इंदौर नगर निगम के रेट जोन, स्लैब बदलाव से जमकर बढ़ा संपत्तिकर, कांग्रेस ने खोला मोर्चा

नगर निगम द्वारा संपत्ति कर में तीन प्रमुख स्तरों पर वृद्धि की गई है। इसको लेकर शहर कांग्रेस ने इंदौर के नागरिकों से इस “अनुचित कर वृद्धि” के खिलाफ आवाज उठाने और विरोध प्रदर्शन में शामिल होने की अपील की है।

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Vishwanath Singh
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Sourabh336
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इंदौर नगर निगम द्वारा वर्ष 2025-26 के बजट में रेट जोन, स्लैब बढ़ाकर संपत्ति कर मेंकी गई बढ़ोतरी और जलकर और अन्य शुल्कों में भारी वृद्धि के खिलाफ अब कांग्रेस ने मोर्चा खोल दिया है। कांग्रेस ने निगम प्रशासन पर मनमानी और जनविरोधी फैसले लेने का आरोप लगाया है।

कांग्रेस का आरोप है कि इस वृद्धि से शहर के लगभग 30 लाख नागरिकों और संपत्ति मालिकों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ेगा। इसके विरोध में 9 जुलाई को 22 जोन कार्यालयों पर प्रदर्शन किया जाएगा। माना जा रहा है कि इस तरह टैक्स बढ़ोतरी से निगम शहर के लोगों से अतिरिक्त 150 करोड़ की कमाई करेगा। बीते साल ही निगम ने एक हजार करोड़ का टैक्स प्राप्त किया था। 

तीन स्तरों पर कर वृद्धि

नगर निगम द्वारा संपत्ति कर में तीन प्रमुख स्तरों पर वृद्धि की गई है। इसको लेकर शहर कांग्रेस ने इंदौर के नागरिकों से इस “अनुचित कर वृद्धि” के खिलाफ आवाज उठाने और विरोध प्रदर्शन में शामिल होने की अपील की है। नेता प्रतिपक्ष चिन्टू चौकसे, शहर कांग्रेस अध्यक्ष सुरजीत सिंह चड्ढा और अन्य नेताओं ने इसे जनता पर जबरन बोझ डालने वाला करार देते हुए आंदोलन की घोषणा की है।

इस तरह से की है टैक्स में वृद्धि

1. प्रति वर्गफुट वार्षिक दर (रेट झोन) में वृद्धि: निगम द्वारा शहर की समस्त आवासीय एवं व्यावसायिक संपत्तियों (भूमि/भवन) को पांच भागों में विभाजित किया गया है जिन्हें संपत्ति के अलग-अलग रेट झोन के नाम से जाना जाता है। एक रेट झोन औद्योगिक इकाई के लिए अलग है। इन सभी छः रेट झोन की संपत्तियों का करयोग्य वार्षिक संपत्ति मूल्य निकालने के लिए जो प्रतिवर्गफुट वार्षिक दर है उसमें 10% से अधिक की वृद्धि की गई है।

2. स्लैब में परिवर्तन: करयोग्य संपत्ति मूल्य पर संपत्ति कर की गणना के लिए जो तीन स्लैब है उनस्लैब की राशि को कम कर दिया है जिससे भूमि/भवन स्वामियों को कम राशि पर भी अधिक दर से संपत्ति कर निम्नानुसार देना होगा

 

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कांग्रेस द्वारा यह रेट लिस्ट जारी की गई

3. कॉलोनियों एवं बाजार के रेट जोन में बदलाव

  • पहले जहां 531 रेट जोन थे, अब उसमें 108 और जोड़े गए, यानी कुल 639 रेट जोन बना दिए गए हैं।
  • जिन कॉलोनियों को पहले कम कर के दायरे में रखा गया था, उन्हें अब नई उच्च श्रेणी में लाकर कर लगाया गया है।
  • इससे बड़ी संख्या में संपत्ति धारकों पर अतिरिक्त कर भार आ गया है।
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कांग्रेस द्वारा यह रेट लिस्ट जारी की गई

