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पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने फैसला लिया था कि जो पाकिस्तान से वीजा पर भारत आए हैं वह 48 घंटे में देश छोड़ दें। इसे लेकर वह सभी हिंदू सिंधी परेशान हो गए जो लांग टर्म वीजा (एलटीवी) पर भारत आए हैं। इनकी इंदौर में संख्या साढ़े चार हजार से ज्यादा है। कुछ शहरों में तो कलेक्टर, एसपी द्वारा लिस्ट बनाकर इन्हें जाने के संदेश दे दिए गए। इस पर अब स्थिति स्पष्ट हुई है और सांसद शंकर लालवानी ने विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय के अधिकारियों से बात कर सिंधी भाषा में एक वीडियो संदेश भी जारी किया है।
सांसद लालवानी ने यह बात कही
सांसद शंकर लालवानी ने वीडियो संदेश जारी किया और द सूत्र से भी बात करके साफ बताया कि एलटीवी वालों को देश छोड़ने की जरूरत नहीं है। इस संबंध में स्थिति क्लियर हो गई है। वीडियो में सांसद लालवानी ने कहा कि पाकिस्तान से लंबे समय के वीज़ा (Long Term Visa - LTV) पर भारत आए सिंधी हिंदू नागरिकों को किसी भी हाल में वापस नहीं भेजा जाएगा। उन्होंने यह आश्वासन देते हुए कहा कि इन शरणार्थियों की सुरक्षा और स्थायित्व सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है।
नागरिकता प्रक्रिया आसान
लालवानी का यह संदेश सिंधी समाज को राहत देने वाला माना जा रहा है। सांसद ने यह भी कहा कि वह लगातार केंद्र सरकार से संपर्क में हैं और सिंधी समुदाय के अधिकारों व उनके नागरिकता संबंधी मामलों को मजबूती से उठा रहे हैं। भारत, खासकर मध्यप्रदेश में रह रहे सिंधी शरणार्थियों को पूरा समर्थन मिलेगा और उनकी नागरिकता प्रक्रिया को भी सरल बनाया जाएगा।
इंदौर में दस हजार सिंधी हैं
इंदौर में दस हजार करीब सिंधी है, जो पाकिस्तान में हो रहे अत्याचारों के चलते प्रभावित होकर सालों पहले हिंदुस्तान आ गए। इसमें दस हजार करीब इंदौर आए। तीन हजार करीब को सदस्यता मिल चुकी है, दो हजार करीब प्रक्रिया में हैं (साल 2009 के पहले आए को मिल रही है नागरिकता) और करीब साढ़े चार-पांच हजार और हैं जो एलटीवी पर इंदौर में रह रहे हैं। इन सभी को इससे राहत मिलेगी।
विदेश मंत्रालय भी साफ कर चुका
भारत सरकार के पाकिस्तान के नागरिकों के लिए वीजा सेवाएं निलंबित करने के निर्णय के बीच विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि यह निर्णय पहले से जारी किए गए लॉन्ग टर्म वीजा (एलटीवी) पर लागू नहीं होगा। बयान जारी कर बताया कि पाकिस्तानी हिंदू नागरिकों को पहले से जारी एलटीवी वीजा मान्य और प्रभावी बने रहेंगे। इन वीजा को रद्द करने का कोई आदेश नहीं दिया गया है. सरकार ने यह रुख मानवीय आधार पर अपनाया है, जो वर्षों से पाकिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न झेल रहे अल्पसंख्यक हिंदुओं को भारत में शरण देने की नीति का हिस्सा है।
लेकिन इनका क्या होगा
लेकिन एक बात यह भी उठी है कि कई लोग ऐसे भी है जो सामान्य वीज पर आए हैं और उन्हें अभी केंद्र से एलटीवी जारी नहीं हुआ है। इन लोगों के साथ समस्या खड़ी हो गई है, क्योंकि एलटीवी आने में आठ-दस माह और साल भर तक का समय लग जाता है। वहीं एलटीवी को अब आधार से लिंक कर दिया है, यानी बिना एलटीवी सिंधी हिंदू को आधार कार्ड नहीं बन रहे हैं और बिना किसी भी वैधानिक दस्तावेज के इनके सारे काम रूक गए हैं, जैसे बच्चों के स्कूल में एडमिशन, संपत्ति खरीदी-बिक्री व अन्य सभी काम रूक गए हैं। इसके लिए भी यह लंबे समय से परेशान हो रहे हैं।
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