जबलपुर के हाईवोल्टेज लव जिहाद मामले में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने अहम आदेश दिया है। इंदौर में रहने वाली अंकिता राठौर और जबलपुर के सिहोरा इलाके में रहने वाले हसनैन अंसारी ने शादी के लिए कलेक्टोरेट कार्यालय में आवेदन दिया था। आवेदन के बाद मचे बवाल को देखते हुए प्रेमी जोड़े ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में अपनी सुरक्षा को लेकर गुहार लगाई थी।
हाईकोर्ट के जस्टिस विशाल धगट की एकल पीठ में मामले की सुनवाई के दौरान प्रेमी जोड़े से अलग-अलग चर्चा की। जिसके बाद अदालत ने इंदौर की रहने वाली अंकिता राठौर को 15 दिन के लिए नारी निकेतन भेज दिया है। इस दौरान युवती से युवक और उसके माता-पिता भी उससे नहीं मिल सकते। इसके अलावा कोर्ट ने सिहोरा के युवक हसनैन अंसारी को भी पुलिस सुरक्षा देने के निर्देश दिए हैं।
सुरक्षा के लिए हाईकोर्ट से गुहार
शादी करने के इच्छुक जोड़े ने 4 अक्टूबर को ही हाइकोर्ट में याचिका दायर कर दी थी। हाईकोर्ट में दायर याचिका में अंकिता और हसनैन ने कोर्ट से सुरक्षा की गुहार लगाते हुए बताया था कि वह दोनों बालिग हैं और स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत शादी करना चाहते हैं। लेकिन उनको और उनकी संपत्ति के नुकसान होने की आशंका है। इसके बाद जस्टिस विशाल धगत ने जबलपुर पुलिस अधीक्षक और सिहोरा के SHO को उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने का आदेश देने के साथ ही यह भी आदेश दिया है कि याचिकर्ताओं के विरुद्ध अगली सुनवाई तक कोई भी एफआईआर दर्ज नहीं की जाएगी।
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यह है प्रेमी जोड़े की कहानी
जबलपुर के सिहोरा इलाके में रहने वाले मुस्लिम युवक हसनैन अंसारी ने हिंदू लड़की अंकिता से शादी के लिए एडिशनल कलेक्टर और मैरिज ऑफिसर के पास आवेदन दिया था। जिस पर संबंधित अधिकारी ने दोनों के परिजनों को पत्र जारी कर आपत्ति मांगी है। इसके बाद मामला बढ़ गया है। लड़की के परिजनों ने पुलिस को आवेदन दिया है कि लड़का उनकी बेटी को बहला-फुसलाकर ले गया है। वहीं हिंदू संगठनों ने भी शादी पर आपत्ति जताई थी। इस मामले में तेलंगाना के हिंदू नेता और हैदराबाद की गोशामहल सीट से विधायक टी राजा ने एक वीडियो जारी कर हिंदू संगठनों से इस शादी को रोकने की अपील की है और कहा है कि शादी रोक दीजिए, नहीं तो लड़की की लाश फ्रिज में कटी हुई मिलेगी।
सरकारी अधिवक्ता ने बताया हाईकोर्ट का अभिमत
सरकारी अधिवक्ता शिवकुमार श्रीवास्तव ने बताया है कि हाईकोर्ट में युवती अंकिता राठौर ने स्पेशल मैरिज एक्ट में युवक की सुरक्षा के लिए हाईकोर्ट में गुहार लगाई गई थी। उसे डर था कि संगठनों और समाज के द्वारा युवक को खतरा है। इस मामले में हाईकोर्ट के द्वारा अंतरिम सुनवाई करते हुए अपना अभिमत दिया गया। जिसमें युवती को 15 दिनों के लिए नारी निकेतन में भेजने और युवक को पुलिस सुरक्षा और सुरक्षित घर पहुंचाने का आदेश दिया है। साथ इस मामले में 12 नवंबर को लड़की के द्वारा मैरिज रजिस्ट्रार के सामने अपने बयानों को दर्ज कराया जाएगा और उसके बाद कथनों के आधार पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।
कोर्ट के बाहर अंकिता की मां ने लगाई गुहार
इस मामले की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट के बाहर अंकिता की मां फूट-फूट कर रोती हुई दिखाई दी। अंकित की मां यही गुहार लगा रही थी कि उसे एक बार अपनी बेटी से मिलने दिया जाए। लेकिन कोर्ट के आदेश के बाद अंकिता को नारी निकेतन भेज दिया गया और मां को बेटी से मिलने का मौका भी नहीं मिला।
सीहोरा विधायक ने किया हाईकोर्ट के फैसले का सम्मान
इस पूरे मामले में सिहोरा विधायक संतोष बरकड़े ने बताया ऐसी घटनाओं से कहीं ना कहीं सनातन समाज की भावनाएं आहत होती है। इस मामले के विरोध को लेकर आज सिहोरा बंद का सफल आयोजन हुआ साथ ही इसमें सभी का सहयोग मिला । उन्होंने बताया कि माननीय हाईकोर्ट के द्वारा दिए गए 15 दिन के समय में कहीं ना कहीं युवती को मानसिक रूप से परिपक्व होने का मौका मिलेगा। इस पूरे मामले में धार्मिक संगठनों के द्वारा लगातार विरोध किया जा रहा है।
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