CRPF की वर्दी में सेना के जवानों से करता था ठगी, 4 राज्यों में तलाश के बाद GRP के हत्थे चढ़ा ठग

जबलपुर जीआरपी पुलिस ने एक शातिर ठग को गिरफ्तार किया है, जो सीआरपीएफ जवान की वर्दी पहनकर ट्रेन में यात्रा करने वाले सेना के जवानों से ठगी करता था। आरोपी को चार राज्यों में सर्च अभियान के बाद जोधपुर से पकड़ा गया। जानें पूरा मामला

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Neel Tiwari
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अगर कोई शख्स ट्रेन में CRPF की वर्दी पहनकर आपके पास बैठ जाए और खुद को फौजी बताकर दोस्ती करने लगे, तो सतर्क हो जाइए। मध्य प्रदेश के जबलपुर रेलवे स्टेशन पर जीआरपी पुलिस ने एक ऐसे शातिर ठग को गिरफ्तार किया है, जो असली फौजियों की वर्दी पहनकर नकली फौजी बन जाता था और ट्रेनों में यात्रा कर रहे सेना, नेवी व अर्द्धसैनिक बलों के जवानों से मोबाइल लेकर लाखों की ऑनलाइन ठगी करता था। आरोपी की गिरफ्तारी तक पहुंचने के लिए जीआरपी और साइबर सेल की टीम ने मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार और राजस्थान तक लगातार महीनों तक सुराग खंगाले और तकनीकी विश्लेषण किया।

जानें पूरा मामला

जबलपुर जीआरपी ने ठगी के मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए शातिर ठग को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपी को 8 अप्रैल 2025 को गिरफ्तार कर लिया। साथ ही उसके कब्जे से मोबाइल, कैश और फर्जी सीआरपीएफ वर्दी भी बरामद की है। आरोपी का नाम अरविंद तिवारी उर्फ विराट (26) है। जो यूपी के बलिया के ग्राम महरेव थाना चितबड़ागांव का रहने वाला है। वह फिलहाल राजस्थान जोधपुर की श्रमिक कॉलोनी में रह रहा था। 

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वर्दी पहनकर जीतता था विश्वास, इन्हें बनाया निशाना

1. नौसेना के जवान के खाते उड़ाए 20 हजार रुपए: तेलंगाना के आदिलाबाद निवासी और नौसेना में कार्यरत साईं कुमार प्रयागराज से मुंबई जा रहे थे। गोदान एक्सप्रेस में यात्रा के दौरान, सीआरपीएफ की वर्दी पहने एक शख्स ने खुद को सैनिक बताकर दोस्ती की। उसने मोबाइल रिचार्ज कराने का बहाना बनाकर साईं कुमार से फोन लिया और रिचार्ज करते समय उसका पासवर्ड देख लिया। जब ट्रेन जबलपुर स्टेशन पर रुकी, वह युवक चुपचाप उतर गया। कुछ ही समय में ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के जरिए उनके खाते से 20 हजार 240 रुपए निकाल लिए गए।

2. सेना के जवान से 49 हजार की ठगी:  भारतीय सेना के जवान अजीत सिंह यादव के साथ भी आरोपी ने यही पैटर्न अपनाया। ट्रेन में यात्रा के दौरान दोस्ती की, मोबाइल लिया, पिन देख लिया और मैहर स्टेशन पर उतरते ही फरार हो गया। बाद में पता चला कि उनके खाते से 49 हजार रुपए की राशि निकाल ली गई है।

3. ITBP जवान से 97 हजार की चोरी: मध्य प्रदेश के खरगोन के ग्राम बगरधा रहने वाले श्रीराम मालाकर, जो ITBP में पदस्थ हैं, वह लोकमान्य तिलक-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस में सफर कर रहे थे। यात्रा के दौरान ठग ने आईटीबीपी के जवान से दोस्तों की तरह व्यवहार कर मोबाइल रिचार्ज कराने के बहाने फोन लिया और सतना रेलवे स्टेशन पर उतरते ही 97 हजार रुपए का ट्रांजेक्शन कर डाला।

