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जबलपुर में एक ऐसे मामले पर आदेश जारी हुआ है जिसमें कोदो कुटकी कुकीज निर्माण यूनिट के लिए मशीनों की खरीदी में फर्जीवाड़ा किया गया। इसमें 2.5 लाख रुपए की कीमत की मशीनों को 10 लाख रुपए में खरीद कर जिला प्रबंधक लघु उद्यमिता विकास के द्वारा भ्रष्टाचार किया गया। इस मामले में जांच के बाद कलेक्टर के द्वारा अधिकारी को बर्खास्त किए जाने के आदेश जारी किए गए।
सरस्वती आजीविका महिला स्व सहायता समूह तिलसानी कुंडम के द्वारा कलेक्टर जबलपुर को अखिल शुक्ला जिला प्रबंधक लघु उद्यमिता विकास के द्वारा कोदो कुटकी कुकीज निर्माण यूनिट की गुणवत्ताहीन, कम क्षमता की घटिया मशीन को प्रदाय करने और अनावश्यक रूप से समूह पर दबाव डालकर अधिक भुगतान कराए जाने के खिलाफ शिकायत की गई थी।
आजीविका स्व सहायता समूह की शिकायत के बाद कलेक्टर जबलपुर के द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत जबलपुर को शिकायत में जांच के लिए आदेशित किया था। जिसमें जांच दल गठित किया गया जिसमें जांच के दौरान पाया कि कुकीज निर्माण यूनिट का प्रोजेक्ट अखिल शुक्ला के द्वारा तैयार किया गया था। साथ ही जिन मशीनों को खरीदा गया था वह ISI मार्क कि नहीं थी और उन मशीनों को खरीदने के लिए 10 लाख रुपए का भुगतान किया गया था ।लेकिन जांच में पाया गया कि इन मशीनों का वास्तविक मूल्य 2.5 लाख रुपए है। साथ ही मशीन के अन्य उपकरणों की लागत भी कई गुना अधिक पाई गई थी।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत कुण्डम के द्वारा प्राप्त जांच प्रतिवेदन के आधार पर अखिल शुक्ला जिला प्रबंधक लघु उद्यमिता विकास को जिला पंचायत में अपना पक्ष रखने के लिए कारण बताओं नोटिस जारी हुआ था। साथ ही मशीन प्रदायकर्ता की फर्म एस एस बेनी प्रसाद धरमचंद वेंडर (ऋतिक जैन )को भी 10 लाख रुपए बैंक के लोन खाते में जमा करने के लिए भी अवगत कराया गया था।
जिला प्रबंधक अखिल शुक्ला के द्वारा कारण बताओं नोटिस का जवाब दिया गया जिसे कलेक्टर जबलपुर के द्वारा अमान्य माना गया। साथ ही इस पूरे मामले में सभी पक्षों के बयानों में पाया गया कि अखिल शुक्ला के द्वारा अनावश्यक दबाव डालकर भुगतान कराया गया, प्रोजेक्ट में मापदंडों के अनुरूप कम क्षमता ,कम राशि एवं घटिया दर्जे की मशीनों की सामग्री को खरीद कर कम कीमत की मशीनों को अधिक कीमत पर खरीदना सही पाया गया। जिसमें पूरी जांच के दौरान जिला प्रबंधक दोषी पाए गए।
जबलपुर कलेक्टर के द्वारा अखिल शुक्ला जिला प्रबंधक लघु उद्यमिता विकास पर शिकायत के बाद करवाई की गई जिसमें जांच में यह पाया गया कि उन पर लगाए गए सभी आरोप सिद्ध होते हैं। जिस पर कलेक्टर दीपक सक्सेना ने मध्य प्रदेश शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अनुशासन एवं प्रशासनिक नियंत्रण में प्रदत अधिकारों का उपयोग करते हुए अखिल शुक्ला की संविदा सेवा समाप्त करते हुए उन्हें तत्काल प्रभाव से बर्खास्त किए जाने का आदेश जारी किया है।