अमेरिका में नौकरी दिलाने का सपना दिखाकर इंदौर की एक महिला से एक करोड़ रुपए ठग लिए गए हैं। यह कहानी एक करीबी रिश्ते के धोखे की है। आरोपी, पीड़ित महिला की मुंहबोली नानी के बेटे-बहू हैं। आरोपियों ने महिला से कहा कि वह महिला को अमेरिका में ताऊ की कंपनी में एक लाख रुपए सैलरी पर रखेंगे। इसके बाद आरोपी, महिला से वीजा के नाम पर रुपए ऐंठते गए।
अमेरिया में नौकरी में जाने के लिए इंदौर की रहने वाली पीड़िता हेमा मंगतानी ने वीजा के लिए अप्लाई किया। बस इसके बाद वीजा के नाम पर पैसे मांगने का सिलसिला शुरू हो गया। पहले कुछ हजार, फिर लाखों और फिर एक करोड़ रुपए ठग लिए गए। काफी समय तक वीजा ना मिलने के बाद पीड़िता ने पुलिस को इसकी जानकारी दी। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
करीबी ने ऐंठे करोड़ों
जानकारी के मुताबिक इंदौर के जूनी इंदौर इलाके में रहने वाली हेमा मंगतानी ने महू पुलिस को बताया कि वह बीना पोहानी, जो जयपरामपुर कॉलोनी में रहती हैं को बचपन से जानती हैं और उन्हें मुंहबोली नानी मानती हैं। अगस्त 2015 में हेमा उनके घर गई थीं, जहां उन्होंने बीना के बेटे लोकेश और बहू एकता से फोन पर बात की।
एकता ने कहा कि उनके ताऊ अमोल जिकर की अमेरिका में अरोरा क्रिएशन नामक कंपनी है, जो मसाला बेचने का काम करती है और स्टोर कीपर की नौकरी के लिए उन्हें रखा जाएगा। इसके लिए वीजा बनवाना पड़ेगा, जिसमें आधा भुगतान करना होगा, बाकी ताऊ कर देंगे।
एकता ने हेमा को अमोल जिकर, रोनक मेहता और किष्टी अरोरा के संपर्क नंबर दिए। बाद में उनमें वॉट्सएप पर बातचीत शुरू हुई, जिसमें हर महीने 1 लाख रुपए सैलरी और रहने-खाने का खर्च कंपनी द्वारा देने की बात कही गई। अमोल जिकर ने खुद को मालिक और रौनक को बेटा और किष्टी को बहू बताया।
2015 में आया था ऑफर लेटर
हेमा ने कहा कि 12 अगस्त 2015 को अरोरा क्रिएशन से एक ऑफर लेटर मेल पर आया। जिसमें सैलरी, रहने और मेडिकल सुविधाओं की जानकारी दी गई। एकता ने फोन पर बताया कि वीजा बनवाने के लिए अकाउंट डिटेल और अन्य दस्तावेजों की जरूरत है। इसके बाद हेमा ने 40 हजार रुपए वीजा के लिए भेजे और प्रोसेस शुरू कर दी, जिसमें पासपोर्ट, पैन कार्ड समेत अन्य दस्तावेज मेल किए गए। पैसे देने बाद अमेरिका भेजने के लिए आनाकानी करने लगे। हालांकि बाद में फोर्स करने पर एयर टिकट और डॉकूमेंट भेजे, जो फर्जी निकले। इसके बाद हेमा ने पुलिस को इसकी शिकयात की। पुलिस ने फिलहाल मामले की जांच शुरु कर दी है।
इस तरह लिए गए पैसे....
- 2016 में 29 लाख 73 हजार रुपए
- 2017 में 7 लाख 63 हजार रुपए
- 2018 में 2 लाख 18 हजार रुपए
- 2019 में 5 लाख 36 हजार रुपए
- 2020 में 15 लाख 4 हजार रुपए
- 2021 में 33 लाख 23 हजार रुपए
- 2022 में 11 लाख 80 हजार रुपए
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