तपती धूप में मां को बेटे ने छत पर छोड़ा, जानें दिल दहला देने वाली सच्चाई

जबलपुर के कलेक्टर दीपक सक्सेना को एक शिकायत की चिठ्ठी प्राप्त हुई थी। शिकायत पढ़ते ही कलेक्टर ने इसे गंभीरता से लिया और तत्काल तहसीलदार को मौके पर जांच के आदेश दे दिए।

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Neel Tiwari
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Jabalpur son left mother on
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MP News: मां... वह ममता की मूर्ति, जो अपना सारा जीवन संतान के लिए न्यौछावर कर देती है। जिस आंचल की छांव में बेटा जवान होता है, वही मां जब अपने जीवन की संध्या वेला में हर एक चीज के लिए तरसे, तो हर किसी दिल चीर कर रख देगा। कुछ ऐसी ही घटना सामने आई है मध्य प्रदेश के जबलपुर में, जहां पर एक कलुयगी बेटे की करतूत उजागर हो गई है। यहां पर एक बेटे ने अपनी 95 वर्षीय मां को तपती दोपहरी में घर की छत पर छोड़ दिया, वह भी मात्र एक तिरपाल के नीचे। यह मामला एक गुमनाम शिकायत के माध्यम से प्रशासन तक पहुंचा, जिसने प्रशासन को भी झकझोर कर रख दिया।

कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश

जबलपुर के कलेक्टर दीपक सक्सेना को एक शिकायत की चिठ्ठी प्राप्त हुई थी। उस चिट्ठी में किसी अज्ञात व्यक्ति ने त्रिमूर्ति नगर क्षेत्र के मेवालाल गुप्ता के करतूत की शिकायत की थी। पत्र में लिखा था कि मेवालाल गुप्ता ने अपनी बुजुर्ग मां रामरती गुप्ता को घर की छत पर छोड़ दिया है। 

तपती गर्मी से बचने के लिए केवल एक कमजोर तिरपाल की व्यवस्था की गई है। न पीने के लिए स्वच्छ पानी है, न खाने के लिए भरपेट भोजन। इतना ही नहीं, वृद्धा को शौच आदि भी छत पर ही करना पड़ता है। यह शिकायत पढ़ते ही कलेक्टर ने इसे गंभीरता से लिया और तत्काल तहसीलदार को मौके पर जांच के आदेश दे दिए।

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तपती छत पर बेसहारा पड़ी मिली मां

जबलपुर कलेक्टर के निर्देश पर तहसीलदार, पटवारी और गोहलपुर थाना पुलिस की टीम त्रिमूर्ति नगर पहुंची। जब अधिकारी छत पर पहुंचे तो जो दृश्य उनकी आंखों के सामने था, वह किसी भी संवेदनशील व्यक्ति को भीतर तक हिला देने वाला था। 

95 साल की रामरती गुप्ता, एक साधारण सी चादर पर लेटी हुई थीं, आसपास तपती हुई छत की गर्मी, और बचाव के नाम पर सिर्फ एक पतली तिरपाल थी। उनकी हालत इतनी नाजुक थी कि तहसीलदार जानकी उइके ने तुरंत उन्हें नीचे लाकर सुरक्षित स्थान पर बैठाया। तहसीलदार ने जब अम्मा से प्यार से पूछा- "कुछ तकलीफ है?" तो बुजुर्ग ने कुछ भी नहीं कहा। उनकी खामोशी ही उनकी पीड़ा का सबसे गहरा बयान थी।

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बेटे पर संपत्ति हड़पने का आरोप

कलेक्टर को की गई शिकायत में लगाए गए आरोपों के अनुसार, रामरती देवी ने लगभग छह महीने पहले अपनी संपत्ति अपने इकलौते बेटे मेवालाल गुप्ता के नाम कर दी थी। इसके बाद से ही बेटा उन्हें उपेक्षित करने लगा और अंततः छत पर छोड़ दिया। आरोपों के मुताबिक, बेटे ने संपत्ति अपने नाम होते ही मां से मुंह मोड़ लिया। हालांकि इस संबंध में थाना प्रभारी प्रतीक्षा मार्को ने बताया कि प्रथम दृष्टया जांच में संपत्ति हड़पने जैसी किसी साजिश के पुख्ता प्रमाण नहीं मिले हैं।

पुलिस का कहना है कि वृद्धा की मानसिक स्थिति भी कुछ ठीक नहीं है और आस-पड़ोस के लोगों के अनुसार वह सतना से आई हैं और खुले में रहने की आदत भी रखती हैं। पुलिस ने फिलहाल विस्तृत जांच जारी रखने की बात कही है, ताकि पूरे मामले का निष्पक्ष खुलासा हो सके।

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मानव अधिकार आयोग पहुंची शिकायत 

इस मामले में कार्रवाई किए जाने के बाद भी सच को उजागर न होते देख समाजसेवी अनुराग तिवारी ने दिल्ली मानवा आयोग को शिकायत करते हुए E-FIR दर्ज कराई है। शिकायत में इस बुजुर्ग महिला को न्याय दिलाने की गुजारिश की गई है।

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तस्वीरों ने बयां की ऐसी सच्चाई

भले ही जांच के निष्कर्ष कुछ भी निकलें, लेकिन मौके पर खींची गई तस्वीरें अपने आप में एक भयावह कहानी कह रही हैं। तस्वीरों में 95 वर्षीय बुजुर्ग महिला को छत पर एक मामूली कनाथ के नीचे लेटे हुए देखा जा सकता है। खुले आसमान के नीचे भीषण गर्मी में उनका इस तरह बेसहारा पड़े रहना समाज की संवेदनाओं पर गहरा सवालिया निशान लगा देता है। 

 

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