प्रदेश की मोहन सरकार का पहला मंत्रिमंडल विस्तार 8 जुलाई को हुआ। जिसमें कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए रामनिवास रावत ने कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली। शपथ लेने के पहले कांग्रेस लगातार रामनिवास रावत पर हमलावार है। मंत्री पद की शपथ लेने से पहले कांग्रेस नेता विवेक तन्खा ने ट्वीट कर लिखा कि आप किस पार्टी में रहना चाहते हैं। यह आपका निजी डिसीजन है। लेकिन मंत्री पद की शपथ लेने से पहले विधायक पद से इस्तीफा दे देते।
जिसके जवाब में रामनिवास रावत ने कांग्रेस नेता विवेक तन्खा के ट्वीट का जवाब देते हुए कहा कि मैं विधानसभा सदस्यता से अपना त्याग पत्र विधानसभा सचिवालय में भेज चुका हूं।
रावत ने लिखा...
सादर जय हिंद,
आपकी भावनाओं का में हृदय से सम्मान करता हूं आपके सुझाव का भी सम्मान करता हूं में 05/07/2024 को ही विधानसभा सदस्यता से अपना त्याग पत्र विधानसभा सचिवालय में भेज चुका हू।
मेरे भाजपा में रहने पर भी आपका स्नेह सदैव बना रहेगा।
कैबिनेट मंत्री पद की शपथ
रामनिवास रावत ने अपने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपना त्याग पत्र विधानसभा सचिवालय को भेज दिया। उनके इस्तीफा नहीं देने के चलते कांग्रेस लगातार सवाल उठा रही थी। इसी बीच रामनिवास रावत ने आज 8 जुलाई को कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली है।
राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने दिलाई शपथ
मोहन कैबिनेट का दूसरी बार विस्तार हुआ है। रामनिवास रावत ने मंत्री पद की शपथ ली है। राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने रामनिवास रावत को मंत्री पद की शपथ दिलाई है। शपथ के दौरान सीएम डॉ. मोहन यादव भी मौजूद रहे।
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शपथ लेने के पहले इस्तीफा
कैबिनेट मंत्री की शपथ लेने से पहले रामनिवास रावत ने कांग्रेस के विधायक पद से 5 जुलाई को इस्तीफा दे दिया था। वह श्योपुर जिले की विजयपुर विधानसभा सीट से 6वीं बार विधायक चुने गए थे। रामनिवास रावत ने लोकसभा चुनाव 2024 के पहले 30 अप्रैल को बीजेपी का दामन थाम लिया था, लेकिन इस्तीफा नहीं दिया था। जिसको लेकर कांग्रेस लगातार सवाल उठा रही थी।
बीजेपी का दामन थमा
श्योपुर की विजयपुर सीट से 6 बार के विधायक रामनिवास रावत के कांग्रेस छोड़ने की पटकथा ठीक उस समय लिखना शुरू हुई जब कांग्रेस आलाकामन ने उमंग सिंघार को विधानसभा नेता प्रतिपक्ष घोषित कर दिया। रावत आलाकमान से इस निर्णय से नाराज हो गए उन्होंने अपनी नाराजगी बडे़ नेताओं के सामने जाहिर भी की लेकिन उनकी आवाज सुनी ही नहीं गई। आखिरकार उन्होंने अपनी विचारधारा को ताक पर रखा और पाला बदलने का निर्णय ले लिया। राम निवास रावत ने नरोत्तम मिश्रा के संपर्क में रहते हुए बीजेपी में शमिल हो गए।
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