इंदौर में मप्र विधानसभा अध्यक्ष तोमर और सीएम मोहन यादव ने कहा, राष्ट्रीय कवि सत्यनारायण सत्तन मां हिंदी के सेवक
राष्ट्रीय कवि एवं कुशल संचालक सत्य नारायण सत्तन को देवी अहिल्याबाई नगर गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया। सत्तन को एक लाख एक हजार एक सौ एक रुपए की सम्मान निधि, मालवी पगड़ी, देवी अहिल्या की मूर्ति और मान–पत्र देकर सम्मानित किया।
इंदौर में राष्ट्रीय कवि और बीजेपी के वरिष्ठ नेता सत्यनारायण सत्तन के लिए बुधवार का दिन काफी खास रहा। उन्हें देवी अहिल्या बाई नगर गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया। इस मौके पर मुख्य अतिथि के तौर मध्य प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष नरेंद्रसिंह तोमर भी मौजूद थे। सत्तन के सम्मान को लेकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी वीडियो मैसेज के जरिए उन्हें बधाई दी थी।
सत्तन को देवी अहिल्या नगर गौरव सम्मान
राष्ट्रीय कवि एवं कुशल संचालक सत्य नारायण सत्तन को देवी अहिल्याबाई नगर गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया। मध्य प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष नरेंद्रसिंह तोमर, विधायक मालिनी गौड़ और उषा ठाकुर ने सत्तन को एक लाख एक हजार एक सौ एक रुपए की सम्मान निधि, मालवी पगड़ी, देवी अहिल्या की मूर्ति और मान–पत्र देकर सम्मानित किया। इस मौके पर पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, संस्कृतिकर्मी जयंत भिसे, पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता विशेष रुप से उपस्थित थे।
शब्दों में नहीं बांधा जा सकता सत्तन गुरू को
अपने मुख्य संबोधन में तोमर ने कहा कि न्यायप्रियता को अपने अंदर अंगीकार करना आज के वक्त की आवश्यकता है। देवी अहिल्याबाई होलकर को हम जितना पढ़ेंगे, हमारी राष्ट्र के प्रति रुचि अधिक जागृत होगी। देवी अहिल्या के जीवन से शासन, सुशासन और न्यायप्रियता जैसी कई चीजें सीखी जा सकती हैं। जो कि जीवन यात्रा को सुखदायी और समृद्ध भी बना सकते हैं। सत्तन गुरु वो हैं जिन्हें शब्दों में नहीं बांधा जा सकता। सत्यनारायण सत्तन मां हिंदी के सेवक हैं, जिन्होंने न केवल इंदौर में वरन पूरे भारत में नाम किया।
तिलक लगाकर मालवी पगड़ी पहनाकर किया सम्मानित
राजनीति के दौरान लोगों ने की आलोचना
सत्यनारायण सत्तन ने कहा कि लघुता से ही प्रभुता आती हैं। मां अहिल्या की मुझ पर बहुत कृपा है कि सतत 60 वर्षो में जिस भी कार्य को हाथ लगाया उसे अधूरा नहीं छोड़ा। कार्य हमेशा मन की निष्ठा के साथ करो। आप जैसा काम करोगे, फल वैसा ही प्राप्त होगा। जीवन में जो भी कमाया कविता पाठ करके ही कमाया। लोगों को निःशुल्क विद्यादान देकर लोगों की सेवा की। राजनीति के दौरान लोगों ने अलोचना भी की। हालांकि जीवन में विपक्ष भी उतनी ही जरुरी है, जितना शरीर को श्वास की। आज यह पगडी पाकर मेरे सिर का मान बढा हैं। इस दौरान सत्तन ने जनता के आग्रह पर देशभक्ति और देवी अहिल्याबाई के जीवन पर केन्द्रित कविताएं भी सुनाईं।
सीएम डॉ. यादव बोले, सत्तन ने की मां सरस्वती की अद्भुत सेवा
इस सम्मान समारोह को लेकर सीएम डॉ. मोहन यादव ने भी राष्ट्रीय कवि सत्यनारायण सत्तन के लिए एक वीडियो संदेश दिया। इसमें उन्हाेंने कहा कि हम सभी जानते हैं कि सत्तन ने मां सरस्वती की अद्भुत सेवा की है। उन पर मां की कृपा भी काफी है। जब वे अपनी काव्य गाथा शुरू करते हैं तो हर व्यक्ति उनकी काव्य यात्रा में डूब जाता है। वे अद्भुत व्यक्तित्व के धनी सत्तन ने जब अपनी जीवन यात्रा शुरू की तो वर्षों तक किसानों व मजदूरों के संघर्ष के साथ अपनी पहचान बनाई। वे विधायक भी उत्कृष्ट रहे और पूरे देश में वर्तमान में कवियों में वे राष्ट्र भाषा के श्रेष्ठ कवि के नाते पहचाने जाते हैं।
सीएम डॉ. मोहन यादव का सत्तन को लेकर बधाई संदेश
तीन दिन का उत्सव हुआ शुरू
देवी श्री अहिल्या जन्मोत्सव समिति, मध्य प्रदेश शासन, संस्कृति विभाग द्वारा जिला प्रशासन के सहयोग से लोकमाता देवी अहिल्या जयंती समारोह की शुरुआत 28 मई से हो चुकी है। समिति की संरक्षक विधायक उषा ठाकुर व सचिव सुनील गणेश मतकर ने बताया कि इस बार लोकमाता अहिल्याबाई का 300वां जन्म-जयंती वर्ष हैं। इस तीन दिनी उत्सव में सम्मान समारोह, महानाट्य का मंचन सहित विभिन्न कार्यक्रम होंगे।
29 मई को शाम 7 बजे वीआईपी परस्पर नगर नर्मदा चौराहा स्थित लता मंगेशकर आडिटोरियम में महानाटय शिव योगिनी अहिल्या का मंचन होगा। देवी अहिल्या बाई होलकर के अवदान पर केन्द्रित इस महानाट्य को प्रख्यात नाटयकर्मी स्व. डाॅ. गणेश शंकर मतकर ने लिखा हैं। इसका निर्देशक नाटयकर्मी सुनील मतकर और सतीश मुंगरे ने किया हैं। 31 मई को सुबह सात बजे 125 भजन मंडली कलादल व बैंड वादकदल द्वारा देवी अहिल्या बाई को सांस्कृतिक आदरांजलि दी जायेगी। इसके पहले राजवाड़ा पर देवी अहिल्या की प्रतिमा पर माल्यार्पण होगा। इसी दिन शाम को साढ़े सात बजे 300 दीप प्रज्वलन के साथ महाआरती होगी।
इस सम्मान समारोह के अवसर पर वीर रस के लोकप्रिय कवि प्रख्यात मिश्रा का राष्ट्रीय काव्य पाठ हुआ। उन्होंने अयोध्या में नवनिर्मित रामलला के मन्दिर पर केंद्रित रचना पाठ किया। श्रोताओं की आग्रह पर देश भक्ति और राष्ट्र प्रेम से ओतप्रोत कविताएं सुनाकर समा बांध दिया। इस मौके पर सुनील मतकर, मन्वेंदृ त्रिवेदी, डॉ. योगेंद्रनाथ शुक्ल, अनिता मतकर, अर्पणा मतकर, वंदना लालगे भी मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन राजीव झालानी ने किया।