रुचि ग्रुप के प्रमुख रहे उद्योगपति कैलाश चंद्र शाहरा का हुआ निधन

मध्य प्रदेश और देश के जाने-माने रुचि समूह के प्रमुख कैलाश चंद्र शाहरा का निधन हो गया है। वो छोटी उम्र से ही अपने पिता के साथ बिजनेस में लग गए थे।

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Sanjay gupta
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मध्य प्रदेश और देश के जाने-माने रुचि ग्रुप (अब पतंजलि ने ले लिया है) के प्रमुख रहे उद्योगपति कैलाश चंद्र शाहरा का निधन हो गया है। अंतिम यात्रा बुधवार 30 अक्टूबर को उनके निज निवास 29 पलासिया (इंदौर) से निकाले जाने की सूचना जारी की गई है।

बेटे उमेश ने दी जानकारी

पुत्र उमेश शाहरा ने बताया कि मेरे पिता और सुरेश, संतोष व दिनेश शाहरा के बड़े भाई कैलाशचंद्र शाहराजी का निधन हो गया है। उनकी अंतिम यात्रा 30 अक्टूबर को सुबह साढ़े दस बजे 29 ओल्ड पलासिया से श्री सिद्देशवर महादेव मंदिर प्रांगण मांगलिया एबी रोड जाएगी। 

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कौन थे कैलाशचंद्र?

कैलाश चंद्र शाहरा इंदौर के प्रसिद्ध उद्योगपति और प्रमुख औद्योगिक समूह रुचि ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष रह चुके हैं। इस ग्रुप को स्थापित करने वाले स्वर्गीय महादेव प्रसाद शाहरा के सबसे बड़े बेटे थे।
 
उन्होंने कम उम्र से ही स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के तुरंत बाद अपने पिता के खाद्य तेल व्यापार में कमीशन एजेंट के व्यवसाय में शामिल हो गए थे। इसके बाद ग्रुप को ऊंचाई तक पहुंचाया। हालांकि, बाद में ग्रुप की हालत खराब हुई और नतीजतन ग्रुप की रुचि सोया कंपनी को पतंजलि ने टेकओवर कर लिया था। 

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पनामा पेपर्स लीक में आ चुका नाम

ब्लैक मनी को लेकर पनामा पेपर्स नाम से हुए खुलासे में इंदौर के उद्योगपति और रुचि ग्रुप के चेयरमैन कैलाशचंद्र शाहरा के बेटे व ग्रुप की कई कंपनियों के डायरेक्टर उमेश शाहरा का भी नाम सामने आया था।

रुचि ग्रुप की कई कंपनियों से जुड़े थे

रुचि सोया कंपनी को भले ही पतंजलि ने ले लिया था लेकिन अभी भी कई कंपनियां रुचि ग्रुप की हैं। इसमें वह विविध पदों पर थे और कुछ जगह पर सलहाकर की भूमिका निभा रहे थे। उनकी उम्र 85 साल से अधिक थी।

'भैया जी' के नाम से रखते थे पहचान

शहर को बड़े औद्योगिक शहर का दर्जा दिलाने वालों में शाहरा भी रहे हैं। उन्हें भैया जी के नाम से भी पहचाना जाता था। सोया उद्योग को स्थापित करने के लिए श्रेय उन्हें ही जाता है। सोया उद्योग से शुरू किए गए खुद के कारोबार में अलग-अलग उद्योग जोड़ने के साथ प्रदेश और केंद्र सरकार से अन्य उद्योगों के लिए सुविधाए जुटाने पर परस्पर काम करते रहे। सभी राजनीतिक दलों और बढ़े उद्योग समूहों से गहरे नाते थे।

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