MP NEWS : 6 बच्चों की मौत पर हंसने वाले महिला बाल विकास अधिकारी बुधौलिया को अब जाकर मिला नोटिस

मध्‍य प्रदेश में इंदौर में महिला व बाल विकास अधिकारी रामनिवास बुधौलिया को नोटिस जारी किया है। यह अधिकारी युगपुरूष धाम आश्रम में 6 बच्चों की मौत के मामले की जांच टीम में शामिल थे। जानें क्यों थमाया गया नोटिस

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Sanjay gupta
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Indore Yugpurush Dham Ashram Case Officer Budhoulia Notice
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INDORE. इंदौर के युगपुरूष धाम आश्रम में 6 बच्चों की मौत की जांच टीम में शामिल महिला व बाल विकास अधिकारी रामनिवास बुधौलिया को अब जाकर जिला प्रशासन ने नोटिस थमाया है। एसडीएम मल्हारगंज ओम बड़कुल के साथ मौत पर ठहाके लगाने वाले अधिकारियों में से यह भी एक थे, वहीं इनकी ज्यादा जिम्मेदारी बनती थी क्योंकि इनके विभाग और इनकी रिपोर्ट से ही आश्रम को 70 लाख से ज्यादा की फंडिंग मिलती थी। इसके बाद भी इन्होंने आश्रम और अन्य संस्थाओं की ओर झांका तक नहीं।

बुधौलिया के काम को स्वेच्छाचारिता माना गया

कलेक्टर आशीष सिंह के निर्देश पार जारी हुए कारण बताओ नोटिस में उनकी कार्यशैली को स्वेच्छाचारिता, लापरवाही और शासन के निर्देशों की अवहेलना वाला माना गया। नोटिस में है कि जिला स्तरीय अधिकारी होने के नाते आपका पदीय कर्तव्य है कि महिला एवं बाल विकास विभाग अंतर्गत जिले में संचालित समस्त संस्थाओं का समुचित पर्यवेक्षण कर उनका नियमानुसार संचालन सुनिश्चित कराएं। किंतु जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा अपने पदीय कर्तव्यों के विधिवत निर्वहन नहीं करने के कारण महिला एवं बाल विकास विभाग अंतर्गत संचालित संस्था युग पुरुष धाम इंदौर में व्यापक स्तर पर लापरवाही बरती जाने तथा कई प्रकार की अनियमितता प्रमाणित पाई गई हैं।

साबित होता है कि निर्देशों की अवहेलना करते हुए, स्वेच्छापूर्वक अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया जा रहा है। अधिनस्थ संस्थाओं का निरीक्षण एवं सतत मानिटरिंग नहीं की जा रही है जिसके फलस्वरूप उपरोक्तानुसार स्थिति उत्पन्न हुई और महिला एवं बाल विकास विभाग सहित जिले एवं शासन की छवि धूमिल हुई है।

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तीन दिन में देना हो नोटिस का जवाब

बुधौलिया को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया जाकर सूचित किया गया है कि क्यों न जिला कार्यक्रम अधिकारी  के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई प्रारंभ की जाए। इस संबंध में स्पष्टीकरण तीन दिवस में समक्ष में उपस्थित होकर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।  उल्लेखनीय है यदि उत्तर उक्त दी गई समयावधि में प्राप्त नहीं हुआ तो यह माना जाकर की लगाया गया आरोप स्वीकार है, प्रस्तावित अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए स्वयं उत्तरदायी होंगे।

कोविड पीड़ित बच्चों को भी छोड़ दिया अनाथ

बुधौलिया की स्वेच्छाचारिता के हाल यह है कि कोविड में अनाथ हुए बच्चों की स्कूल फीस व अन्य सुविधाओं के लिए भी किसी ने झांका तक नहीं है। कोविड काल में कई वादे किए गए और 300 से ज्यादा बच्चों की लिस्ट बनी जिनके माता-पिता दोनों या पिता का निधन हो गाय था। इस समय वादे किए गए कि सभी की स्कूल फीस भरवाई जाएगी लेकिन दो साल बाद प्रशासन ने इस ओर झांकना भी बंद कर दिया वह किस हाल में हैं। इसमें भी सबसे बड़ी जिम्मेदार बुधौलिया की ही है।

हालांकि अब देखना होगा कि प्रशासन इस ओर भी झांकता है और नोटिस के जवाब को सही मानकर कार्रवाई बंद करता है या फिर बुधौलिया पर कोई एक्शन लिया जाता है।

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