जबलपुर में अस्पताल से कैदी के फरार होने की एक ऐसी घटना सामने आई है जिसमें एक और तो उसकी सुरक्षा पर लगे प्रहरी की लापरवाही सामने आई है तो वही पर जबलपुर के सरकारी अस्पताल में कैदी को दिए गए उत्कृष्ट इलाज पर भी पूरे महकमें में चर्चा हो रही है। जेल से लेकर अस्पताल तक कर्मचारी यह चर्चा कर रहे हैं कि जबलपुर के मेडिकल अस्पताल में व्हीलचेयर पर आए कैदी को इतना बढ़िया इलाज मिला कि वह डिस्चार्ज होने के पहले ही फरार होने की स्थिति में आ गया।
सिहोरा जेल से ट्रांसफर हुआ था कैदी।
बलात्कार और आर्म्स एक्ट जैसे मामलों में सिहोरा जेल में बंद कैदी मुईन उर्फ बबलू को सिहोरा जेल से इलाज के लिए जबलपुर रेफेर किया गया था। किन्हीं कारणों से आग से जलने के कारण कैदी के शरीर पर फफोले पड़े हुए थे और उसका लकवे का भी इलाज चल रहा था। कैदी को जब अस्पताल में दाखिल किया गया था तो वह चलने फिरने की स्थिति में भी नहीं था। अस्पताल के कई विभागों में उसका इलाज किया गया और बुधवार 17 जुलाई की तड़के सुबह कैदी आईसीयू वार्ड से फरार होने में कामयाब हो गया।
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लापरवाह जेल प्रहरी पर गिरी गाज
नेताजी सुभाष चंद्र बोस केंद्रीय जेल अधीक्षक अखिलेश तोमर ने बताया कि इस मामले में कैदी की सुरक्षा में लगे प्रहरी आरक्षक नरेश खंडाते के द्वारा लापरवाही बढ़ती गई है जिसके कारण उसे निलंबित कर दिया गया है। जेल अधीक्षक ने कहां किस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए हमारे द्वारा लगातार सतर्कता भी बढ़ती जाती है और कार्यवाही भी की जाती है । वहीं उन्होंने यह दावा भी किया कि फरार कैदी को जल्द ही पकड़ लिया जाएगा क्योंकि उससे मिलने के लिए उसकी बहन और पुत्र अक्सर आते थे, कल रात में भी कैदी का पुत्र अस्पताल में उसके साथ मौजूद था । तो संभावना यह है कि उसे भगाने में उसके पुत्र के द्वारा सहायता की गई है और भाग कर वह उनके ही घर पर गया होगा।
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