INDORE : इंदौर में श्री गुरुसिंघ चुनाव के पहले हाईकोर्ट के आर्डर पर मोनू उर्फ हरपाल सिंह भाटिया और बंटी उर्फ प्रितपाल सिंह भाटिया का अमृतधारी सिख होने का टेस्ट मंगलवार 1 अक्टूबर को होने के दिन हंगामा मच गया। शाम चार बजे से सात बजे तक चुनाव अधिकारी कार्यालय में जमकर विवाद हुआ। हालत यह हुई है कि हंगामा रोकने के चुनाव अधिकारियों को गुरुघर में पुलिस को बुलाना पड़ा। गुरुघर में पुलिस के आने से समाज में भारी नाराजगी है और इसे बेअदबी के तौर पर देखा जा रहा है। उधर अब चुनाव अधिकारी ने श्री अकाल तख्त से इन हालातों में मार्गदर्शन मांगा है और ई मेल भी कर दिया है कि आगे वह क्या करें? जिला प्रशासन की ओर से लॉ एंड आर्डर पर नजर रखने और मजिस्ट्रियल ड्यूटी के लिए आईएएस अपर कलेक्टर गौरव बैनल थे। उन्होंने सभी पक्षों को समझाते हुए विवाद को शांत कराया और पुलिस को भी गुरुघर से जाने के लिए कहा।
चार बजे से 7 बजे तक यह चला हंगामा
सभी पक्षकारों को चुनाव अधिकारी ने मंगलवार चार बजे श्री गुरुसिंघ सभा के चुनाव कार्यालय में पहुंचने के लिए बुलाया। इस दौरान मोनू भाटिया और बंटी भाटिया भी पहुंच गए। टेस्ट लेने के लिए ज्ञानी भी पहुंच गए थे। लेकिन मोनू की ओर से लिखित जवाब दिया गया कि मैं अमृतधारी हूं, मेरे पास अकाल तख्त का सर्टिफिकेट है, मुझे पंजाबी बोलना और लिखना आती है। लेकिन बेवजह यह लोग उलझा रहे हैं और चुनाव को लगातार टालने की कोशिश हो रही है क्योंकि यह हार रहे हैं। इस दौरान चुनाव अधिकारी को उन्होंने टेस्ट देने से यह कहते हुए इंकार कर दिया कि ऐसा हाईकोर्ट के आर्डर में कही नहीं है। केवल आपत्ति सुनने की बात थी तो इस पर मैं जवाब दे रहा हूं। चुनाव अधिकारी ने पूरे घटना क्रम की वीडियो रिकार्डिंग कराई तो वहीं मोनू ने भी रिकार्डिंग कराई और कहा कि हाईकोर्ट में मैं सबूत के साथ पेश करूंगा।
समर्थकों ने धरना दिया, प्रदर्शन किया
उसी दौरान चुनाव अधिकारी हरप्रीत सिंह सूदन (बक्शी) ने जब लिखित जवाब लेने से इंकार किया तो समर्थकों ने हंगामा शुरू कर दिया। मोनू समर्थकों के साथ वहीं चुनाव कार्यालय पर धरने पर बैठ गए। काफी देर हो हल्ला चला। इसके बाद पुलिस को बुलाना पड़ी। कुछ देर की समझइश के बाद सभी शांत हुए और मौके से चले गए। हालांकि गुरुघर में पुलिस के आने पर समाज में भारी नाराजगी और असंतोष देखा गया। जबकि एसीपी ने कहा कि पुलिस ने पूरी मर्यादा का पालन करते हुए सिर ढंककर ही गुरुघर में ही प्रवेश किया और सारी प्रक्रिया शांति से हुई है। कोई विवाद नहीं हुआ। किसी ने हमे नहीं रोका, एहतियात के तौर पर हम गए थे कि कोई विवाद नहीं हो जाए।
श्री अकाल तख्त से मांगा मार्गदर्शन
चुनाव अधिकारी सूदन ने द सूत्र को बताया कि हमने पोथी बुला ली थी और पंच ज्ञानी जी भी आ गए थे लेकिन मोनू ने टेस्ट देने से मना कर दिया। लिखित जवाब दिया है। इस मामले में अब श्री अकाल तख्त को ईमेल कर दिया है और मार्गदर्शन मांगा है, क्योंक इस तरह की स्थिति पहली बार आई है। उन्हें हाईकोर्ट के आदेश की भी जानकारी दे दी है। जैसे ही वहां से जो मार्गदर्शन मिलेगा उसका पालन करेंगे। यदि हाईकोर्ट में याचिका लगती है तो जो घटनाक्रम हुआ उसे पूरा लिखित में भी लिया है, वह रिपोर्ट पेश कर देंगे।