4. महिला से की 95 हजार की ठगी: सेना के जवानों के ठगी का शिकार बनाने के साथ शातिर ठग ने दूसरे लोगों से भी ठगी को अंजाम दिया। 20 जनवरी 2025 को आरोपी सतना जिले के ग्राम मतहा की एक महिला की खाद-बीज दुकान पर पहुंचा था। यहां किसी बहाने से उसने हाथ में लेकर मोबाइल पासवर्ड देख लिया और कुछ ही देर में महिला के खाते से 95 हजार रुपए साफ कर दिए। मामले में रामपुर बघेलान थाने में केस दर्ज किया गया है।

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ठगी को ऐसे अंजाम देता था शातिर ठग

पूछताछ में आरोपी अरविंद तिवारी ने बताया कि वह खुद को सीआरपीएफ का जवान बताकर ट्रेनों में फौजियों से दोस्ती करता था। एक जैसी वर्दी पहनने और फौजी अंदाज़ से बात करने पर कोई उस पर शक नहीं करता। वह उनसे मोबाइल रिचार्ज कराने को कहता और इस दौरान उनकी स्क्रीन देखकर पासवर्ड या पिन देख लेता। फिर जैसे ही मौका मिलता, वह स्टेशन पर उतरकर उनके मोबाइल से पैसे निकालकर गायब हो जाता। उसने बताया कि सेना और अर्द्धसैनिक बलों के जवानों की सहजता का फायदा उठाकर वह वारदातों को अंजाम देता था। अधिकतर जवानों के पास बैंक ऐप, UPI और अन्य ऑनलाइन ट्रांजेक्शन प्लेटफॉर्म पहले से जुड़े होते हैं, जिससे रकम निकालना आसान हो जाता है।

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चार राज्यों में खोज के बाद आखिरकार हुई गिरफ्तारी

इन वारदातों की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक रेल सिमाला प्रसाद व उप पुलिस अधीक्षक लोकेश मार्को ने विशेष जांच टीम गठित की गई। इस टीम में थाना प्रभारी बलराम यादव, उप निरीक्षक संजीवनी राजपूत, सउनि एमएस धुर्वे, प्रआर गणेश तिवारी, प्रआर अरुण तिवारी, आर. सतेन्द्र सिंह, सायबर सेल से सागर उपाध्याय, आर. ओमप्रकाश बघेल, गोपाल सिंह, परसुराम यादव, रविकांत रजक शामिल थे। टीम ने मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार और राजस्थान में कई स्थानों पर सर्च अभियान चलाया। साइबर ट्रेसिंग और डिजिटल लोकेशन के जरिए आरोपी की गतिविधियों पर नजर रखी गई और आखिरकार उसे जोधपुर से गिरफ्तार कर लिया गया।

पुलिस टीम को मिलेगा इनाम

इस जटिल और चुनौतीपूर्ण जांच में सफलता के लिए जीआरपी पुलिस अधीक्षक ने टीम के समस्त सदस्यों की सराहना करते हुए नकद इनाम देने की घोषणा की है। यह न केवल जीआरपी की सतर्कता का परिणाम है, बल्कि साइबर सेल के तकनीकी कौशल का उदाहरण भी है।

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5 मुख्य बिंदुओं से समझें पूरा मामला 

✅ जबलपुर जीआरपी ने सीआरपीएफ वर्दी पहनकर ऑनलाइन ठगी करने वाले शातिर ठग को गिरफ्तार किया है।

✅ आरोपी ने फौजी बनकर सेना और अर्द्धसैनिक बलों के जवानों से मोबाइल लेकर उनके पासवर्ड से पैसे चुराए।

✅ आरोपी ने कई राज्यों में सेना के जवानों से लाखों रुपए ठगे थे।

✅ जीआरपी और साइबर सेल की टीम ने महीनों तक खोजबीन की और जोधपुर से आरोपी को गिरफ्तार किया।

✅ पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया और जांच टीम को पुरस्कार देने की घोषणा की।

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