जबलपुर में धान खरीदी घोटाला और कबाड़खाने ब्लास्ट जैसी घटनाओं के सामने आने के बाद से ही जिला कलेक्टर एक्शन मोड में आ गए थे और उन्होंने हर विभाग में जांच करने के लिए जांच दल गठित किया था। बीते दिनों मझौली में वेयरहाउस की गड़बड़ी पकड़ने के बाद अब इस जांच दल ने शाहपुरा क्षेत्र में 5 करोड़ 38 लाख रुपए का घोटाला उजागर किया है। जिसमें वेयरहाउस संचालक गरीबों के खाद्यान्न में मिट्टी कंकड़ तक मिलाकर उसका भार बढा रहे थे और शासन को चूना लगा रहे थे।
वेयरहाउस में चल रहा था खुलकर भ्रष्टाचार
जबलपुर जिला कलेक्टर के जांच दल को लगातार यह शिकायत मिल रही थी कि शाहपुरा में भावना दीक्षित और रामकिशोर दीक्षित अपने वेयरहाउस में जमकर खाद्यान्न की हेर फेर कर रहे हैं। इसके बाद जांच दल ने गणेश वेयरहाउस और दीक्षित वेयरहाउस का औचक निरीक्षण किया। इन दोनों वेयरहाउस में खाद्यान्न की हेरा फेरी से लेकर गरीबों को मिलने वाले खाद्यान्न में कंकड़ और मिट्टी तक मिलाई जा रहे थे। ताकि इससे बड़े हुए खाद्यान्न के भुगतान से उनकी जेब गर्म हो सके।
5 करोड़ से अधिक की हेरा फेरी
जब जांच दल के द्वारा इन वेयरहाउस का निरीक्षण किया गया तो रजिस्टर में लिखे हुए खाद्यान्न और असलियत में जमीन आसमान का फर्क नजर आया। जांच में लगभग 44 लाख रुपए कीमत का 1851 क्विंटल गेहूं कम पाया गया, तो लगभग 5 लाख रुपये कीमत का 95 क्विंटल चना भी वेयरहाउस से नदारद था।
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वही दो करोड रुपए से अधिक कीमत का 3800 क्विंटल अमानक चना मौके पर मिला और 2 करोड़ 85 लाख रुपए कीमत का 3340 क्विंटल मूंग भी वेयरहाउस में था। अमानक खाद्यान्न में मिट्टी,कंकर सहित पत्थर तक मिलाए गए थे और यदि जांच में यह खाद्यान्न नहीं पकड़ में आता तो यही खाद्यान्न आने वाले दिनों में गरीब हितग्राहियों को वितरित किया जाता।
शाहपुरा थाने में दर्ज हुई FIR
लगभग 5 करोड़ 38 लाख रुपए के खाद्यान्न को छिन्न भिन्न करने के खिलाफ गणेश वेयरहाउस और दीक्षित वेयरहाउस के संचालकों रामकुमार दीक्षित और भावना दीक्षित के खिलाफ धारा 420 और 34 के तहत पुलिस में प्रकरण दर्ज किया गया है।
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