सराफा चौपाटी विवाद पर विधायक मालिनी गौड़ की दो टूक, बोलीं-मेरी विधानसभा में मन से कोई फैसला नहीं ले सकता, मेरा क्षेत्र मैं देखूंगी

विधानसभा 4 की विधायक मालिनी गौड़ ने द सूत्र से कहा कि मैंने दोनों पक्षों के व्यापारियों को बुलाकर उनसे बात की है। दोनों के बीच में समन्वय बैठाकर काम करेंगे। मेरे पास से मिलने आए थे। उसके बाद महापौर के पास मिलने गए थे। मेरा विधानसभा क्षेत्र है।

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Vishwanath Singh
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इंदौर का सराफा चौपाटी विवाद अब राजनीतिक अखाड़ा बन गया है। इसमें व्यापारियों के साथ बैठक में महापौर पुष्यमित्र भार्गव पहले ही चेतावनी दे चुके हैं कि चौपाटी तो वहीं रहेगी। इधर, अब क्षेत्रीय इंदौर विधानसभा चार की विधायक और पूर्व महापौर मालिनी गौड़ ने मैदान पगड़ लिया है। द सूत्र से उन्होंने साफ कहा कि- मेरी विधानसभा में कोई भी मन से कुछ भी फैसला नहीं ले सकता। मेरा विधानसभा क्षेत्र मैं ही देखूंगी।

क्षेत्रीय विधायक मालिनी गौड़ ने द सूत्र से यह कहा

विधानसभा 4 की विधायक मालिनी गौड़ ने द सूत्र से कहा कि मैंने दोनों पक्षों के व्यापारियों को बुलाकर उनसे बात की है। दोनों के बीच में समन्वय बैठाकर काम करेंगे। मेरे पास से मिलने आए थे। उसके बाद महापौर के पास मिलने गए थे। मेरा विधानसभा क्षेत्र है। मुझसे पूछना–ताछना कुछ नहीं, मन से कोई निर्णय नहीं ले पाएंगे। मेरा क्षेत्र मैं देखूंगी। मैंने कुछ व्यापारियों को भी बोला है जो कि अपने ओटलों पर दुकानें लगवाते हैं। सभी लोग एक साथ होकर ओटले खाली करवाओ। जो बाहर के लोग यहां पर घुस गए हैं उनको हटाएंगे। असामाजिकतत्वों को भी हटाएंगे और दोनों का समन्वय बैठाकर फिर बात करेंगे। 

महापौर भी कह चुके, चौपाटी तो रहेगी

सराफा के दोनों पक्षों के व्यापारियों संग सोमवार को महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने बैठक की थी। उसमें महापौर ने स्पष्ट कह दिया था कि सराफा चौपाटी केवल स्वाद का केंद्र ही नहीं, बल्कि इंदौर की परंपरा और धरोहर है। इंदौर को स्वाद की राजधानी बनाने में सराफा चौपाटी की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। देश और दुनिया से आने वाले पर्यटकों की सुरक्षा, अनुशासन और परंपरा को बनाए रखने के लिए नगर निगम पूरी व्यवस्था सुनिश्चित करेगा। पारम्परिक व्यंजनों की दुकानों को ही अनुमति दी जाएगी।

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महापौर के साथ बैठक में मौजूद सराफा व्यापारी

MIC में पहले ही प्रस्ताव हो चुका है पास

सराफा चौपाटी को लेकर एमआईसी में पहले से ही प्रस्ताव पास हो चुका है। जिसमें यह तय हो चुका है कि चौपाटी में पारंपरिक दुकानें लगती रहेंगी। यहां पर जो भी सुरक्षा व स्वच्छता की व्यवस्था है वह नगर निगम के द्वारा मुहैया करवाई जाएगी। इसके बाद नगर निगम के अफसरों को इस चौपाटी को व्यवस्थित किए जाने को लेकर प्लान तैयार करने के लिए भी कहा गया है।

सराफा व्यापारी बोले, ओटले से हटाएंगे चौपाटी

इस विवाद को लेकर सराफा चौपाटी के व्यापारियों में महापौर के रुख को लेकर काफी रोष है। व्यापारियों का कहना है कि हमने मंगलवार शाम को एक बैठक रखी है। जिसमें ओटलों से चौपाटी को हटाने को लेकर बात करेंगे। साथ ही व्यापारियों से शपथ–पत्र भरवाएंगे कि वे अपनी दुकानें के ओटले किसी को भी नहीं देंगे। उन्होंने महापौर के उस बयान को लेकर भी नाराजगी जाताई, जिसमें महापौर भार्गव ने कहा था कि अगर ओटले से हटाया तो सड़क पर चौपाटी लगाएंगे। व्यापारियों का कहना था कि महापौर हमारी परेशानी समझने के बजाए अब खुद सड़क पर अतिक्रमण करवाने की बात कह रहे हैं।

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सराफा व्यापारी पहले विधायक मालिनी गौड़ के पास पहुंचे थे