मोनू और बंटी के टेस्ट की थी तैयारी
हाईकोर्ट के आदेश पर चुनाव अधिकारी हरप्रीत सिंह सूदन (बक्शी) ने खालसा-फतेह पैनल के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार मोनू और सचिव पद के उम्मीदवार बंटी के गुरुमुखी टेस्ट की तैयारी की थी। दूसरी पैनल खंडा के उम्मीदवार रिंकू उर्फ मनजीत सिंह भाटिया की ओर से आपत्ति लेने वाले भी वहां मौजूद थे।
अयोग्य हुए तो क्या होगा
यदि दोनों उम्मीदवार इस टेस्ट में फेल हो जाते हैं, तो अयोग्य घोषित होते। वहीं अब नामांकन रद्द होता है तो भी इस स्थिति में अध्यक्ष पद पर रिंकू भाटिया निर्विरोध आ जाएंगे क्योंकि सामने इकलौते उम्मीदवार मोनू ही है। इसी तरह सचिव पद पर भी इंदरजीत सिंह होरा निर्विरोध आ जाएंगे, उनके सामने इकलौते उम्मीदवार बंटी भाटिया ही है। यानी खंडा पैनल का एकतरफा कब्जा हो जाएगा।
मोनू और रिंकू, अधिकारी क्या बोले...
मोनू- एक साल में चुनाव होते हैं 12 साल से कुर्सी पर डटे हुए हैं। नए-नए हथकंडे अपनाए जा रहे हैं क्योंकि उन्हें हार दिख रही है। मैं अमृतधारी होने के सभी सबूत दे चुका हूं। अब सिलेक्शन की बात कर रहे हैं, दो साल से चुनाव अटकाए जा रहे हैं। मेरा जवाब लेने के लिए ढाई घंटे लगा दिए।
रिंकू भाटिया- डॉक्टर भी टेस्ट करने के लिए आए थे, गुरमुखी ज्ञान देखने के लिए ग्रंथी साहब आए थे। जो खुद रहत मर्यादा का पालन नहीं करते, वह कैसे समाज को शिक्षा देगा। जिस पद के लिए वह लड़ रहे हैं, उसके लिए ही वह उपयुक्त नहीं, यह तो समाज को तय करना है। जर्दा, तंबाकू खाने वाला कैसे समाज का प्रतिनिधित्व करेगा।
एडीएम गौरव बैनल - प्रशासन यहां म़जिस्ट्रियल ड्यूटी के लिए था, सामने वाले पक्ष ने चुनाव अधिकारी को बताया कि वह टेस्ट नहीं देना चाहते हैं लिखित जवाब देंगे। चुनाव अधिकारी ने वीडियो रिकार्डिंग और हमारी उपस्थिति में जवाब ले लिया। प्रशासन लॉ एंड आर्डर के लिए मौजूद था।
एसीपी ने यह कहा- एसीपी ने कहा कि हमे तहसीलदार से सूचना मिली थी, एहतियात के तौर पर आए थे। सभी प्रक्रिया शांति से हुई। पुलिस को अंदर आने से नहीं रोका गया, पुलिस नियमों से सिर ढंकते हुए अंदर गए थे।
चुनाव अधिकारी- चुनाव अधिकारी सूदन ने कहा कि पहली बार ऐसी स्थिति आई है, इसलिए श्री अकाल तख्त को ई मेल कर मार्गदर्शन मांगा है। इसके बाद ही आगे की स्थिति तय होगी कि क्या करना है।
क्या है नियम में
इंदौर श्री गुरुसिंघ सभा के नियम
इंदौर श्री गुरसिंघ सभा फर्म्स एंड सोसायटी में रजिस्टर्ड संस्था भी है। सभा के सदस्य बनने के नियम 1 में लिखा है कि-
- कम से कम 18 साल का हो
- गुरुमुकी लिख-पढ़ सकता हो या पढ़ने का प्रण करें
चुनाव लड़ने के लिए नियम
वहीं कार्यकारिणी कमेटी के मेंबर के लिए नियम 19 में साफ है कि -
- कैशधारी होकर अमृतधारी हो औऱ् रहित मर्यादा में पक्का हो
- जो गुरुमुखी अच्छी तरह से लिख-पढ़ सकता हो
- जो गुटका और तंबाकू इस्तेमाल नहीं करता हो
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