जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना ने जिले में 108 एंबुलेंस सेवा की कार्यप्रणाली को और अधिक सुदृढ़ और पारदर्शी बनाने के लिए एक बैठक आयोजित की। जबलपुर शहर में निजी अस्पतालों और 108 एंबुलेंस के बीच चल रही कमीशन खोरी को रोकने या बैठक अहम मानी जा रही है । इस बैठक में अपर कलेक्टर मिशा सिंह, शहरी क्षेत्र के सभी एसडीएम, सीएमएचओ डॉ. संजय मिश्रा और 108 एंबुलेंस सेवा के स्टेट कोऑर्डिनेटर नितिन बाजपेई समेत अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
कलेक्टर ने 108 एंबुलेंस चालकों को दी चेतावनी
कलेक्टर दीपक सक्सेना ने इस बैठक में साफ कहा कि 108 एंबुलेंस सेवा का उद्देश्य मरीजों को आपात स्थिति में जल्दी और सही अस्पताल तक पहुंचाना है। उन्होंने निर्देश दिए कि जिस अस्पताल के लिए मरीज को रेफर किया जाता है, उसे उसी अस्पताल में ले जाया जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि एंबुलेंस चालक मरीज को किसी अन्य निजी अस्पताल में ले जाता है, तो यह अनुचित और संदिग्ध गतिविधि होगी, और इसके लिए तुरंत शिकायत दर्ज करवाई की जाएगी।
एंबुलेंस की कमीशनखोरी की चिंता का विषय
कलेक्टर ने हाल ही में एक घटना का जिक्र किया, जिसमें एंबुलेंस चालक ने एक मरीज को शासकीय अस्पताल के बजाय एक निजी अस्पताल में पहुंचाया। बड़े पैमाने पर हो रही कमीशनखोरी की आशंका के चलते कलेक्टर ने कहा कि एंबुलेंस सेवा के नाम पर निजी अस्पतालों को अनुचित लाभ पहुंचाने की हरकत बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
1 अगस्त से 15 सितंबर तक की देनी होगी जानकारी
बैठक में कलेक्टर ने 108 एंबुलेंस सेवा के स्टेट कोऑर्डिनेटर से 1 अगस्त से 15 सितंबर तक जिले में एंबुलेंस द्वारा कहां-कहां से मरीजों को किस-किस अस्पताल में पहुंचाया गया, इसकी विस्तृत जानकारी मांगी। इसके साथ ही उन्होंने पिछले 45 दिनों में जिले के कुछ अस्पतालों के अंदर मरीजों की रिपोर्ट भी प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही पर सख्ती
कलेक्टर दीपक सक्सेना ( Collector Deepak Saxena ) ने स्पष्ट रूप से कहा कि एंबुलेंस सेवा स्वास्थ्य सेवाओं की एक महत्वपूर्ण कड़ी है, और इसमें किसी भी प्रकार की अनियमितता अस्वीकार्य होगी। उन्होंने चेतावनी दी कि एंबुलेंस सेवा का दुरुपयोग कर निजी अस्पताल लाभ लेने की कोशिश न करें। मरीजों के इलाज में किसी भी प्रकार की लापरवाही को गंभीरता से लिया जाएगा, और दोषियों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। इस बैठक में कलेक्टर दीपक सक्सेना के कड़े रुख के बाद यह साफ संदेश गया है कि जिला प्रशासन स्वास्थ्य सेवाओं की पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह तत्पर है। एंबुलेंस सेवा की सुचारु व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासनिक स्तर पर लगातार निगरानी की जाएगी, ताकि नागरिकों को सही समय पर उचित स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें।
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