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इंदौर के राऊ–देवास बायपास के मेंटेनेंस के लिए एनएचएआई द्वारा 68 करोड़ रुपए का ठेका दिया गया है। इसके बावजूद गढ्ढे भर नहीं रहे हैं और निर्माणाधीन फ्लाई ओवर के कारण आए–दिन जाम लग रहा है। इसके बावजूद 45 लाख रुपए रोज की टोल वसूली लगातार जारी है। लगभग इसी तरह के एक अन्य मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए एनएचएआई अफसरों को जमकर फटकार लगाई है।
यह है पूरा मामला
केरल के एक नेशनल हाईवे पर घंटों चले ट्रैफिक जाम को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने 18 अगस्त को नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) को कड़ी फटकार लगाई। शीर्ष अदालत ने सवाल किया कि जब गाड़ियां रुक-रुक कर चल रही हैं और यात्रियों को बुनियादी सर्विस नहीं मिल रही तो फिर टोल टैक्स क्यों वसूला जा रहा है? सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस के. विनोद चंद्रन और जस्टिस एनवी अंजारिया की पीठ ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) और याचिकाकर्ता गुरुवायूर इंफ्रास्ट्रक्चर द्वारा दायर अपीलों पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की। दरअसल, हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय राजमार्ग 544 के एडापल्ली-मन्नुथी खंड की खराब स्थिति और चल रहे निर्माण कार्यों के कारण गंभीर यातायात जाम के कारण त्रिशूर के पलियाक्कारा टोल प्लाजा पर चार सप्ताह के लिए टोल वसूली पर रोक लगा दी गई थी। जिसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में अपील लगाई है।
राऊ–देवास बायपास पर हो चुकी हैं तीन मौतें
इंदौर के राऊ–देवास बायपास पर पिछले दिनों लगे 20 घंटे के लंबे जाम में 3 लोगों की मौत हो चुकी है। उसके बावजूद एनएचएआई ने यहां पर टोल वसूली जारी रखी थी। अगर राऊ–देवास बायपास और मांगलिया रोड़ इन दोनों ही टोल टैक्स वसूली की बात करें तो यहां से प्रतिदिन लगभग 45 लाख रुपए की टोल वसूली हो रही है। वहीं, मेंटेनेंस के लिए डीजी बाहिलकर कंपनी को 68 करोड़ रुपए में काम दे रखा है। इसके बावजूद बायपास और सर्विस रोड़ दोनों पर ही गढ्ढों की भरमार है। ये गढ्ढे लगभग 1 फीट तक गहरे हैं।
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गड्ढे के कारण हो चुकी है मौत
राऊ सर्कल पर 1.22 किमी के इस फ्लाईओवर का ठेका 47 करोड़ रुपए में दिया गया था। इसे रीवा की कंपनी विंध्या कंस्ट्रक्शन ने बनाया है। इसका लोकार्पण 21 दिसंबर 2024 को किया था। ब्रिज बनने के 8 महीने के अंदर ही इसमें बड़े–बड़े गड्ढे हो चुके हैं, जिनसे रोजाना हादसे हो रहे हैं। पिछले दिनों एक कार सवार ने इसी ब्रिज पर गड्ढा बचाने के दौरान एक बाइक सवार दो लोगों को टक्कर मार दी। जिसमें से एक व्यक्ति की मौत हो गई।
सर्विस रोड़ की मिली प्रारंभिक मंजूरी
60 मीटर चौड़े इस बायपास पर फोरलेन का काम साल 2000 में पूरा हुआ था। समय के साथ यह भी छोटा पड़ने लगा तो इसे सिक्स लेन किया गया। अब सर्विस रोड चौड़ी होगी। बायपास पर मांगलिया (राऊखेड़ी) से राऊ तक 35 किमी फोरलेन सर्विस रोड बनाने की तैयारी है। इसके लिए एनएचएआई ने प्रारंभिक मंजूरी दे दी है। ये सर्विस रोड करीब 700 करोड़ रुपए की लागत से बनाई जाएगी।
