नील तिवारी, JABALPUR. मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा और पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह को राहत दी है। जस्टिस संजय द्विवेदी की बैंच ने भाजपा के तीनों वरिष्ठ नेताओं शिवराज-वीडी और भूपेंद्र सिंह के खिलाफ फैसले पर अंतरिम राहत देते हुए जमानती वारंट जारी करने के निचली अदालत द्वारा जारी आदेश पर रोक लगा दी है। इस मामले की अगली सुनवाई 23 अप्रैल को होगी। तब तक भाजपा के तीनों नेताओं के खिलाफ कोई वारंट जारी नहीं होगा।
तीनों भाजपा नेताओं को अंतरिम राहत
बीजेपी नेताओं के वकीलों की यह दलील दी कि शिवराज सिंह चौहान विदिशा से और विष्णुदत्त शर्मा खजुराहो से भाजपा के प्रत्याशी हैं। विदिशा में तो सात मई को ही मतदान होना है। इस लिहाज से दोनों का व्यक्तिगत तौर पर उपस्थित होकर अंडरटेकिंग देना उनके लिए कठिन है। अदालत ने इस दलील को मानते हुए तीनों भाजपा नेताओं को अंतरिम राहत दी है।
एमपी एमएलए विशेष कोर्ट ने जारी किया था जमानती वारंट
MPMLA विशेष कोर्ट ने तीनों नेताओं को 22 मार्च को मामले की सुनवाई में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित के निर्देश दिए थे। निर्धारित तारीख को तीनों नेताओं की तरफ से गैर-हाजिरी माफी आवेदन प्रस्तुत किया था। स्वयं को लोकसभा चुनाव में व्यस्त बताते हुए आग्रह किया था कि उन्हें सात जून तक का समय प्रदान किया जाए। न्यायालय ने आवेदन स्वीकार किया था। साथ ही कहा था कि तीनों नेता दो अप्रैल को स्वयं उपस्थित होकर इस संबंध में अंडरटेकिंग प्रस्तुत करें। दो अप्रैल को भी तीनों नेता कोर्ट में उपस्थित नहीं हुए थे। इसे कोर्ट ने गंभीरता से लिया था और उनके खिलाफ जमानती वारंट जारी करते हुए सात मई को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का आदेश जारी किया था। जिस पर आज हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है।
पहले भी ली थी हाईकोर्ट की शरण नहीं मिला था लाभ
विशेष न्यायालय में 22 मार्च की सुनवाई से पहले यह मामला हाईकोर्ट में भी लगा था। जहां जस्टिस संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने तीनों नेताओं को लोकसभा चुनाव की व्यस्तता के आधार पर हाजिरी माफी की व्यवस्था दिए जाने की मांग संबंधी याचिका पर अंतरिम राहत न देते हुए इस सिलसिले में एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट के समक्ष आवेदन प्रस्तुत करने कहा गया था। हाईकोर्ट में याचिका की अगली सुनवाई 23 अप्रैल को निर्धारित कर दी थी।