जबलपुर के CBSE स्कूलों में 2025 से अनिवार्य होंगी NCERT की किताबें

स्कूलों के द्वारा अवैध फीस वसूली पर कार्यवाही के बाद मध्यप्रदेश के जबलपुर जिला कलेक्टर का एक और सराहनीय आदेश सामने आया है जिससे स्कूली बच्चों के बैग का बोझ कम होने के साथ ही अभिभावकों का आर्थिक बोझ भी कम होगा...

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Neel Tiwari
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जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना ने एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। इसमें जिले के सभी निजी सीबीएसई स्कूलों में कक्षा 1 से 8 तक के लिए शैक्षणिक सत्र 2025-26 से केवल एनसीईआरटी की किताबें अनिवार्य रूप से लागू की जाएंगी। यह कदम केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) द्वारा जारी संशोधित दिशा-निर्देशों के अनुसार उठाया गया है, जिसका उद्देश्य है की हर वर्ग और स्कूल के छात्र-छात्राओं की पढ़ाई में एकरूपता और छात्र-छात्राओं को निजी प्रकाशकों के भरोसे ना रहना पड़े। इस आदेश के बाद एक ओर जहां अभिभावकों पर आर्थिक बोझ कम होगा तो छात्र-छात्राओं पर भी किताबों के अतिरिक्त बोझ पर लगाम लगेगी।

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यह हैं आदेश के मुख्य बिंदु...

  1. एनसीईआरटी की किताबों का अनिवार्य उपयोग
    शैक्षणिक सत्र 2025-26 से जबलपुर के सभी सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों में कक्षा 1 से 8 तक के छात्रों के लिए केवल एनसीईआरटी की किताबों का उपयोग अनिवार्य होगा। किसी भी असाधारण परिस्थिति में ही अन्य पुस्तकों का उपयोग किया जा सकेगा, जिसके लिए उचित दस्तावेज और मंजूरी आवश्यक होगी।
  2. डिजिटल उपलब्धता
    यदि किसी कारण से एनसीईआरटी की किताबें उपलब्ध नहीं होती हैं, तो स्कूलों को एनसीईआरटी की वेबसाइट से इन्हें डाउनलोड करने का निर्देश दिया गया है, जिससे शिक्षण सामग्री की निरंतरता बनी रहे।
  3. वेबसाइट पर पारदर्शिता
    स्कूलों को अपनी वेबसाइट पर सभी कक्षाओं के लिए उपयोग की जा रही पुस्तकों की सूची 1 अक्टूबर 2024 तक अनिवार्य रूप से अपलोड करनी होगी। इसके साथ ही स्कूल के प्राचार्य और प्रबंधन द्वारा संयुक्त रूप से हस्ताक्षरित एक घोषणापत्र भी अपलोड करना होगा, जिसमें यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सूचीबद्ध सभी पुस्तकों की सामग्री का सावधानीपूर्वक परीक्षण किया गया है।
  4. उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई
    स्कूलों ने अगर महंगी या आपत्तिजनक सामग्री वाली किताब का उपयोग किया तो संबंधित स्कूल के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए जिला शिक्षा अधिकारी को विशेष रूप से सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं।
  5. किताबों की कीमत पर नियंत्रण
    किसी विशेष परिस्थिति में निजी प्रकाशकों की किताबों का उपयोग किया जाता है, तो यह सुनिश्चित किया जाएगा कि उन पुस्तकों की अधिकतम कीमत एनसीईआरटी पुस्तकों की तुलना में 25% से अधिक न हो। यह कदम अभिभावकों पर आर्थिक बोझ को कम करने के लिए उठाया गया है।

फरवरी 2025 में फिर लगेगा पुस्तक मेला

शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए आवश्यक किताबों को  उपलब्ध कराने के लिए से फरवरी-मार्च 2025 में दोबारा एक पुस्तक मेले का आयोजन किया जाएगा। इसमें स्कूलों को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे सीबीएसई के दिशा-निर्देशों के अनुसार पुस्तकों का उपयोग करें। सीबीएसई के द्वारा यदि किसी किताब का दाम 100 रुपए तय किया गया है तो उसकी जगह उपयोग होने वाली निजी प्रकाशक की किताब का अधिकतम दाम भी 125 रुपए ही होना आवश्यक है।

आदेश न मानने वाले स्कूलों पर की जाएगी सख्त कार्रवाई

जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना ने यह आदेश सीबीएसई द्वारा जारी दिशा-निर्देशों और नियमों के आधार पर जारी किया गया है। जिसका उद्देश्य अभिभावकों पर आर्थिक बोझ को कम करना और सभी छात्रों को समान शैक्षिक सामग्री उपलब्ध कराना है। कलेक्टर कार्यालय ने यह स्पष्ट किया है कि आदेश का पालन न करने वाले स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, जिसमें मान्यता निरस्त करने से लेकर कानूनी कदम भी शामिल हो सकते हैं। जबलपुर में अवैध फीस वसूली पर कार्यवाही के बाद किताबों पर आया हुआ यह आदेश अभिभावकों और छात्र-छात्राओं को राहत देता हुआ नजर आ रहा है।

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