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इस प्रोजेक्ट की डीपीआर बना रहे
कलेक्टर आशीष सिंह ने पहले 22.5 मीटर की फोरलेन सर्विस रोड के लिए एनएचएआई चेयरमैन को पत्र लिखा था। तब यह कहकर इनकार किया गया था कि एक जगह ऐसा किया तो पूरे देश में करना पड़ेगा, लेकिन पिछले दिनों कलेक्टर सिंह ने फिर चेयरमैन से चर्चा की थी। बताया जा रहा है कि अधिकृत मंजूरी और डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाने में 5 से 6 माह लगेंगे। NHAI के अफसराें के मुताबिक डीपीआर बनाने के लिए प्रस्ताव नई दिल्ली स्थित मुख्यालय को भेज दिया गया है।
बायपास किनारे बसी कॉलोनियों के लोगा भी परेशान
गड्ढों के कारण बायपास के दोनों ओर गांवों के लोगों के लिए भी मुश्किल हो गई है। निपानिया, तलावली चांदा, मायाखेड़ी, सुलकाखेड़ी, अरण्या, झलारिया, पानोड, तिल्लौर खुर्द, अंबामुला जैसे कई गांवों के लोगों को सर्विस रोड से होकर बायपास पर आना होता है। गड्ढों से गुजरकर इन्हें सफर करना पड़ता है। इनके अलावा बायपास पर बनी 40 से ज्यादा कॉलोनियों के लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
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कुछ ऐसी हालत है नेशनल हाईवे की
- रालामंडल सर्विस रोड की हालत सबसे ज्यादा खराब है। यहां रोजाना सुबह 8 बजे से लेकर रात 9 बजे तक दो से तीन बार जाम की स्थिति बन जाती है। एक बार जाम लगना शुरू होता है तो वह लगभग 1 किमी लंबा होता है। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि यहां फ्लाईओवर का काम बहुत ही धीमी गति से चल रहा है। जिसके कारण सर्विस रोड पर पूरा ट्रैफिक आता है। वहीं, सर्विस रोड की हालत बहुत ही खराब है।
- देवगुराड़िया से नायता मुंडला तरफ की सर्विस रोड का काम नहीं हुआ है। 10-10 फीट चौड़े गड्ढे हैं। रोजाना दो से तीन वाहन चालक हादसे का शिकार हो रहे हैं। पानी भरा होने के कारण गड्ढों का पता ही नहीं चल पाता, जिससे छोटे वाहन इनमें फंस जाते हैं।
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- द पार्क होटल की तरफ यानी फीनिक्स सिटाडेल के दूसरी तरफ वाली सर्विस रोड की हालत बहुत ही खराब है। फ्लाईओवर बनने से स्थिति बदतर हो गई है। इस तरफ सर्विस रोड पर लगभग 1 किमी तक जगह-जगह गड्ढे हो रहे हैं। यही स्थिति फीनिक्स सिटाडेल की तरफ वाली सर्विस रोड पर भी है।
- बायपास पर सर्विस रोड पर तो गड्ढे हैं ही, कनाडिया फ्लाईओवर पर भी दोनों तरफ तीन से चार छोटे-बड़े गड्ढे हो रहे हैं। ज्यादा परेशानी की बात यह है कि कनाड़िया फ्लाईओवर के पहले भी बड़ा गड्ढा हो गया है, जहां पहले एनएचएआई ने डामर से पैचवर्क किया था।
- द ग्रैंड शेरेटन के सामने वाली सर्विस रोड भी काफी खराब है। वाहन चालकों को दूर से गड्ढे छोटे नजर आते हैं। तेज स्पीड होने में आ रहे वाहन जम्प कर जाते हैं और संतुलन बिगड़ता है। शेरेटन की तरफ जाने वाली सड़क पर तो गड्ढे नहीं हैं लेकिन शेरेटन के सामने बड़े-बड़े गड्ढे हैं।
- राऊ सर्कल सर्विस रोड पर 5-6 फीट तक के गड्ढे हो गए थे। एनएचएआई की टीम ने पैचवर्क कर लीपापोती की थी। उसके बावजूद हालत खराब हो गई।