पन्ना : क्या पीएम श्री एयर एंबुलेंस के दावे खोखले ? बीमार महिला को चादर में टांगकर क्यों ले जाना पड़ा अस्पताल

भले ही पन्ना जिले में हैंगिंग ग्लास ब्रिज का निर्माण चल रहा हो, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि आजादी के 78 साल बाद भी पन्ना के कई आदिवासी गांव मूलभूत सुविधाओं से बहुत दूर है....

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Sandeep Kumar
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वैसे मध्य प्रदेश सरकार प्रदेश में विकास का दावा करते नहीं थकती है, लेकिन कभी-कभी कुछ ऐसी तस्वीर सामने आ जाती है जो सरकार की तमाम दावों की पोल खोल देती है। कुछ ऐसी है तस्वीर सामने आ रही है पन्ना जिले के शाहनगर जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत महगवां के ग्राम भोपार की। यहां पर गंभीर रूप से बीमार महिला ( sick woman ) को अस्पताल ( hospital ) ले जाने के लिए परिवार के लोग मजबूरी में लकड़ी और चादर की डोली बनाकर कंधों के सहारे जंगल और पहाड़ी रास्ते से अस्पताल लेकर जा रहे है, क्योंकि इस गांव में ना तो सड़क है और ना ही एंबुलेस की सुविधा है।

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क्या है पीएम श्री एयर एंबुलेंस सेवा के दावे 

एक तरफ प्रदेश सरकार गंभीर बीमार और दुर्घटनाओं में घायल लोगों को एयरलिफ्ट अस्पतालों में पहुंचाने का दावा करती है। दूसरी ओर पन्ना जिले भोपार जैसे कई ऐसे गांव हैं जो सरकार के तमाम दावों की पोल खोलते है। भोपार में पीएम श्री एयर एंबुलेंस (PM Shree Air Ambulance ) आना तो दूर की बात यहां पर सड़क तक नहीं है। बताया जा रहा है कि आजादी के 78 साल बाद भी पन्ना जिले के कई गांवों में आज भी सड़क, बिजली और पानी की समस्या बनी हुई है।

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