आईपीएस आलोक रंजन बनेंगे स्पेशल डीजी, दूसरी ओर बिगड़ रहा IPS कैडर प्रबंधन

मध्य प्रदेश में वर्तमान में डीजी रैंक के 12 पद स्वीकृत हैं। इनमें से पांच पद कॉडर के हैं, जबकि पांच पद एक्स कॉडर के हैं। कॉडर के पांच पदों में शामिल हैं: डीजी पुलिस, डीजी पुलिस प्रशिक्षण, डीजी होमगार्ड, डीजी जेल और डीजी पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन...

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एमपी कैडर 1991 बैच के आईपीएस आलोक रंजन स्पेशल डीजी के पद पर पदोन्नत होंगे। अभी रंजन पीएचक्यू में एडीजी प्रबंध है। स्पेशल डीजी ट्रेनिंग संजय झा 31 जुलाई को रिटायर्ड हो रहे हैं। ऐसे में स्पेशल डीजी का पद रिक्त होने पर रंजन को इस पद पर पदोन्नत किया जाएगा। 

मध्य प्रदेश में हैं 12 डीजी

मध्य प्रदेश में वर्तमान में डीजी रैंक के 12 पद स्वीकृत हैं। इनमें से पांच पद कॉडर के हैं, जबकि पांच पद एक्स कॉडर के हैं। कॉडर के पांच पदों में शामिल हैं: डीजी पुलिस, डीजी पुलिस प्रशिक्षण, डीजी होमगार्ड, डीजी जेल और डीजी पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन। प्रदेश सरकार ने अन्य पांच एक्स कॉडर पदों को स्पेशल डीजी के रूप में नियुक्त किया है

पिछले कुछ वर्षों से प्रदेश में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशकों की संख्या बढ़ गई है, जिसके कारण सरकार ने अतिरिक्त दो पदों की स्थापना की है। ये पदों की स्वीकृति में कुछ देरी हुई थी, लेकिन बाद में इन्हें स्वीकृति मिल गई थी। इस परिणामस्वरूप, अब मध्य प्रदेश में कुल 12 अफसर डीजी के पद पर कार्यरत हैं।

इधर बिगड़ गया IPS कैडर प्रबंधन 

मध्य प्रदेश में आईपीएस अधिकारियों की पदस्थापना में प्रबंधन की समस्या सामने आ रही है। जानकारी के अनुसार एसपी स्तर पर 120 पद होने चाहिए, जबकि वर्तमान में 95 पद ही निर्धारित हैं।

डीआईजी स्तर पर 34 पद होने चाहिए, लेकिन केवल 26 पद ही उपलब्ध हैं, लेकिन अधिकारी हैं 41,  इसके परिणाम स्वरूप, कुल 319 पदों में से 37 पद रिक्त हैं।

दरअसल प्रदेश में आईपीएस अधिकारियों की पदस्थापना का प्रबंधन गड़बड़ होता जा रहा है। अलग-अलग स्तर पर निर्धारित पदों के विरुद्ध कहीं अधिक आईपीएस अधिकारी हैं तो कहीं कम।

IPS अधिकारियों की पदस्थापना का प्रबंधन बिगड़ने की मुख्य वजह किसी वर्ष अधिक तो कभी मात्र एक-दो पद मिलना है। इसके अलावा हर 5 वर्ष में कैडर रिव्यू नहीं होने से भी यह विसंगति सामने आ रही है। 

दूसरी तरफ पुलिस अधीक्षक यानी SP स्तर के पदों को लें तो सीनियर ड्यूटी पोस्ट (एसडीपी) के कुल 173 पदों में निर्धारित 50 प्रतिशत के हिसाब से इनकी संख्या 87 होनी चाहिए, मगर सरकार ने इन्हें खुद ही बढ़ाकर 95 कर लिया है। दिलचस्प यह है कि इस पोस्ट पर फिलहाल 120 अधिकारी ( एसपी ) तैनात हैं।

डीआईजी के 26 पद, पदस्थ हैं 41

इसी तरह से DIG स्तर के 34 पदों की जगह 26 ही मध्य प्रदेश सरकार ने रखे हैं, जबकि इनके विरुद्ध 41 अफसर पदस्थ हैं। निर्धारित पदों की तुलना में कम या अधिक अधिकारियों की पदस्थापना से जिस पद पर जो अधिकारी होना चाहिए कई बार उससे नीचे या ऊपर पद वाला पदस्थ कर दिया जाता है।

MP में आईपीएस के 37 पद रिक्त

प्रदेश में IPS अधिकारियों के कुल 319 पद हैं। इनमें 37 अभी रिक्त हैं। दरअसल सेंट्रल डेपनुटेश रिजर्व (CDR) के लिए आरक्षित 68 पदों से 27 अधिकारी ही पदस्थ हैं। बाकी पद रिक्त हैं। इस तरह में अभी प्रदेश में 282 IPS अधिकारी ही पदस्थ हैं। प्रदेश को 6 नए अधिकारी भी इस वर्ष के अंत तक मिलने की उम्मीद है।

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