नील तिवारी, JABALPUR. जबलपुर मर्डर : सिविल लाइन स्थित मिलेनियम कॉलोनी में 14 मार्च की रात सनसनीखेज दोहरे हत्याकांड को नाबालिग और उसके प्रेमी मुकुल ने मिलकर अंजाम दिया था। पुलिस से फरार रहने के दौरान मुकुल ने नाबालिग के साथ कई बार शारीरिक संबंध बनाए थे जिसके कारण अब उसे पर बलात्कार का मामला दर्ज किया गया है।
बलात्कार के आरोप से बचने के लिए की हत्याएं
नाबालिक लड़की के पिता राजकुमार और 8 साल के भाई तनिष्क की हत्या की मुख्य वजह यही थी कि नाबालिग के पिता ने मुकुल को किशोरी के बलात्कार के मामले में जेल भिजवा दिया था। जिसका बदला लेने के लिए उसने नाबालिग के पिता को रास्ते से हटा दिया। अब दो हत्याएं करने के बाद और लगभग ढाई महीने तक फरार रहने के बाद मुकुल पर फिर से नाबालिग लड़की के बलात्कार का मामला दर्ज हो गया है। हालांकि, पुलिस की तफ्तीश में यह सामने आया है कि नाबालिग भी अपने पिता और भाई की हत्या में बराबर की साथी थी, लेकिन उसके नाबालिक होने के कारण परिजनों के द्वारा आरोपी मुकुल पर बलात्कार की शिकायत दर्ज कराई गई। जिसके बाद किशोरी का एल्गिन अस्पताल में मुलहजा करने के पश्चात मुकुल पर धारा 376 का एक और मामला कायम कर लिया गया है।
पांच कत्ल का था इरादा
पुलिस की पूछताछ में मुकुल ने यह कबूल किया है कि उसने जेल से बाहर आने के बाद कुल पांच कत्ल करने की ठानी थी। इसे हमेशा याद रखने के लिए उसने अपने सीने पर एक टैटू भी बनवाया था जिसमें पांच खोपड़ियां नजर आ रही हैं। इस लिस्ट में नाबालिग के पिता राजकुमार, दोनों को चैटिंग करने से मना करने वाली एक रिश्तेदार सहित पुलिस की सब इंस्पेक्टर और नाबालिग का नाम भी शामिल था।
क्या होगा अगर नाबालिग मुकर गई आरोपों से
कानून के अनुसार 18 वर्ष से कम उम्र की लड़की द्वारा सेक्स के लिए दी कंसेंट मान्य नहीं है। 2012 में आए पॉक्सो यानी प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस एक्ट में सहमति से यौन संबंध की उम्र 18 साल तय की गई है। इस उम्र को 18 से घटाकर 16 साल करने पर लंबे समय से बहस चल रही है। अदालतें भी कई बार साफ कर चुकी हैं पॉक्सो एक्ट का मकसद नाबालिगों को यौन हिंसा से बचाना है, न कि किशोरों के बीच सहमति से बने रोमांटिक संबंधों को अपराध बना देना। हालांकि लॉ कमीशन का कहना है कि सहमति से यौन संबंध बनाने की उम्र 18 से 16 साल नहीं की जानी चाहिए। अगर ऐसा किया गया तो इससे कानून का दुरुपयोग होगा। अब देखना यह होगा कि इस मामले के कोर्ट में जाने पर नाबालिग अपने बयानों पर टिकी रहकर हत्या के मामले में रहम की आस लगाती है या न्यायालय में भी अपने कातिल प्रेमी का साथ देती है।