INDORE : महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने स्मार्ट सिटी बोर्ड पर नेप्रा कंपनी का ठेका आगे बढ़ाने को लेकर गंभीर आरोप लगाए थे और इसे लेकर शासन को पत्र लिखा था। अब स्मार्ट सिटी ने सूखा कचरा उठाने के लिए नेप्रा का 7 साल के लिए आगे बढ़ाने वाले अनुबंध को निरस्त कर दिया है। कंपनी को वर्ष 2028 के बाद इंदौर से अपना काम समेटना होगा।
नई कंपनी को दिया जाएगा ठेका
स्मार्ट सिटी कंपनी शहरभर से सूखा कचरा लेने का ठेका किसी नई कंपनी को देगी। नेप्रा से बकाया राशि वसूलने को लेकर भी कार्रवाई की जाएगी। स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कंपनी ने वेस्ट मैनेजमेंट एजेंसी नेप्रा को वर्ष 2018 में ठेका दिया था।
कचरा लिया, लेकिन कंपनी पर 8 करोड़ का भुगतान बाकी
वर्ष 2018 से नेप्रा ने सूखा कचरा तो लिया, पर इसके लिए हुए निगम के करार के मुताबिक सालाना राशि ही नहीं दी। कंपनी पर करीब आठ करोड़ रुपए बकाया है। इसके भी साल 2021 में तत्कालीन अधिकारियों ने नेप्रा को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से नियमों को दरकिनार करते हुए उसके साथ हुए मूल अनुबंध को पुरानी शर्तों के साथ सात वर्ष के लिए बढ़ा दिया था।
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कोरोना काल में भी बढ़ाया था
साथ ही कोरोना काल की 22 माह की अवधि को भी यह कहते हुए बढ़ाया था कि कोरोनाकाल में नेप्रा को शहर से पर्याप्त सूखा कचरा नहीं मिला। मामला संज्ञान में आने के बाद महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने पिछले दिनों मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव को पत्र भी लिखा था। हाल ही में स्मार्ट सिटी बोर्ड बैठक में नेप्रा को आगे बढ़ाए अनुबंध को निरस्त कर दिया गया। स्मार्ट सिटी सीईओ दिव्यांक सिंह ने बताया कि भुगतान के संबंध में नोटिस जारी होने के बाद नेप्रा ने निगम में 13 लाख रुपए जमा कराए हैं। निगम को वर्ष 2018 से अब तक आठ करोड़ रुपए से अधिक वसूलना हैं।
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