जबलपुर में रांझी तहसील अंतर्गत स्थित मस्जिद के अतिक्रमण को हटाने विश्व हिंदू परिषद के विभाग संयोजक सुमित ठाकुर के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन किया गया था। इस प्रदर्शन के बाद प्रशासन को अल्टीमेटम दिया गया था कि यदि 10 दिनों में प्रशासन के द्वारा कार्रवाई नहीं की जाती, तो विश्व हिंदू परिषद ही कार सेवा कर इस विवादित ढांचे को गिराएगा। अब इस मामले में मुस्लिम समुदाय ने अपना पक्ष प्रशासन के सामने रखते हुए कार्रवाई की मांग की है।
मस्जिद कमेटी ने एसपी को दिया ज्ञापन
कार सेवा की चेतावनी के विरोध में मुस्लिम समुदाय के सदस्य मस्जिद कमेटी के साथ जबलपुर के एसपी कार्यालय पहुंचे और प्रशासन से इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि वे किसी भी प्रकार की अवैध कार्रवाई या सामुदायिक तनाव नहीं चाहते, बल्कि कानून के दायरे में रहकर इस मुद्दे का समाधान चाहते हैं। मुस्लिम समुदाय का आरोप है कि विहिप द्वारा की जा रही गतिविधियां शांति और सांप्रदायिक सौहार्द को नुकसान पहुंचा सकती हैं। उनका मानना है कि अगर कार सेवा जैसी गतिविधियों को अंजाम दिया गया, तो इससे शहर का माहौल बिगड़ सकता है और सांप्रदायिक तनाव उत्पन्न हो सकता है।
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कब्जे की जमीनों पर नहीं बनती हैं मस्जिदें
मौलाना चांद अली ने बताया कि मस्जिद कभी भी किसी की ज़मीन कब्जा कर नहीं बनवाई जा सकती क्योंकि शरीयत के हिसाब से ऐसी मस्जिद में की गई नमाज कुबूल नहीं होती। मस्जिद कमेटी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव से मांग की है कि इस तरह के सौहार्द बिगाड़ने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए। मुस्लिम समुदाय ने प्रशासन से यह अनुरोध किया है कि विवाद का हल कानून और न्यायालय के माध्यम से निकाला जाए। उन्होंने कहा कि वे मस्जिद के अस्तित्व और धार्मिक भावनाओं की सुरक्षा के पक्ष में हैं और किसी भी प्रकार की गैरकानूनी कार्रवाई का सख्त विरोध करेंगे।
LIB से RAF तक अलर्ट पर
इस मामले को लेकर लोकल इन्फॉर्मेशन ब्यूरो से रैपिड एक्शन फोर्स तक अलर्ट मोड पर है। आपको बता दें कि पिछले साल लगातार रैपिड एक्शन फोर्स ने शहर के चप्पे-चप्पे की जानकारी एकत्र करने और इस तरह की स्थितियों से निपटने के लिए पैदल मार्च निकाले थे। इन पैदल मार्च ओं का उद्देश्य यह था कि जबलपुर के संवेदनशील इलाकों का नक्शा और उनकी जानकारी रैपिड एक्शन फोर्स के पास हो जो किसी भी तरह की स्थिति को नियंत्रित करने के समय फोर्स के काम आए। मिली जानकारी के अनुसार RAF कमांड भी इस मामले में नजर रखते हुए अलर्ट मोड़ पर है।
दोनों पक्षों का क्या कहना है
यह मामला अब सांप्रदायिक तनाव का रूप लेता जा रहा है, और स्थानीय प्रशासन के लिए कानून और व्यवस्था को बनाए रखना एक चुनौती बन चुका है। इस विवाद के मद्देनजर, प्रशासन को दोनों समुदायों के बीच संतुलन बनाकर और कानून के तहत समाधान निकालने की कोशिश करनी होगी ताकि किसी भी प्रकार की हिंसा या तनाव से बचा जा सके। हिंदू संगठनों का दावा है कि मस्जिद के आसपास के क्षेत्र में अवैध निर्माण हुए हैं, जिन्हें हटाने की आवश्यकता है। हालांकि, मुस्लिम समुदाय इन दावों को निराधार मानता है और उनका कहना है कि यह मामला हाईकोर्ट में लंबित है तो इसका फैसला कानूनन ही होना चाहिए।
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