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इंदौर में पुलिस की पूरी चुस्ती-फुर्ती इन दिनों ड्रिंक एंड ड्राइव अभियान में दिखाई दे रही है। रात 10 बजे से लेकर 1 से 2 बजे तक पुलिस का फोकस मुख्य रूप से इस कार्रवाई पर रहता है, जबकि शहर के अंदरूनी और बाहरी इलाकों में चोरी की वारदातें करने वाले गैंग बेखौफ सक्रिय हैं। शहर के बाहरी हिस्सों की बात करें तो वहां के कुल 42 किलोमीटर के हिस्सों में 7 गश्ती दल हैं। जिनका काम इस पूरे क्षेत्र में घूमकर वारदातों पर काबू करना है।
रिटायर्ड जस्टिस के घर चोरी से खुली पोल
हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस रमेश गर्ग के घर पिछले दिनों हुई चोरी की वारदात से पुलिस के गश्ती दल की पोल खुल गई। पुलिस की गश्त सुस्त पड़ चुकी है, जिससे अपराधियों को खुली छूट मिल रही है। रहवासियों का कहना है कि ड्रिंक एंड ड्राइव की चेकिंग ट्रैफिक और सड़क सुरक्षा के लिए जरूरी है, लेकिन इसमें लगी पुलिस फोर्स का ध्यान गश्त से हट जाता है। ऐसे में अपराधी रैकी कर रहे हैं और ऐसे स्थानों की तलाश कर रहे हैं जहां पर पुलिस गश्ती दल की सक्रियता नहीं दिखती। इसके बाद वे उन्हीं क्षेत्रों का चुनाव कर वारदातों को अंजाम दे रहे हैं।
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कई महीनों नहीं दिखती पुलिस
लोगों का कहना है कि इस असंतुलित तैनाती के कारण अपराध पर नियंत्रण कमजोर हो गया है और इसका सीधा खामियाजा आमजन को चुकाना पड़ रहा है। कई कॉलोनियों में महीनों से पुलिस का कोई गश्ती दल नहीं आया, जबकि बदमाश लगातार वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। ड्रिंक एंड ड्राइव चेकिंग के साथ गश्ती दलों को भी सक्रिय रखा जाए, ताकि शहर की सुरक्षा और कानून व्यवस्था दोनों मजबूत रह सकें।
42 किमी में 7 थाने, फिर भी हर तीसरे दिन हो रही चोरियां
इंदौर के शिप्रा से राऊ तक फैले 42 किलोमीटर लंबे बायपास पर लगातार चोरी की वारदातें पुलिस की गश्त और सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रही हैं। इस मार्ग पर सात थानों शिप्रा, लसूड़िया, खजराना, कनाड़िया, खुड़ैल, तेजाजी नगर और राऊ की सीमाएं लगने के बावजूद बदमाश हर तीसरे दिन वारदात अंजाम दे रहे हैं। खास बात यह है कि बड़ी और पॉश कॉलोनियां भी इनके निशाने पर हैं।
लोग बोले- पुलिस कॉलोनियों में झांकने तक नहीं आती
स्थानीय निवासियों का कहना है कि महीनों से कॉलोनियों में पुलिस का चेहरा तक नहीं दिखा। बुलाने पर भी पुलिस तब पहुंचती है जब काफी देर हो चुकी होती है। खजराना पुलिस कभी-कभार आ जाती है, लेकिन खुड़ैल पुलिस शायद ही कॉलोनियों में झांकने आती हो। कई गार्ड्स का कहना है कि पुलिस सिर्फ मेन रोड पर मौजूद कॉलोनियों में आती है, अंदर तक जाने का प्रयास नहीं करती।
चोरियां दबा रही है पुलिस
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, चोरी की वारदातें इतनी ज्यादा हैं कि थानेदार कई मामलों को दर्ज ही नहीं करते। कई बार चार-पांच दिन बाद केस लिखा जाता है, जिससे वरिष्ठ अफसरों को भी सही तस्वीर नहीं मिल पाती।
लसूड़िया, कनाड़िया और तेजाजी नगर में सबसे ज्यादा चोरी
पुलिस रिकॉर्ड बताता है कि बायपास पर सबसे अधिक चोरियां लसूड़िया, कनाड़िया और तेजाजी नगर इलाकों में हो रही हैं। रानीबाग, लिंबोदी, सिल्वर स्प्रिंग, ऑस्कर, बिचौली मर्दाना, मानवता नगर और सर्व संपन्न नगर जैसी कॉलोनियां बार-बार बदमाशों के निशाने पर हैं। अनुमान है कि 80% से ज्यादा वारदातें बाग-टांडा गैंग कर रही है, जिन्हें पुलिस रात में रोकने में नाकाम रही है।
इंदौर की 3 बड़ी अनसुलझी चोरियां
रिटायर्ड आईएएस के घर चोरी: जुलाई 2023 में बिचौली स्थित संपत फार्म हाउस पर बदमाश खिड़की का सरिया काटकर घुसे और जेवर-नकदी ले गए। अभी तक कोई सुराग नहीं।
कारोबारी की कार भी ले गए चोर: 7 जुलाई 2024 को बिचौली मर्दाना में बदमाश 14 लोगों को कमरों में बंद कर 1 किलो चांदी, 4 लाख के जेवर, 2 लाख नकद और कार लेकर फरार।
नेपाली नौकर ने बेहोश कर लूटा मालिक को: 12 दिसंबर 2024 को सिल्वर स्प्रिंग कॉलोनी में कारोबारी अनीस मोहम्मद को खाने में नशीला पदार्थ देकर 75 लाख के जेवर, 19 लाख नकद, 10 लाख की घड़ियां और थार लेकर भागा।
पुलिस अब कर रही बैठकें
कनाड़िया थाना क्षेत्र की प्रगति विहार टाउनशिप में चोरी का प्रयास करने के बाद गिरोह पुलिस की मौजूदगी देखकर भाग निकला था। पुलिस अब बाहरी क्षेत्रों और टाउनशिप में गश्त बढ़ा रही है। लसूड़िया पुलिस ने सिंगापुर ग्रीन, द ग्रेट मराठा सिंगापुर और ओमेक्स सिटी के रहवासियों से बैठक कर मकान सूने न छोड़ने, गार्ड बढ़ाने और सीसीटीवी लगाने की अपील की है। इस दौरान भी रहवासियों ने पुलिस की गश्त बढ़ाने को लेकर बात कही थी।
लोगों की नाराजगी
रहवासी की मांग है कि पुलिस कॉलोनियों में नियमित गश्त बढ़ाए और चोरी की वारदातों को गंभीरता से ले। उनका कहना है कि सिर्फ मेन रोड पर चेकिंग से अपराध नहीं रुकेंगे, असली सुरक्षा अंदरूनी इलाकों में दिखनी चाहिए।