चौपाटी पर राजनीतिक सरगर्मी तेज

सराफा चौपाटी की आड़ में राजनीतिक उठापटक भी तेज हो गई है। सराफा चूंकि 4 नंबर विधानसभा से लगता है। ऐसे में यहां के व्यापारियों का झुकाव शुरू से ही चार नंबर विधानसभा की तरफ देखा जाता रहा है। ऐसे में कोई भी विवाद हो या फिर कोई शुभ काम इसके लिए क्षेत्रीय व्यापारी सर्वप्रथम क्षेत्रीय विधायक गौड़ के पास ही पहुंचते हैं। इस बार भी ऐसा ही हुआ। जब चौपाटी और सराफा के व्यापारियों के बीच विवाद की शुरूआत हुई तो वे सबसे पहले क्षेत्रीय विधायक के पास पहुंच गए। सूत्रों के मुताबिक इसी से उपजी महापौर पुष्यमित्र भार्गव की नाराजगी सराफा व्यापारियों संग बैठक में फूट पड़ी। सराफा व्यापारियों को महापौर के ऐसे तीखे तेवर देख विश्वास ही नहीं हुआ। क्योंकि दो दिन पूर्व भी व्यापारी महापौर से मिले थे और अपनी परेशानियों से अवगत कराया था। तब व्यापारियों ने महापौर को सराफा में आमंत्रित भी किया था। उस दौरान उन्होंने व्यापारियों को आश्वस्त भी किया था कि मैं एक–दो दिन में ही सराफा आउंगा, लेकिन वे नहीं आए।

गुस्से में मालिनी गौड़, पहले भी अपने तेवर दिखा चुकीं

विधानसभा 4 से विधायक मालिनी गौड़ एक बार फिर सराफा चौपाटी के विवाद पर महापौर पुष्यमित्र भार्गव के हस्तक्षेप से काफी नाराज हैं। इसके पूर्व विधायक मालिनी गौड़ की नाराजगी का कारण इंदौर बीजेपी के ही नेता थे। दरअसल इस विधानसभा में महापौर पुष्यमित्र भार्गव की भी दखल है। सांसद शंकर लालवानी की भी इसमें रूचि है। ऐसे में यह अपने नाम दे रहे हैं तो वहीं पूर्व स्पीकर सुमित्रा महाजन के भी कुछ करीबी समर्थक इसी विधानसभा से हैं तो उन्होंने भी नाम दिए हैं। ऐसे में विधायक गौड़ के समर्थकों के नाम कट रहे हैं। कुल मिलकार गौड़ को लग रहा है कि सभी नेता उन्हीं की विधानसभा में दखल दे रहे हैं और बाकी की विधानसभाओं में कोई कुछ नहीं बोल रहा है। खासकर मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और विधानसभा दो विधायक रमेश मेंदोला की विधानसभा और विधानसभा तीन गोलू शुक्ला की विधानसभाओं में कोई कुछ नहीं बोलता है और यहां उनके हिसाब से काम हो जाते हैं। 

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विधायक गौड़ की विधानसभा में ये दूसरों के समर्थक

विधायक गौड़ की नजर खासकर महामंत्री पद पर है, जिसमें कि तीन ही पद हैं। इसमें एक पर सुधीर कोल्हे का आना तय माना जा रहा है जो विधानसभा दो से हैं। साथ ही भूपेंद्र केसरी का नाम इंदौर एक से आ रहा है वह एससी वर्ग से भी है, जिन्हें एक पद जाना है। हालांकि इसमें विधानसभा तीन के दिनेश वर्मा भी दावेदार है। विधायक गौड़ ने इस पद के लिए वीरेंद्र शेंडगे का नाम दिया है और साथ ही महेश कुकरेजा भी है। लेकिन महापौर भरत पारिख का नाम तो सांसद लालवानी विशाल गिदवानी का नाम भी आगे बढ़ा रहे हैं। पूर्व सांसद महाजन यहां से सुधीर देड़गे, प्रकाश पारवानी का नाम आगे बढ़़ा रही है। इसी के पेंच में विधायक गौड़ को आशंका है कि उनके वालों के नाम काट दिए जाएं। वहीं अन्य पदों के लिए भी गौड़ ने राजेश तोमर, एम अलोदिया, अंशुल शर्मा और सौरभ खंडेलवाल का नाम दिया है। पूर्व राज्यसभा सांसद मेघराज जैन ने वैभव शुक्ला का नाम आगे बढ़ाया है तो वहीं गौरव रणदिवे ऋषि खनूजा को आगे ला रहे हैं।

यह है व्यापारियों के विवाद की जड़

सराफा की रात्रिकालीन चौपाटी में वर्तमान में 45 से ज्यादा तरह के व्यंजनों की लगभग 160 से ज्यादा दुकानें लग रही हैं। इनमें से स्थायी दुकानें तो केवल 80 ही हैं। सराफा चौपाटी के व्यापारी चाहते हैं कि जो बाकी की दुकानें यहां पर लगने लगी हैं वे हट जाएं। इससे चौपाटी में बड़ने वाली अनावश्यक भीड़ कम हो जाएगी। वहीं, सराफा के सोने–चांदी के व्यापारियों का कहना है कि वे शहर के अन्य सराफा बाजारों के जैसे ही यहां पर भी देर रात तक दुकान खोलकर अपना काम–काज करना चाहते हैं, लेकिन समस्या यह है कि रात को 9 बजते ही चौपाटी वाले अपना सामान लेकर यहां पहुंच जाते हैं। ऐसे में ग्राहकी होने के बावजूद उन्हें दुकानें बंद करना पड़ती है। 

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