/sootr/media/media_files/2025/09/05/sourabh099-2025-09-05-18-49-06.jpg)
इंदौर के एमवाय अस्पताल में चूहों द्वारा नवजातों को कुतरने के मामले में एक और बड़ खुलासा हुआ है। चूहे केवल नवजातों की उंगलियां ही नहीं, बल्कि उनके कंधे भी कुतर गए थे। सूत्रों के मुताबिक, इसकी पुष्टि नवजातों की उंगली और कंधे पर मिले निशान के आधार पर हुई है।
वहीं, इतने गंभीर मामले में भी अस्पताल प्रबंधन के जिम्मेदार अफसर बेशर्मी के साथ बयानबाजी कर रहे हैं। वे कहते हैं कि चूहे तो उन्हें भी कई बार काम के दौरान काट लेते हैं। इसी के साथ दो नवजात शिशुओं की मौत के मामले पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने संज्ञान लिया है और कलेक्टर को नोटिस जारी किया है।
मौत पर 3 दिन में मांगी रिपोर्ट
एमवाय अस्पताल के एनआईसीयू में चूहों के काटने से दो नवजात शिशुओं की मौत के मामले पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने संज्ञान लिया है। आयोग ने जन स्वास्थ्य अभियान (जेएसए) की शिकायत पर इंदौर कलेक्टर को नोटिस जारी करते हुए तीन दिन में कार्रवाई रिपोर्ट (एटीआर) मांगी है। यह नोटिस सीपीसीआर अधिनियम, 2005 की धारा 13 के तहत जारी किया गया है।
चूहों को पकड़ने के लिए पिंजरे कागजों में लगाए
एमजीएम मेडिकल कॉलेज द्वारा एजाइल सिक्योरिटीज कंपनी को हाऊसकीपिंग के लिए 1 करोड़ रुपए महीने का भुगतान किया जा रहा था। उसमें से अकेले पेस्ट कंट्रोल के लिए 1 लाख रुपए महीने का भुगतान हो रहा था। इसमें कंपनी ने कागजाें में ही चूहों के लिए जगह-जगह पिंजरे लगाना बताया था।
द सूत्र ने जब एमवाय अस्पताल में अलग–अलग जगह पर देखा तो पता चला कि कहीं पर भी पिंजरा नहीं लगा है। वहीं, 11 करोड़ रुपए का भुगतान इसी कंपनी को और किए जाने की तैयारी हो रही है।
यह खबर भी पढ़ें...गणेश सवारी की झांकी पर पथराव, मुस्लिम समाज ने तहसील कार्यालय का किया घेराव
जेएसए ने बताया गंभीर अधिकार हनन
जेएसए के प्रतिनिधि अमूल्य निधि, डॉ. जीडी वर्मा और वसीम इकबाल ने इसे बाल अधिकारों और अस्पताल सुरक्षा मानकों का गंभीर उल्लंघन बताया। उन्होंने मांग की है कि
घटना की स्वतंत्र जांच कराई जाए।
सभी एनआईसीयू में तुरंत सुरक्षा इंतजाम किए जाएं।
एमवाय अस्पताल के अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाए।
राज्यभर में संक्रमण नियंत्रण और चूहामुक्ति व्यवस्था का ऑडिट कराया जाए।
जेएसए ने बताया गंभीर अधिकार हनन
जेएसए के प्रतिनिधि अमूल्य निधि, डॉ. जीडी वर्मा और वसीम इकबाल ने इसे बाल अधिकारों और अस्पताल सुरक्षा मानकों का गंभीर उल्लंघन बताया। उन्होंने मांग की है कि
घटना की स्वतंत्र जांच कराई जाए।
सभी एनआईसीयू में तुरंत सुरक्षा इंतजाम किए जाएं।
एमवाय अस्पताल के अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाए।
राज्यभर में संक्रमण नियंत्रण और चूहामुक्ति व्यवस्था का ऑडिट कराया जाए।
राज्य स्तरीय जांच जारी
चिकित्सा शिक्षा आयुक्त तरुण राठी द्वारा गठित चार सदस्यीय जांच समिति ने गुरुवार को एमवाय अस्पताल में बयान दर्ज किए। समिति ने ड्यूटी नर्सों, डॉक्टरों, सफाईकर्मियों और अस्पताल अधीक्षक से पूछताछ की। समिति की रिपोर्ट जल्द ही सरकार को सौंपी जाएगी। देर रात तक चली इस जांच में समिति के सदस्य थे-
योगेश भरसट, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी, आयुष्मान भारत, भोपाल
डॉ. धीरज श्रीवास्तव, बाल रोग विभागाध्यक्ष, गांधी मेडिकल कॉलेज, भोपाल
डॉ. राजेश तिक्कस, प्रोफेसर, बाल रोग विभाग, गांधी मेडिकल कॉलेज, भोपाल
डॉ. वैभव जैन, उप संचालक, सार्वजनिक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा संचालनालय, भोपाल
मध्यप्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें