इंदौर सुपर स्पेशलिएटी अस्पताल से डॉ. सुमित शुक्ला क्यों हटाया, DEAN डॉ. घनघोरिया की सख्ती के पीछे ये वजह
7 अगस्त को एमजीएम डीन डॉ. अरविंद घनघोरिया ने अस्पताल का निरीक्षण किया था। उस दौरान जुलाई में एक्सपायर हो चुकी दवाएं, ट्यूब्स और कैथेटर स्टोर में पड़ी मिलीं थी। जांच में सामने आया था कि इन दवाओं का मरीजों के लिए उपयोग ही नहीं किया गया
इंदौर के सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में लाखों रुपए की एक्सपायर दवाएं मिलने के मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है। घटना के तीसरे दिन अधीक्षक डॉ. सुमित शुक्ला को पद से हटा दिया गया। आदेश एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. अरविंद घनघोरिया ने जारी किए हैं। हालांकि डॉ. शुक्ला को पद से हटाने के पीछे की कहानी कुछ और बताई जा रही है।
सूत्र बताते हैं कि उन्हें हटाने की स्क्रिप्ट तो काफी पहले ही तैयार की जा चुकी थी, लेकिन मौका नहीं मिल रहा था। जैसे ही एक्सपायरी दवाएं मिलने के मामले में डॉ. शुक्ला उलझे तो डीन ने तत्काल कार्रवाई कर डाली। अब एमवाय अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अशोक यादव को सुपर स्पेशियलिटी का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।
औचक निरीक्षक में मिली थीं गड़बड़ियां
7 अगस्त को एमजीएम डीन डॉ. अरविंद घनघोरिया ने अस्पताल का निरीक्षण किया था। उस दौरान जुलाई में एक्सपायर हो चुकी दवाएं, ट्यूब्स और कैथेटर स्टोर में पड़ी मिलीं थी। जांच में सामने आया था कि इन दवाओं का मरीजों के लिए उपयोग ही नहीं किया गया और वे लंबे समय से स्टोर में पड़ी रहीं। कुछ उपकरण ऐसे भी थे, जिन्हें स्टरलाइज कर दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता था।
डॉ. शुक्ला को हटाने की यह है असल कहानी
मेडिकल कॉलेज से जुड़े सूत्रों के अनुसार इस कार्रवाई के पीछे 2016 का एक विवाद भी चर्चा में है। जब डॉ. शुक्ला ने कोर्ट में डॉ. घनघोरिया के प्रोफेसर पद पर पदोन्नति को चुनौती दी थी। यह मामला वर्तमान में डबल बेंच में लंबित है। वहीं, कुछ दिन पहले कॉलेज द्वारा अधीक्षक पद के लिए नया विज्ञापन भी जारी किया गया था, जिससे डॉक्टरों के बीच यह चर्चाओं का विषय बन गया था। हालांकि इसमें अभी और भी कई किरदार सामने आने बाकी हैं।
यह कहता है नियम
डीन डॉ. घनघोरिया ने डॉ. सुमित शुक्ला को हटाने और उनकी जगह पर डॉ. यादव को नियुक्त करने में काफी जल्दबाजी दिखाई है। इधर, द सूत्र के हाथ शासन एक आदेश भी लगा है। जिसमें यह स्पष्ट रुप से कहा गया है कि किसी भी अधिष्ठाता, संयुक्त संचालक और अधीक्षक के पद पर नियुक्ति राज्य शासन की पूर्व अनुमति उपरांत ही की जाएगी। यह आदेश चिकित्सा शिक्षा विभाग के तत्कालीन उपसचिव केके दुबे द्वारा 13 जुलाई 2022 को जारी किया गया था। ऐसे में डीन द्वारा डॉ. यादव को सुपर स्पेशियलिटी का प्रभार देने का आदेश पर भी सवाल खड़े हो गए हैं।
ये आदेश जारी किया था नियुक्ति को लेकर
एक बार पहले भी कर चुके हैं आकस्मिक निरीक्षण
डीन डॉ. घनघोरिया द्वारा सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल का निरीक्षण यह पहली बार नहीं किया गया था। इसके पूर्व में भी एक बार डीन द्वारा सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल का आकस्मिक निरीक्षण कर चुके हैं। सूत्र बताते हैं कि तब कोई अनियमितता नहीं मिली थी, लेकिन उन्होंने अपने लोगों को सुपर स्पेशियलिटी की हर छोटी से छोटी खबर देने के लिए लगा दिया था।
मारपीट के आरोपी को साथ लेकर पहुंचे थे निरीक्षण में
