औद्योगिक भ्रमण और एक्सपोजर विजिट के नाम पर उच्च शिक्षा विभाग के बजट की फिजूलखर्ची

एमपी के उच्च शिक्षा विभाग की योजना छात्रों को एक्सपोजर देने के लिए लाखों रुपए खर्च कर रही है। सरकारी कॉलेजों की बेरुखी के कारण छात्रों को इसका लाभ नहीं मिल रहा। कई कॉलेज स्वामी विवेकानंद कैरियर मार्गदर्शन योजना में रुचि नहीं ले रहे हैं।

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Sanjay Sharma
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BHOPAL. छात्रों को एक्सपोजर देने के उच्च शिक्षा विभाग के प्रयास कारगर साबित नहीं हो रहे हैं। स्वामी विवेकानंद कैरियर मार्गदर्शन योजना के तहत शैक्षणिक अथवा औद्योगिक भ्रमण पर लाखों रुपए खर्च किए जा रहे हैं। उच्च शिक्षा विभाग की कोशिशों के बावजूद MP के सरकारी कॉलेजों की बेरुखी खत्म नहीं हो रही है। 

इस वजह से छात्रों को महत्वपूर्ण योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। उनके चहुंमुखी विकास के रास्ते खुल ही नहीं पा रहे हैं। कई कॉलेज तो उच्च शिक्षा विभाग से राशि मिलने के बाद भी शैक्षणिक भ्रमण में रुचि नहीं ले रहे हैं। वहीं कुछ कॉलेज योजना के तहत मिली राशि का उपयोग रस्मअदायगी के रूप में कर रहे हैं। 

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कैरियर जागरुकता की योजना से अंजान 

मध्यप्रदेश में उच्च शिक्षा विभाग स्वामी विवेकानंद कैरियर मार्गदर्शन योजना का संचालन कर रहा है। योजना का उद्देश्य छात्रों में कैरियर के प्रति जागरुकता लाना है। जिससे वे कॉलेज के बाद कैरियर के रूप में अच्छा क्षेत्र चुन सकें।

योजना के तहत तीन माह के अंतराल में कॉलेजों का चयन किया जा रहा है। उन्हें राशि का आवंटन भी किया जा रहा है। योजना के तहत दी जनवरी 2026 तक एक्सपोजर या औद्योगिक भ्रमण कराया जाना है। लेकिन अब तक आधे कॉलेजों ने भी अपनी कार्ययोजना तैयार नहीं की है। 

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आखिरी तिमाही में 15 कॉलेजों का चयन 

कैरियर मार्गदर्शन योजना के तहत दिसंबर माह में औद्योगिक भ्रमण और एक्सपोजर विजिट के लिए 15 कॉलेजों की दूसरी सूची जारी की गई है। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जिन 15 कॉलेजों का चयन किया गया है। उन्हें 15-15 हजार रुपए का बजट भी उपलब्ध कराया गया है। 

इस तिमाही के एक्सपोजर विजिट के लिए इतने ही कॉलेजों को पहले भी बजट दिया जा चुका है। इससे पहले भी साल की तीन तिमाही में अलग- अलग कॉलेज के छात्रों को शैक्षणिक भ्रमण कराया जा चुका है लेकिन उनके एक्सपोजर की स्थिति क्या रही यह सामने ही नहीं आया है। आधे से ज्यादा कॉलेजों ने तो एक्सपोजर विजिट अथवा औद्योगिक भ्रमण पर प्रोजेक्ट रिपोर्ट ही तैयार नहीं कराई है। 

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इन कॉलेजों को दिया 2.50 लाख बजट 

उच्च शिक्षा विभाग ने कैरियर मार्गदर्शन योजना के तहत 15 कॉलेजों का चयन किया। इन कॉलेजों में भोपाल के शासकीय गीतांजलि कन्या महाविद्यालय, श्यामाप्रसाद मुखर्जी विज्ञान और वाणिज्य महाविद्यालय, सरोजनी नायडू कन्या पीजी कॉलेज, सिवनी मालवा के शासकीय कुसुम पीजी कॉलेज, नर्मदापुरम के शासकीय विधि महाविद्यालय, सारंगपुर के स्वामी विवेकानंद कॉलेज, पचोर के वीर सावरकर पीजी कॉलेज, जबलपुर संभाग के शासकीय कॉलेज नारायणगंज, बहोरीबंद के वीरांगना रानी दुर्गावती कॉलेज, इंदौर संभाग के संत सिंगाजी कॉलेज मूंदी और शासकीय कॉलेज मेघनगर, ग्वालियर-चंबल संभाग के शासकीय एलएसजी कॉलेज पोहरी, सागर संभाग के शासकीय कॉलेज बड़ा मलहरा, शासकीय आर्ट एंड कॉमर्स कॉलेज सागर, शासकीय छत्रसाल पीजी कॉलेज पन्ना शामिल हैं। इन कॉलेजों को एक्सपोजर विजिट के लिए 15-15 हजार रुपए दिए गए हैं।

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रोजगार से जोड़ने दे रहे एक्सपोजर 

उच्च शिक्षा विभाग द्वारा औद्योगिक एवं एक्सपोजर विजिट के लिए 15 बिंदुओं की गाइडलाइन जारी की गई है। योजना के प्रभारी निदेशक डॉ.आजाद मंसूरी द्वारा जारी पत्र के अनुसार शैक्षणिक भ्रमण ऐसी औद्योगिक इकाइयों पर कराया जाना है। जहां छात्र खुद को रोजगार के लिए तैयार कर सकें। स्वरोजगार स्थापित करने के इच्छुक छात्रों को मार्गदर्शन मिल पाए। 

इन इकाइयों में आधुनिक कौशल और संसाधन उपलब्ध हों ताकि छात्रों को यहां प्लेसमेंट के अवसर प्राप्त हो सकें। कॉलेजों को गोद लेने और छात्रों का मेंटर बनने में रुचि दिखाने वाली औद्योगिक इकाइयों को प्राथमिकता दी जाए। विज्ञान संबंधी संस्थान, आब्जरर्वेटरी, संग्रहालयों का एक्सपोजर विजिट कराया जाए जिससे छात्रों का ज्ञानार्जन हो। 

भ्रमण पर ऐसे वाहन का उपयोग किया जाए जो मानकों को पूरा करता हो यानी परिवहन नियमों पर संचालित हो। छात्रों से शैक्षणिक भ्रमण अथवा एक्सपोजर विजिट पर विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कराई जाए। इसके साथ ही राशि को गाइडलाइन के आधार पर ही खर्च किया जाए।

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