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छत्तीसगढ़ विद्युत नियामक आयोग (CSERC) ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए बिजली दरों (टैरिफ) की घोषणा कर दी है। इस बार औसतन सिर्फ 1.89% की बढ़ोतरी की गई है, जो कि पिछले कई सालों में सबसे कम वृद्धि मानी जा रही है।
टैरिफ तय करने की प्रक्रिया पारदर्शी रही
टैरिफ निर्धारण से पहले जनसुनवाई की प्रक्रिया अपनाई गई। इसमें आम उपभोक्ताओं, उद्योगपतियों और विशेषज्ञों ने अपनी बात रखी। उसके बाद ही यह संशोधित दरें लागू की गई हैं।
घरेलू उपभोक्ताओं को मिली राहत
घरेलू बिजली दरों में बहुत ही मामूली वृद्धि की गई है।
नई दरों के अनुसार, बिजली की कीमत केवल 10 से 20 पैसे प्रति यूनिट बढ़ी है।
इससे आम जनता पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ नहीं पड़ेगा।
कृषि पंप उपभोक्ताओं के लिए सब्सिडी का कवच
- खेती में इस्तेमाल होने वाले बिजली पंपों के लिए 50 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी की गई है।
- लेकिन ये पैसा सरकार पहले से ही सब्सिडी के रूप में भुगतान कर रही है, यानी किसानों पर कोई बोझ नहीं पड़ेगा।
- यह सुनिश्चित किया गया है कि किसानों को निरंतर और किफायती बिजली मिलती रहे।
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उद्योगों को सस्ता बिजली टैरिफ — प्रतिस्पर्धा में बढ़त
राज्य सरकार ने ऊर्जा-गहन उद्योगों को राहत देने का बड़ा फैसला लिया है। मिनी स्टील प्लांट्स, रोलिंग मिल्स और फेरो एलॉय जैसे उद्योगों की बिजली दरों में कटौती की गई है। इससे उत्पादन लागत घटेगी और उद्योगों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा में मदद मिलेगी।
बिजली आपूर्ति: बेहतर नेटवर्क, कम हानि
शहरी क्षेत्रों में औसतन 23.85 घंटे/दिन और ग्रामीण क्षेत्रों में 23.45 घंटे/दिन बिजली मिल रही है। कृषि फीडरों को 18 घंटे/दिन की बिजली दी जा रही है — जो देश के कई राज्यों से बेहतर है।
AT&C Loss में भारी गिरावट
2020-21 में AT&C Loss (तकनीकी और व्यावसायिक नुकसान) 23.14% था। इसे घटाकर 2024-25 में 13.79% कर दिया गया है। यह दर्शाता है कि बिजली आपूर्ति प्रणाली ज्यादा कुशल, पारदर्शी और व्यवस्थित हो गई है।
अधोसंरचना में बड़ा निवेश — भविष्य के लिए तैयारी
नए टैरिफ प्लान में ऊर्जा अधोसंरचना (infrastructure) के विकास पर जोर दिया गया है: 2433 करोड़ ट्रांसमिशन कंपनी को, 3977 करोड़ डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी को, 2992 करोड़ जनरेशन कंपनी को आवंटित किए गए हैं।
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1️⃣ टैरिफ में मामूली बढ़ोतरी 2️⃣ घरेलू उपभोक्ताओं को राहत 3️⃣ किसानों पर नहीं पड़ेगा बोझ 4️⃣ उद्योगों के लिए राहत पैकेज 5️⃣ आपूर्ति में सुधार और निवेश |
कोरबा में 1320 मेगावाट का नया पावर प्लांट
कोरबा में 1320 मेगावाट क्षमता का एक नया बिजली संयंत्र बन रहा है। इसकी कुल लागत ₹15,800 करोड़ है। यह प्लांट बनने के बाद छत्तीसगढ़ को ऊर्जा की अधिकता (energy surplus) वाला राज्य बनाने में मदद मिलेगी।
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डबल सब्सिडी योजना
राज्य सरकार और केंद्र सरकार मिलकर छत्तीसगढ़ में सोलर ऊर्जा को बढ़ावा दे रही हैं प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना के तहत 3 किलोवाट तक के सोलर संयंत्र पर ₹78,000 की केंद्र सरकार से सब्सिडी मिलेगी। साथ ही अतिरिक्त 2 किलोवाट पर ₹30,000 की राज्य सरकार से अनुदान दिया जाएगा। इससे घरों में बिजली बिल में भारी बचत होगी और लोग ऊर्जा के मामले में आत्मनिर्भर बन सकेंगे।
बिजली क्षेत्र में 3 लाख करोड़ के करार
बिजली और ऊर्जा क्षेत्र में 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक के करार किए गए हैं। इससे राज्य में आने वाले वर्षों में बिजली उत्पादन में बढ़ोतरी होगी और हजारों रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
ऊर्जा सुधारों से हर वर्ग को लाभ
छत्तीसगढ़ में किए जा रहे ऊर्जा सुधारों से घरेलू उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली, किसानों को सब्सिडी का संरक्षण, उद्योगों को प्रतिस्पर्धी बढ़त, और पर्यावरण के लिए सौर ऊर्जा जैसी अनेक दिशा में लाभ मिल रहा है। राज्य अब ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और गुणवत्ता दोनों की ओर तेज़ी से बढ़ रहा है।
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