विवादों के बीच सिख समाज में इंदौर श्री गुरुसिंघ सभा के 3 नवंबर को हो रहे चुनाव को लेकर फिर दो याचिका छुट्टियों के दौरान लगीं। दायर इन अपीलों में मतदाता सूची पर सवाल उठाए गए। इन नई दो याचिकाओं पर हाईकोर्ट इंदौर ने भारी नाराजगी जाहिर की और कहा कि चुनाव ने हाईकोर्ट का बहुत कीमती समय बर्बाद किया है।
11 हजार 687 की सूची पर ही चुनाव
जस्टिस विवेक रूसिया और जस्टिस विनय सराफ की डबल बैंच ने इस मामले में सीधा आदेश दिया कि चुनाव 11 हजार 687 मतदाता सूची पर ही होंगे और यह 3 नवंबर को होंगे। नया कोई चुनाव कार्यक्रम लागू नहीं किया जाएगा। बेंच ने यहां तक कहा कि अपील करने वाले मनजीत सिंह उर्फ रिंकू भाटिया व मुख्य चुनाव अधिकारी हरप्रीत सिंह सूदन (बक्शी) का आचरण उचित नहीं रहा। इन्होंने फर्म्स एंड सोसायटी असिस्टेंट रजिस्ट्रार को पत्र लिखकर चुनाव को स्थगित कर दिया। वहीं असिस्टेंट रजिस्ट्रार ने भी मतदाता सूची को लेकर चुनाव अधिकारी को पत्र लिखकर फिर से विवाद को खोल दिया। जो याचिका दायर करने का भी कारण बना। इन सभी से हाईकोर्ट का बहुत कीमती समय बर्बाद हुआ है।
इंदौर में श्री गुरुसिंघ सभा चुनाव 3 नवंबर को कराने के आदेश
कुल सात याचिकाएं लगीं
इन चुनाव को लेकर हाईकोर्ट इंदौर में कुल सात याचिकाएं दायर हुई थीं, जिसमें पांच रिट पिटीशन थी और दो रिट अपील थी। हाईकोर्ट इन सभी का निराकरण कर चुका है और अब चुनाव रोकने की कोई वजह नहीं है। यह याचिका इस आधार पर लगी थी कि फरवरी 2024 में बनी मतदाता सूची में याचिकाकर्ताओं के नाम नहीं है। मतदाता सूची शुद्ध नहीं है। इस पर दावे-आपत्ति का निराकरण नहीं हुआ है। लेकिन हाईकोर्ट ने सभी याचिकाएं खारिज करते हुए चुनाव 3 नवंबर का वोटिंग शेड्यूल ही जारी रहने के आदेश फिर से दे दिए हैं।
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