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Photograph: (the sootr)
राजस्थान के भरतपुर से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है, जिसमें बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान और दीपिका पादुकोण के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है। उपभोक्ता की शिकायत पर यह मामला दर्ज हुआ है, जिसने दावा किया कि उसे एक मैन्युफैक्चरिंग डिफेक्ट वाली कार बेची गई थी।
क्या है पूरा मामला?
भरतपुर निवासी कीर्ति सिंह ने शिकायत की थी कि उसने हुंडई (Hyundai Car) की एक नई कार खरीदी थी, लेकिन पहले ही दिन से उसमें तकनीकी खामियां सामने आईं। कई बार शिकायत करने के बावजूद कंपनी ने कोई कार्रवाई नहीं की। थक-हारकर उन्होंने कानूनी रास्ता अपनाया। पहले भरतपुर की सीजेएम कोर्ट में एक निजी शिकायत (इस्तगासा) दायर की, जिसके बाद कोर्ट ने पुलिस थाने को इस मामले में एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया।
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क्यों नाम आया शाहरुख और दीपिका का?
इस मामले में सवाल उठता है कि जब कार बेची गई थी, तो शाहरुख और दीपिका का नाम क्यों लिया गया। दरअसल ब्रांड एंबेसडर सिर्फ विज्ञापन के चेहरें नहीं होते। कानून के मुताबिक, यदि कोई व्यक्ति किसी उत्पाद का प्रचार करता है और उस उत्पाद में खराबी पाई जाती है, तो ब्रांड एंबेसडर भी जिम्मेदार ठहराए जा सकते हैं। कीर्ति सिंह ने आरोप लगाया है कि उन्होंने इन दोनों सितारों के विज्ञापनों पर विश्वास करके ही यह कार खरीदी थी।
एफआईआर में क्या धाराएं हैं?
पुलिस ने इस मामले में धोखाधड़ी (धारा 420) सहित कई अन्य धाराओं में केस दर्ज किया है। इस केस में हुंडई कंपनी के अलावा शाहरुख खान, दीपिका पादुकोण और कंपनी के 6 अन्य कर्मचारियों का नाम शामिल किया गया है।
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कंपनी और उपभोक्ता के अधिकार
यह मामला सीधे तौर पर उपभोक्ता के अधिकारों से जुड़ा हुआ है। उपभोक्ता का विश्वास बनाने के लिए ब्रांड एंबेसडर की जिम्मेदारी होती है कि वे एक अच्छे और गुणवत्ता वाले उत्पाद को प्रचारित करें। यदि कोई उत्पाद दोषपूर्ण पाया जाता है, तो इसके लिए जिम्मेदारी संबंधित ब्रांड एंबेसडर की भी होती है।
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ब्रांड एंबेसडर की जिम्मेदारी
यह मामला उपभोक्ता के अधिकारों का उल्लंघन और ब्रांड एंबेसडर की जिम्मेदारी पर प्रकाश डालता है। जब कोई मशहूर व्यक्ति किसी उत्पाद का प्रचार करता है, तो उस उत्पाद की गुणवत्ता पर उसका प्रभाव पड़ता है। ऐसे मामलों में ब्रांड एंबेसडर पर भी उपभोक्ताओं के प्रति जवाबदेही होती है, क्योंकि उनके कारण ही ग्राहक उस उत्पाद को खरीदने का फैसला करते हैं।
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न्यायिक प्रक्रिया और आगे की कार्रवाई
भरतपुर पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है और भविष्य में इस मामले में और जानकारी सामने आने की संभावना है। यह केस उपभोक्ताओं के अधिकारों और ब्रांड एंबेसडर की जिम्मेदारी पर एक बड़ा सवाल उठाता है।
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उपभोक्ताओं के लिए संदेश
यह घटना उपभोक्ताओं को जागरूक करने का अवसर प्रदान करती है कि वे किसी भी उत्पाद को खरीदने से पहले उसकी गुणवत्ता और विज्ञापन पर विश्वास करने से पहले पूरी जानकारी प्राप्त करें। इसके अलावा, ब्रांड एंबेसडर को भी इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि जो उत्पाद वे प्रचारित कर रहे हैं, उसकी गुणवत्ता सर्वोत्तम हो।
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