मध्य प्रदेश के जबलपुर के कटंगी थाना क्षेत्र में हुई एक नवविवाहित की आत्महत्या का मामला सामने आया था। शुरुआती जांच में जहां यह घटना दहेज प्रताड़ना के कारण की गई आत्महत्या ही लग रही थी। वहीं गहन जांच के बाद जो सच सामने आया है, वह बेहद चौंकाने वाला है।
दरअसल, 23 जुलाई को एक नवविवाहिता का शव उसके ससुराल में फंदे से लटका मिला था। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मामले की जांच शुरू की और शुरुआती जांच में इसे आत्महत्या का मामला मान लिया। मृतका के ससुराल वालों ने पुलिस को बताया कि उनकी बहु मानसिक तनाव से गुजर रही थी और इसी कारण उसने यह कदम उठाया है। पुलिस ने इस आधार पर मामला दर्ज कर जांच आगे बढ़ाई लेकिन जब पुलिस ने गहन से जांच की तो सच्चाई सामने आई।
मृतका का हुआ था बाल विवाह
पुलिस जांच में पता चला कि मृतका का विवाह 16 से 17 साल की उम्र में ही कर दिया गया था, जो कि बाल विवाह के दायरे में आता है। विवाह के बाद से ही मृतका को उसके ससुराल वालों द्वारा दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाता था। उसे लगातार मानसिक और शारीरिक यातनाएं दी जाती थीं। इस लगातार प्रताड़ना से तंग आकर उसने आत्महत्या का कदम उठाया। यह बात मृतका के परिजनों और पड़ोसियों के बयानों से भी पुष्टि हुई है।
लड़की के माता-पिता पर पॉक्सो का मामला दर्ज
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इस पूरे मामले में मृतका के माता-पिता की भी संलिप्तता पाई गई। जांच में पता चला कि मृतका के माता-पिता ने जानबूझकर अपनी बेटी का बाल विवाह करवाया था। उन्होंने पुलिस को इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी। इस कारण पुलिस ने मृतका के माता-पिता के खिलाफ भी पॉक्सो एक्ट सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है।
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ससुराल पक्ष पर पहले ही हो चुकी है कार्रवाई
एसडीओपी पाटन लोकेश डावर ने बताया की नाबालिक को आत्महत्या के लिए मजबूर करने वाले ससुराल पक्ष पर पहले ही कार्यवाही की जा चुकी है। वहीं जब जांच में यह बात सामने आई की नाबालिक की शादी उसके माता-पिता ने जानकर कराई थी, तो लड़की के पिता सहित मां गीता बाई चौधरी पर भी पॉक्सो एक्ट की धारा 19, 21 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।
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समाज में जागरूकता फैलाने की जरूरत
इस घटना ने एक बार फिर यह याद दिला दिया है कि अभी भी समाज में बड़े स्तर पर जागरूकता फैलाने की जरूरत है ताकि लोग इन कुरीतियों के खतरे को समझ सकें। यह मामला सिर्फ एक परिवार के लिए नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए एक सबक है कि बाल विवाह और दहेज जैसी कुरीतियों को खत्म करने के लिए हर संभव प्रयास करना जरूरी है।
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