नवरात्रि पर्व की अष्टमी और नवमी पर इंदौर में 250 से अधिक स्थानों पर भंडारे (Community Feasts) आयोजित किए जाएंगे। इस बार नगर निगम ने इन सभी आयोजनों को 'जीरो वेस्ट इवेंट' (Zero Waste Event) बनाने का निर्णय लिया है। महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने प्लास्टिक फ्री (Plastic Free) कार्यक्रमों की अपील की है।
त्योहारों में होता है इतना कचरा
महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने बताया कि अष्टमी के बाद से दीपावली तक शहर में कई उत्सव मनाए जाएंगे। इंदौर में प्रतिदिन 500 टन गीला और 600 टन सूखा कचरा (Wet and Dry Waste) उत्पन्न होता है। नवरात्रि में गरबा पंडालों (Garba Pandals) और अन्य कार्यक्रमों के कारण 70 से 80 टन अतिरिक्त गीला कचरा उत्पन्न होने का अनुमान है।
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पत्तल-दोने होंगे इस्तेमाल
आयोजकों से यह अनुरोध किया जा रहा है कि वे पत्तों के बने पत्तल-दोने (Leaf Plates) का उपयोग करें ताकि प्लास्टिक का इस्तेमाल कम से कम हो। नगर निगम प्रतिवर्ष 8 से 10 बड़े कार्यक्रमों को जीरो वेस्ट इवेंट बनाता है, जिनमें उत्पन्न कचरे को वहीं प्रोसेस कर खाद (Compost) में बदला जाता है।
इस बार निगम ने विसर्जन के लिए एनजीओ की मदद से एक एसओपी (Standard Operating Procedure) भी तैयार की है। हाल ही में नगर निगम प्रशासन ने जिला प्रशासन को पत्र लिखकर त्यौहारों, जन्मदिन और चल समारोह में चमकीली पन्नियों (Confetti) के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी। पत्र में उल्लंघन की स्थिति में धारा 144 के तहत कार्रवाई का सुझाव दिया गया है।
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