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अपने काम और अधिकारियों के समन्वय को ऐसे बताया
मालिनी गौड़ ने कहा कि सफाई के लिए मॉनीटरिंग सबसे अहम है, मैं और तत्कालीन निगमायुक्त (मनीष सिंह और फिर आशीष सिंह) दोनों का समन्वय बहुत अच्छा था। जिस प्रकार से मैं सुबह पांच बजे निकलती थी, रात डेढ़ बजे भी सफाई देखने जाती थी, मॉनीटरिंग बहुत जरूरी थी। हमने जागरूकता के लिए 500 बैठक की। स्पॉट फाइन किया, सख्ती भी की और लोगों को जागरूक किया। इसके चलते शहर में स्वच्छता का वातावरण बना था। आगे भी ऐसा चलता रहे ऐसी शुभकामनाएं देती हूं।
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