कबाड़खाने में हुए पिछले ब्लास्ट के आरोपी तक पुलिस पहुंच भी नहीं पाई थी कि एक और धमाकेदार ब्लास्ट जबलपुर के कबाड़खाने में ही हुआ है। जबलपुर के शोभापुर इंडस्ट्रियल एरिया में कबाड़खाने में हुए ब्लास्ट में भी सेना के बमों में ही ब्लास्ट होने की जानकारी सामने आ रही है।
COD के कबाड़ में हुआ है ब्लास्ट
जबलपुर पुलिस महानिरीक्षक के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार इस कबाड़खाने के मालिक कपिल जैन ने रायपुर के एक स्क्रैप व्यापारी से COD का कबाड़ खरीदा था । यह कबाड़ बुधवार को ही उसके कबाड़खाने पहुचा था। कबाड़ में आये बमों की पेटियां उठाते समय यह ब्लास्ट हुआ। जिसमे चांदमारी घमापुर निवासी राजा चौधरी की मौके पर ही मौत हो गई। जानकारी के अनुसार यह काबाद खाना आनंद जैन और उसका भाई संचालित करते थे।
सुबह 9:45 पर हुआ ब्लास्ट
प्रत्यक्ष दर्शनों ने बताया कि सुबह लगभग 9:45 पर एक जोरदार धमाका हुआ जिसके बाद कबाड़खाने के मजदूरों में भगदड़ मच गई। उसके बाद आसपास के दुकानदारों के द्वारा ही पुलिस को सूचना दी गई और पुलिस मौके पर पहुंची। इस कबाड़ खाने के साथ ही लगे आनंद जैन के गोदाम में भी सेवा के कबाड़ के बमों की सैकड़ो पेटियां नजर आई। जिससे यह स्पष्ट है कि यहां पर कबाड़ में बमों की खरीद फरोख्त का काम लंबे समय से चल रहा था।
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कितने मौत के व्यापारी कबाड़ी हैं अब भी सक्रिय ?
इस ब्लास्ट ने जबलपुर पुलिस की पूरी सतर्कता की पोल खोल कर रख दी है क्योंकि जबलपुर की पुलिस के द्वारा यह दावा किया गया था कि शमीम कबाड़ी के कबाड़खाने में ब्लास्ट होने के बाद जबलपुर शहर के सभी कबाड़खानों की जांच की गई है। पर पिछले ब्लास्ट की ही तरह एक और ब्लास्ट की घटना पुलिस की लचर कार्यप्रणाली को सामने ला रही है। अभी भी जबलपुर में न जाने कितने ऐसे कबाड़खाने हैं ।जो किसी बड़े हादसे को निमंत्रण देने के इंतजार में बैठे हुए। पिछले ब्लास्ट के बाद कबाड़ खानों के लाइसेंस से लेकर जीएसटी तक चेक करने वाली एजेंसियों की नजर से यह कबाड़खाना जांच से कैसे बचा रह गया यह अभी भी एक प्रश्न है।
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