भूमाफिया चंपू अजमेरा के खेल में कारोबारी संजय लुणावत उलझे, जमीन ले ली, चेक बाउंस हो गए

इंदौर के बिल्डर और आईडीसीए चेयरमैन संजय लुणावत ने डायमंड इंफ्रास्ट्रक्चर के खिलाफ जिला कोर्ट में केस दायर किया है। आरोप है कि 3.38 करोड़ के चेक बाउंस हो गए, जबकि पहले ही जमीन का नामांतरण हो गया था।

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Sanjay Gupta
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इंदौर डिवीजनल क्रिकेट एसोसिएशन (आईडीसीए) के चेयरमैन और बिल्डर संजय लुणावत उलझ गए हैं। आखिरकार दो साल परेशान होने के बाद उन्होंने जिला कोर्ट की शरण ली है और चंपू अजमेरा के रिश्तेदार, कर्मचारी सचिन अजमेरा के नाम पर बनी कंपनी डायमंड पर केस ठोक दिया है। 

3.38 करोड़ के चेक बाउंस हो गए

मुंडला नायता गांव के सर्वे नंबर 145/1/1, 148/1, 149/1/1 और 138/1/1 की कुल 0.912 हेक्टेयर जमीन का यह विवाद है। सेटेलाइट हिल के पास की यह जमीन है, जिसमें कॉलोनी काटने वाले चंपू अजमेरा व अन्य द्वारा 37 हेक्टेयर की इस कॉलोनी में इन सर्वे नंबर को भी जोड़कर नक्श पास करा लिया गया। संजय लुणावत का आवेदन है कि यह जमीन मेरी थी और इसे बेचा ही नहीं था फिर भी फर्जी नक्शा पास कराया गया।

बाद में मामला सुप्रीम कोर्ट में गया तो जिला प्रशासन ने सेटेलाइट हिल, कालिंदी और फिनिक्स कॉलोनी के पीड़ितों के लिए कमेटी बनाई। जिला प्रशासन ने दबाव डाला और कहा कि अब यह जमीन सेटेलाइट हिल वालों को बेच दो, जिससे पीड़ितों को प्लाट मिल सकेंगे। उनके कहने और दबाव के चलते 3 अक्टूबर 2022 को यह जमीन सौदे के 3.38 करोड़ के चेक लेकर जमीन डायमंड इन्फ्रास्ट्रक्चर तर्फे सचिन अजमेरा को बेच दी। लेकिन इसके बाद यह चेक बाउंस हो गए।

चेक बाउंस के पहले नामांतरण ही करा लिया

उधर यह भी एक चालाकी हो गई कि 3 अक्तूबर 2022 को रजिस्ट्री जैसे ही लुणावत से कंपनी डायमंड के नाम पर हुई, आनन-फानन में जिला प्रशासन ने आपत्तियों के बाद भी दो दिसंबर 2022 को इसका नामांतरण कर मारा। वहीं यह होते ही 13 दिसंबर 2022 और मार्च 2023 में कंपनी के दिए सभी चेक बाउंस हो गए। 

लुणावत मांग रहे 7.43 करोड़ रुपए

अब लुणावत ने यह केस जिला कोर्ट में लगाया है और इसमें चेक बाउंस होने का मुद्दा उठाते हुए खुद की इस मामले में 7.43 करोड़ के नुकसान होने की बात कही है। इस मामले में जिला कोर्ट से पक्षकारों को नोटिस जारी हो चुके हैं। 

जमीन तो वैसे भी नहीं बिक सकती थी रोक है

इस जमीन में एक और खेल है। यह जमीन तो वैसे भी लुणावत नहीं बेच सकते थे। इस पर तो साल 2006 से विवाद चल रहा है और साल 2010 से ही जिला कोर्ट से स्टे है। यह स्टे चंद्राप्रभु होम्स को मिला है, इनका आपस में जमीन विवाद चल रहा है, विवादित जमीन में यह सर्वे नंबर शामिल है और इस पर स्टे है।

वहीं जब लुणावत ने डायमंड को यह जमीन बेची थी, तब चंद्राप्रभु ने आपत्ति लेते हुए सार्वजनिक सूचना भी जारी की थी। इस पर लुणावत ने जिला कोर्ट में कहा है कि प्रशासन के दबाव और जल्दबाजी के कारण इस बात का उन्हें ध्यान नहीं रहा कि जिला कोर्ट से इस जमीन की बिक्री पर स्टे है और जमीन बेचने का सौदा कर दिया।

अब लुणावत ने यह सौदा रद्द करने की मांग कोर्ट से की है। यह होता है तो फिर वह इश्यू भी उठेगा कि इस जमीन पर जो प्लाट काटकर कंपनी ने बेच दिए, फिर उन पीड़ितों का क्या होगा। वहीं सेटेलाइट हिल की कुछ जमीन को गिरवी रख कर बैंक लोन लेने के मामले में कैलाश गर्ग पर पहले ही ईडी ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है और इस मामले में एक साल पहले गर्ग और चंपू के घर पर भी ईडी की टीम पहुंच चुकी है।

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संजय लुणावत हाईकोर्ट का नोटिस | MP News 

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