भक्तों के लिए शौचालय निर्माण को दी चुनौती , याचिका खारिज , HC ने कहा- याचिकाकर्ता का आपराधिक रिकॉर्ड और मुद्दा औचित्यहीन

जबलपुर हाईकोर्ट ने गाडरवारा में हनुमान मंदिर के पास सार्वजनिक शौचालय निर्माण के खिलाफ लगी याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि याचिका हस्तक्षेप योग्य नहीं है।

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Vikram Jain
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Jabalpur High Court rejected petition considering criminal record petitioner
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JABALPUR.  जबलपुर हाईकोर्ट ने हनुमान मंदिर के पास सार्वजनिक शौचालय के निर्माण के खिलाफ लगाई गई याचिका कर दिया है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता के आपराधिक रिकॉर्ड और मुद्दे को औचित्यहीन पाते हुए याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि याचिका हस्तक्षेप योग्य नहीं है।

जानें क्या है मामला

मामला नगर परिषद गाडरवारा द्वारा हनुमान मंदिर के पास सार्वजनिक शौचालय का है। यह शौचालय भक्तों के लिए बनाया जा रहा है। इस निर्माण कार्य को चुनौती देते हुए याचिकाकर्ता कपिल कुमार दुबे की तरफ से याचिका दायर की गई थी। याचिका में कहा गया था कि मंदिर के पास सार्वजनिक शौचालय का निर्माण किए जाने से आसपास का माहौल खराब होने की संभावना है।

याचिकाकर्ता का आपराधिक रिकॉर्ड और मुद्दा औचित्यहीन

हाईकोर्ट जस्टिस जीएस अहलूवालिया की एकलपीठ को बताया कि मंदिर में आने वाले भक्तों के लिए सार्वजनिक शौचालय का निर्माण किया जा रहा है। सरकार की तरफ कहा गया था कि याचिकाकर्ता के खिलाफ 17 आपराधिक मामले दर्ज हैं। न्यायालय ने उसे आजीवन कारावास की सजा से दंडित भी किया है। हनुमान मंदिर आने वाले श्रद्धालु खुले क्षेत्र में आराम करते हैं। भक्तों की सुविधा और साफ और स्वच्छ बनाए रखने सार्वजनिक शौचालय का निर्माण किया जा रहा है। जिसके बाद एकलपीठ ने याचिकाकर्ता के आपराधिक रिकॉर्ड और मुद्दे को औचित्यहीन पाते हुए याचिका को खारिज कर दिया।

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एकलपीठ ने आदेश के साथ याचिका की खारिज

जस्टिस जीएस अहलूवालिया ने अपने आदेश में कहा कि याचिकाकर्ता यह बताने में असमर्थ था कि मंदिर व सार्वजनिक शौचालय के बीच कितनी दूरी है। इसके अलावा याचिकाकर्ता का अपराधिक रिकॉर्ड भी है। सार्वजनिक उपयोगिता और निर्माण भक्तों के लाभ के लिए शौचालय का निर्माण किया जा रहा है। हनुमान मंदिर के आस-पास के क्षेत्र को साफ और स्वच्छ रखने के उद्देश्य से, इसलिए इस न्यायालय का मानना है कि याचिका हस्तक्षेप योग्य नहीं है। एकलपीठ ने उक्त आदेश के साथ याचिका को खारिज कर दिया।

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