इंदौर नगर निगम के नए भवन की निर्माण दर में फंसा पेंच, महापौर और निगमायुक्त ने रोकी

इंदौर नगर निगम में 150 करोड़ के फर्जी बिल घोटाले के बाद अब महापौर पुष्यमित्र भार्गव के 452.89 करोड़ रुपए के नए निगम भवन निर्माण प्रोजेक्ट में भी भ्रष्टाचार की आशंका सामने आई है।

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Sanjay Gupta
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इंदौर नगर निगम में 150 करोड़ के फर्जी बिल की आंच अभी ठंडी नहीं हुई है और अब नगर निगम फूंक-फूंक कर कदम रख रहा है। मामला अब महापौर पुष्यमित्र भार्गव के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट नगर निगम के नए 452.89 करोड़ रुपए के आधुनिक भवन बनाने का है। जिसकी फाइल को फिलहाल महापौर और निगमायुक्त ने रोक लिया है।
इस तरह फंसा दरों को लेंकर पेंच

कैसे बनाई घोटाले की फाइल

नगर निगम अपने ग्रीन बिल्डिंग आधुनिक सुविधाओं से युक्त 452.89 करोड़ रुपए के भवन को बनाने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए कुछ दिन पहले बैठक कर इसका प्रेजेंटेशन हुआ और बताया गया कि यह भवन किस तरह से आधुनिक तरीके से बनेगा। इसके बाद तय हुआ कि महापौर परिषद (एमआईसी) में यह प्रस्ताव पास कर काम शुरू करा जाएगा। लेकिन महापौर भार्गव और निगमायुक्त शिवम वर्मा ने कंसलटेंट द्वारा दी गई फाइल पर कई सामग्री में लगी ऊंची दरों को संज्ञान में लिया।

इन दरों को दिल्ली, मुंबई स्तर से लगाया गया था। इसके कारण लागत में करोड़ों रुपए का इजाफा हो गया। इन भारी निर्माण दरों पर पहले सुझाव और फिर से विचार करने की बात हुई और यह फाइल को एमआईसी में रोक दिया गया। अब फिर से गणना और विचार के बाद इसे लाया जाएगा।  

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महापौर ने यह कहा

महापौर ने द सूत्र को बताया कि यह भवन आधुनिक सुविधाओं के साथ ही आगे भविष्य में कई सालों के हिसाब से तैयार किया जाना है। कंसलटेंट ने रिपोर्ट दी है, इसमें कुछ सामग्री की दरों को लेकर अभी चर्चा और पुनर्विचार की बात कही गई है, ताकि बेहतर सामग्री के साथ ही भवन बने और लागत भी उचित रहे। 

यह है निगम के नए भवन का प्रोजेक्ट

  • प्रस्तावित भवन की प्रमुख विशेषताओं में हैं कि यह 8 मंजिला होगी, कुल ऊंचाई 30 मीटर होगी. 
  • खंडों की योजना: दो कार्यालय टावर, एक स्वतंत्र ऑडिटोरियम खंड
  • विभागीय वितरण: कुल 45 विभाग, 2500 कर्मचारियों की क्षमता के साथ
  • ऑडिटोरियम: 500 लोगों की क्षमता, साथ में जन शिकायत केंद्र, प्रदर्शनी हॉल, संग्रहालय, सार्वजनिक, कैफेटेरिया
  • परियोजना लागत: ₹452.89 करोड़ (सभी करों सहित)
  • पार्किंग सुविधा: बेसमेंट, सतह और मल्टीलेवल पार्किंग में 620 वाहन
  • भूतल आवरण (ग्राउंड कवरेज): 25%, हरित क्षेत्र को प्राथमिकता
  • रूफ टॉप पर उच्च गुणवत्ता के सोलर पैनल
  • -इमारत का रंग विशेष तकनीक से तैयार कि अगले 20 वर्षों तक रंग-रोगन की आवश्यकता नहीं होगी

प्रेजेंटेशन में महापौर ने भवन को लेकर यह दिए निर्देश और वीजन

महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि यह भवन इंदौर की पहचान का प्रतिनिधित्व करेगा। उन्होंने निर्देश दिया कि भवन का इंटीरियर, डिजाइन व लेआउट इंदौर की संस्कृति, सभ्यता, स्वच्छता, व्यंजन, ऐतिहासिक धरोहर और विशिष्टता को प्रदर्शित करे ताकि देश-विदेश से आने वाले प्रतिनिधि इस शहर की पहचान से रूबरू हो सकें।

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सार्वजनिक उपयोग से जुड़े विभागों को भूतल व उसके ऊपरी तल पर स्थान दिया जाए ताकि नागरिकों को आसानी हो, बिल्डिंग का निर्माण क्लीन ग्रीन ओर डिजिटल हो कंट्रोल कमांड सेंटर का निर्माण किया जाए ताकि पूरे शहर का कंट्रोल वहां से किया जा सके।

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