संजय गुप्ता @ INDORE. इंदौर के मतदाता ( voter ) वोट की ताकत दिखा रहे हैं। बीते चुनाव 2019 में दोपहर 1 बजे तक 37 फीसदी वोटिंग थी, वहीं इस बार 38.60 फीसदी वोटिंग इंदौर संसदीय क्षेत्र मे हो चुकी है। चुनाव आयोग सीईओ अनुपम राजन ( Election Commission CEO Anupam Rajan ) ने भोपाल में बताया कि सुबह 11 बजे तक इंदौर में बीते चुनाव में 23.40 फीसदी वोटिंग थी जो इस बार 25.01 फीसदी रही। वोटिंग का समय शाम 6 बजे तक है, बीते चुनाव में 69.33 फीसदी वोटिंग थी। बिना कांग्रेस प्रत्याशी के हो रहे इस चुनाव में कम वोटिंग की आशंका के बीच यह आंकडे राहत दने वाले हैं।
फिर देपालपुर वोटिंग में सबसे आगे
वोटिंग में ग्रामीण मतदाता फिर शहरी मतदाताओं से आगे है।
1. देपालपुर- 44.74 फीसदी
2. सांवेर- 42.75 फीसदी
3. राउ- 40.28 फीसदी
शहरी क्षेत्र में- इंदौर तीन सबसे पीछे
इंदौर एक में 38.26 फीसदी, इंदौर दो में 36.82 फीसदी, इंदौर तीन 33.20 फीसदी, इंदौर चार 37.23 फीसदी, इंदौर पांच 35.12 फीसदी ।
विधानसभा चुनाव के बराबर चल रहा अभी
उधर कलेक्टर ने छुट्टी नहीं देने पर कार्रवाई शुरू की
इधर, कलेक्टर आशीष सिंह ने मतदान के लिए छुट्टी न देने वाले संस्थानों पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। आईटी कंपनी के साथ ही स्टारबक्श कैफे पर कार्रवाई की गई, इन्होंने कर्मचारियों को छुट्टी नहीं दी थी। उन्होंने स्पष्ट कहा है कि जो व्यावसायिक संस्थान अपने कर्मचारियों को मतदान के लिए सवैतनिक अवकाश नहीं दे रहे हैं, उनके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। कलेक्टर ने ADM सहित अन्य संबंधित अधिकारियों को निरीक्षण के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर के निर्देश पर ADM सपना लोवंसी एवं पांच अन्य SDM की टीम उन सूचनाओं पर कार्रवाई कर रही है। SDM प्रियंका चौरसिया, प्रदीप सोनी, निधि वर्मा की अगुवाई में 5 दल गठित किए हैं। जो विभिन्न संस्थानों का निरीक्षण कर आदेश का उल्लंघन पाए जाने पर क़ानूनी कार्रवाई करेंगे।
इधर विजयवर्गीय के बूथ पर बीजेपी-कांग्रेसी उलझे
इधर, वोटिंग के दौरान राऊ के बाद नंदा नगर के सुगनी देवी कॉलेज परिसर में कांग्रेस और बीजेपी कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए। वहां पुलिस और सुरक्षा बल पहुंचे। विवाद कर रहे कार्यकर्ताओं को अलग किया। यह बूथ वही है जहां मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने वोट डाला था। जिले के ढाई हजार बूथों में से अब तक करीब 25 जगह मशीनों को तकनीकी खराबी के कारण बदला गया है। ऐसा कोई बूथ नहीं है जहां चुनाव का बहिष्कार हुआ हो। सभी जगह वोट डल रहे हैं।
कांग्रेस नोटा के प्रचार में जुटी, बीजेपी अधिक वोटिंग में लगी
उधर कांग्रेस नोटा के प्रचार में जुटी है और अपने समर्थकों को अधिक से अधिक नोटा में वोट डलवाने की अपील कर रहे हैं। कांग्रेस तीन लाख वोट नोटा में डलवाने का लक्ष्य लेकर चल रही है। वहीं बीजेपी लगातार मैदानी कार्यकर्ताओं के जरिए अधिक से अधिक वोट डलवाने मे जुटी है और उनका लक्ष्य 70 फीसदी वोटिंग का है।