डीन ने जब हालही में सुपर स्पेशियलिटी का निरीक्षण किया था तो वे अपने साथ कुल 5 लोगों की टीम लेकर पहुंचे थे। इसमें वे मारपीट के आरोपी फार्मासिस्ट राकेश गोरखे को भी लेकर पहुंचे थे। इसके बाद से उनके आकस्मिक निरीक्षण को लेकर भी सवाल खड़े हो गए थे। असल में गोरखे पर मेडिकल कॉलेज के ही एक कर्मचारी के साथ डीन ऑफिस में ही मारपीट करने के मामले में एफआईआर दर्ज है, लेकिन उस पर अभी तक डीन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है। जो कि मेडिकल कॉलेज में चर्चा का विषय बना हुआ है। लोगों का कहना है कि वर्तमान में डीन के अधीन लगभग 20 के करीब फार्मासिस्ट हैं, लेकिन मारपीट के आरोपी गोरखे को ही अपनी निरीक्षण टीम में जगह देने के पीछे का कारण कुछ और ही इशारा कर रहा है।
इस तरह से डीन ने अपनी टीम में शामिल किया था आरोपी राकेश गोरखे को
डीन ने ही नर्सिंग कॉलेज किया था तबादला
असल में आरोपी राकेश गोरखे के खिलाफ पूर्व में कई गंभीर अनियमितताएं सामने आई थीं जिसके बाद इन्हीं डीन ने उसका तबादला नर्सिंग कॉलेज में कर दिया था। बताते हैं कि गोरखे नर्सिंग कॉलेज में केवल अटेंडेंस लगाने के लिए ही जाता था और उसके बाद वह पूरे समय डीन ऑफिस व मेडिकल कॉलेज में ही घूमता रहता है।
सूत्र बताते हैं कि गोरखे का हमेशा से ही यह प्रयास रहता है कि वह किसी भी तरह एमजीएम डीन का खास बन जाए। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पूर्व डीन डॉ. संजय दीक्षित के समय भी गोरखे अधिकांश समय मेडिकल कॉलेज में ही देखा जाता था और मौका पाकर डीन के केबिन में भी बैठ जाया करता था। यही प्रयास उसने वर्तमान डीन घनघोरिया के आने पर भी जारी रखा और वह सफल भी हो गया। बताते हैं कि मारपीट के जिस मामले में गोरखे पर एफआईआर हुई है उसको लेकर पुलिस द्वारा सीसीटीवी कैमरे की रिकॉर्डिंग भी बुलवाई जा रही है, लेकिन मेडिकल कॉलेज द्वारा उसमें भी लेटलतीफी की जा रही है।
डीन और डॉ. शुक्ला दोनों हैं मंत्री के करीबी
सूत्रों के मुताबिक डॉ. सुमित शुक्ला इंदौर के एक मंत्री के करीबी बताए जाते हैं और शुक्ला पर मंत्री का वरदहस्त है। वहीं, डीन डॉ. घनघोरिया भी भोपाल के एक मंत्री के करीबी हैं। बताते हैं कि मंत्री के करीबी होने के कारण ही डॉ. घनघोरिया की नियुक्ति को लेकर भी सवाल खड़े हो गए थे। वहीं, पिछले दिनों जब कर्मचारी नेता करण भगत पर उन्होंने कार्रवाई की थी तो खुद करण भगत ने एमजीएम मेडिकल कॉलेज परिसर में प्रदर्शन कर डीन के सारे कच्चे चिट्ठे खोल दिए थे। साथ ही उनकी नियुक्ति को लेकर शिकायत भी भोपाल में स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अफसरों को की थी।
डॉ. डीके शर्मा बन सकते हैं सुपर स्पेशियलिटी अधीक्षक
सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के अधीक्षक पद से डॉ. सुमित शुक्ला को हटाने के बाद वर्तमान में भले ही एमवायएच अधीक्षक डॉ. यादव को प्रभार दिया गया है। हालांकि इसको लेकर अब अटकलें लगाई जा रही हैं कि डॉ. डीके शर्मा को यहां का प्रभारी बनाया जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक फिलहाल डॉ. शर्मा की आई हॉस्पिटल में नियुक्ति को लेकर भी नया विवाद खड़ा हो गया है। ऐसे में डीन के करीबी माने जा रहे डॉ. शर्मा को अब वहां से हटाकर सुपर स्पेशियलिटी अधीक्षक का प्रभार दिया जा सकता है। बता दें कि पिछले दिनों ही प्रदेशभर के सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के अधीक्षकों की शैक्षणिक योग्यता को लेकर विधानसभा में सवाल पूछा जा चुका है और विभाग के अफसर उसका जवाब बनाने के लिए प्रदेशभर से जानकारी जुटा रहे हैं।
तब एमवायएच में एवजी काम करते मिले थे
एमवाय अस्पताल में एवजियों के काम करने का मामला भी पूर्व में सामने आ चुका है। साथ ही कैज्युअल्टी के डॉक्टरों द्वारा मरीजों को निजी अस्पतालों में रैफर किए जाने की बात सामने आ चुकी है। इतने बड़े घटनाक्रम के बावजूद एमवायएच अधीक्षक डॉ. अशोक यादव पर डीन ने कोई कार्रवाई नहीं की थी। बल्कि खुद एमवायएच पहुंचे थे और मीडिया को बयान में कहा था कि हमने सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है। ऐसे में डॉ. शुक्ला पर एक ही बार में की गई कार्रवाई पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।