मप्र स्टेट को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन लिमिटेड मुख्यालय भोपाल द्वारा चार दिन पहले इंदौर सांची दुग्ध संघ के सीईओ पद पर दीपक शर्मा की नियुक्ति के आदेश दिए गए हैं। यह नियुक्ति पूरी तरह से विवादों में आ गई है। इसे लेकर संघ में उथलपुथल मच गई है, लेकिन फैसला भोपाल से होने के चलते इस पर सभी ने चुप्पी साध रखी है।
क्यों आई है शर्मा की नियुक्ति विवादों में
अभी सीईओ पद पर डॉ. आरके दुर्वार पदस्थ थे, लेकिन उनका भोपाल ट्रासंफर होने के बाद अब चार दिन पहले उनकी जगह पर संघ में जनरल मैनेजर मार्केंटिंग पद पर पदस्थ दीपक शर्मा को पदस्थ किया गया है। शर्मा इस पद के लिए लंबे समय से लगे हुए थे।
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अब क्यों है दीपक शर्मा विवादित
विभागीय अधिकारियों ने बताया कि शर्मा इस विभाग में 17 साल से पदस्थ है और अभी भी प्रोबेशन पर ही है, वह अभी तक स्थाई ही नहीं हो सके हैं। उधर जनवरी 2023 में कुछ ऑडियो वायरल हुए थे, जिसमें महिला संबंधी आपत्तिजनक बातें थी, इन वीडियो को दीपक शर्मा से जोड़ा गया था। शर्मा के खिलाफ जबलपुर दुग्ध सीईओ रहते हुए कमलनाथ सरकार के समय भी शिकायतें हुई थी, जिसमें उन्हें सस्पेंड भी किया गया था। उनका मामला हाईकोर्ट तक गया था।
पीएस, एमडी सभी ने साधी चुप्पी
इस मामले में द सूत्र ने दीपक शर्मा से भी बात करने के लिए फोन और संदेश दिए, लेकिन उन्होंने अपने मीडिया संबंधों का हवाला देते हुए संदेश दिया, लेकिन बात नहीं की। वहीं पीएस गुलशन बामरा ने भी कुछ कहने से इंकार कर दिया और वहीं एमडी सतीश कुमार ने भी कोई जवाब नहीं दिया।
दूध के विभाग में कोई दूध से धुला नहीं
उधर एक पक्ष यह भी कहना है कि दुग्ध संघ में कोई भी दूध का धुला नहीं है। यह भी बताया गया कि दीपक शर्मा को इंदौर सीईओ बनने से रोकने के लिए सांची के अफसरों का दूसरा गुट उनके खिलाफ लगातार सक्रिय रहा है। इसी के चलते जनवरी 2023 में वह सीईओ बनते-बनते रह गए थे। लेकिन इस बार वह मुहिम चलने के पहले ही पोस्टिंग ले आए। पोस्टिंग के बाद उनके पुराने आरोप फिर उठने लगे हैं।
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