रेट जोन में बदलाव

639 कॉलोनियों और बाजार क्षेत्रों के रेट जोन बदले गए हैं, जिससे संपत्ति स्वामियों को 58% तक ज्यादा कर देना पड़ेगा। कुछ क्षेत्रों में यह वृद्धि 63% तक पहुंच गई है।

होटल, औद्योगिक संपत्तियों और पार्किंग शुल्क में भी बढ़ोतरी

कांग्रेस नेताओं ने बताया कि नगर निगम ने वनटाइम पार्किंग शुल्क में 100 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि कर दी है। इसके अलावा, हरित उपकर (Green Tax) के नाम पर संपत्ति कर पर 2 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाने का प्रस्ताव भी शामिल है। नेताओं का कहना है कि ये सभी निर्णय बिना जनप्रतिनिधियों और पार्षदों की सहमति के लिए गए हैं, जो पूरी तरह अलोकतांत्रिक हैं।

 

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कांग्रेस द्वारा यह रेट लिस्ट जारी की गई

रेट जोन में बदलाव पर भी सवाल

पत्र में उल्लेख है कि निगम प्रशासन ने 22 रेट जोन में एकतरफा बदलाव कर दिया है, जिससे कई क्षेत्रों में संपत्ति कर में 58 से 63 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हो गई है। कांग्रेस का कहना है कि इस बार न तो पार्षदों की बैठक हुई और न ही उस क्षेत्र के सुझाव लिए गए। पहले जिन कॉलोनियों को निम्न टैक्स रेट में रखा गया था, उन्हें अब उच्च रेट जोन में डालकर जनता पर अतिरिक्त कर थोपा जा रहा है।

गाइडलाइन की गणना और विरोध

कांग्रेस नेताओं ने यह भी आरोप लगाया कि कर निर्धारण में कलेक्टर गाइडलाइन और सड़क के प्रति वर्गफुट मूल्य को आधार बनाया गया है, जबकि यह नीति पूर्व से ही विवादास्पद रही है। नेताओं ने अफसरों से सवाल किए हैं कि जब कलेक्टर गाइडलाइन को आधार बनाना ही है, तो फिर निगम और परिषद की क्या जरूरत है?

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कांग्रेस द्वारा यह रेट लिस्ट जारी की गई

वृद्धि तत्काल वापस लेने की मांग

कांग्रेस ने इस अनुचित कर वृद्धि को तत्काल वापस लेने की मांग की है। नेताओं ने कहा कि इस समय जब आम आदमी पहले ही महंगाई से त्रस्त है, तब इस तरह के कर बढ़ोतरी से उसकी आर्थिक स्थिति और खराब होगी। कांग्रेस ने इसे पूरी तरह तानाशाही और जनविरोधी कदम बताया।

कांग्रेस का विरोध, 9 जुलाई को प्रदर्शन

कांग्रेस नेता चिन्टू चौकसे ने कहा कि यह वृद्धि आमजन के साथ अन्याय है। खासकर ऐसे समय में जब महंगाई चरम पर है। उन्होंने निगम प्रशासन से इस निर्णय को तत्काल प्रभाव से वापस लेने की मांग की। उन्होंने चेताया कि यदि वृद्धि वापस नहीं ली गई तो 9 जुलाई 2025 को सुबह 10:30 बजे निगम के जोन 22 कार्यालय पर जनता के साथ मिलकर जोरदार प्रदर्शन किया जाएगा।

शहर कांग्रेस अध्यक्ष सुरजीत सिंह चड्ढा, पूर्व विधायक जीतू पटवारी, रवि जोशी, सत्यनारायण पटेल सहित अन्य नेताओं ने भी इस वृद्धि को जनविरोधी बताया और कहा कि कांग्रेस इसका सड़कों पर उतरकर पुरजोर विरोध करेगी। इस मौके पर रीना बौरासी, पिंटू जोशी और दीपू यादव भी मौजूद थे। MP News

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