नील तिवारी @ jabalpur. तिलवारा घाट के ऊपर पुराने जर्जर पुल में आवागमन बंद करने के बाद नया पुल बन चुका है। उसके बाद भी कुछ लोग अपनी जान को जोखिम में डालकर इस पुल पर तस्वीरें खिंचवाने और यहां से छलांग लगाने भी आते हैं। इसी तरह रविवार की सुबह 22 से 23 वर्षीय तीन मित्र तिलवारा के पुराने पुल पहुंचे। उनमें से दो युवकों ने अपने मित्र को वीडियो बनाने को कहकर नदी में कूद गए पर यह उनके लिए मौत की छलांग साबित हुई।
वीडियो बनाने के क्रेज ने ली जान
शांति नगर निवासी यश गोस्वामी और अनुराग गोस्वामी अपने मित्र नीरज चक्रवर्ती के साथ रविवार की सुबह तिलवारा घाट पहुंचे थे। आज उनका प्लान घाट में आमजनों की तरह नहाने का नहीं था बल्कि वह पुल से छलांग लगाकर इसका वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड करना चाहते थे। जिसके लिए वह तिलवारा के उसे पुराने पुल में पहुंचे जैसे आवागमन के लिए पूरी तरह बंद कर दिया गया और इसके दोनों तरफ किसी भी तरह की कोई रेलिंग या सुरक्षा उपाय नहीं है। यश को वीडियो बनाने का जमा देकर अनुराग और नीरज ने इस पुल से नदी में छलांग लगा दी। इसके बाद नीरज नदी में इतनी गहराई में चला गया कि वह दोबारा बाहर ही नहीं आ सका वही अनुराग ने बाहर आकर तैरने की कोशिश की पर वह भी अपनी जान नहीं बचा पाया और डूब गया।
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स्थानीय गोताखोरों ने निकाला शव, मोटरसाइकिल पर लेकर पहुंचे अस्पताल
पुल से छलांग लगाने के बाद लापता हुए युवकों के परिजनों ने कुछ गोताखोरों को संपर्क किया जिन्होंने स्थानीय गोताखोरों की मदद से नाव में जाकर अनुराग के शव को बाहर निकाला। वहीं गोताखोरों को गहराई में नीरज का शव भी नजर आया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार मौके पर पुलिस या कोई भी बचाव दल नहीं पहुंचा यहां तक की अनुराग के शव को मोटरसाइकिल में रखकर उन्हें मेडिकल अस्पताल तक लाना पड़ा।
बस त्योहारों में होती है सुरक्षा व्यवस्था
बिना किसी रेलिंग या सुरक्षा व्यवस्था के इस पुल से बीते कुछ दिनों में लगातार हादसों की खबरें आती रही हैं। इसके बाद भी प्रशासन के द्वारा यहां पर लोगों के आवागमन को रोकने कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए। हालांकि प्रशासन के साथ ही अपने जीवन की जिम्मेदारी नागरिकों की भी है पर लगातार हादसे होने वाली जगह पर किसी भी तरह की सुरक्षा व्यवस्था न होना समझ से परे है।