जबलपुर एसटीएफ ने नए-नए तरीके अपना कर लोगों के साथ फर्जीवाड़ा करने के एक ऐसे मामले का खुलासा किया जिसमे फर्जी दस्तावेजों के जरिए वाहन फाइनेंस (Vehicle Financing with Fake Documents) कराने वाला एक गिरोह सक्रिय था। पीड़ितों की शिकायत के बाद STF ने कार्रवाई करते हुए इस गिरोह के सरगना को गिरफ्तार करते हुए लाखों की कीमत के वाहनों को भी जब्त किया।
इन लोगों को शिकार बनाता था गिरोह
दरअसल, जबलपुर में फर्जी दस्तावेजों के जरिए वाहन फाइनेंस कराने वाला एक गिरोह सक्रिय था जो लोगों के कम पढ़े लिखे होने का फायदा उठाकर उनसे फर्जीवाड़ा कर दस्तावेज इकट्ठा करता था और उन दस्तावेजों का उपयोग करके वाहनों को फाइनेंस करवाकर उन्हें ग्रामीण इलाकों में ऊंचे दामों पर बेच देता था। साथ ही ये लोग अपने काम को इतने शातिर तरीके से करते हैं कि पीड़ितों को उनके दस्तावेजों का क्या उपयोग हो रहा है इसकी भनक तक नहीं पड़ती।
पीड़िता की शिकायत के बाद बड़ा खुलासा
जबलपुर के रांझी निवासी गीता कुशवाहा की शिकायत के बाद इस धोखाधड़ी का खुलासा हुआ। उन्होंने बताया कि प्रशांत कुशवाहा और उसके एक परिचित ने लोन दिलाने का झांसा देकर उनके दस्तावेज लिए। बाद में इन दस्तावेजों के जरिए वाहनों का फाइनेंस करवा लिया गया और उन्हें इस धोखाधड़ी का पता तब चला जब वह मोबाइल फाइनेंस कराने के लिए एक दुकान पहुंची जहां उन्हें जानकारी मिली कि उनके दस्तावेजों का इस्तेमाल पहले ही हो चुका है।
ऐसे काम करता था गिरोह
STF की कार्रवाई में गिरफ्तार हुए आरोपियों में प्रशांत कुशवाहा, आरोपी इंद्रजीत कुशवाहा और आरोपी प्रवीण सोनी शामिल हैं। इस गिरोह का सरगना प्रशांत है जो लोगों को लोन दिलाने के नाम पर फंसाता था। इसके बाद गिरोह का दूसरा सदस्य इंद्रजीत सीधे-साधे लोगों को फाइनेंस प्रक्रिया में शामिल करता और उनके दस्तावेज लेकर फर्जीवाड़ा करता। धनौरा में ज्वेलर्स शॉप चलाने वाला गिरोह का तीसरा सदस्य प्रवीण सोनी है, जो इन वाहनों को ग्रामीण इलाकों में बेचने का काम करता था। साथ ही यह गिरोह कई वित्तीय कंपनियों जैसे कोटक महिंद्रा, आईसीआईसीआई और बजाज फाइनेंस के एजेंट्स की मदद से फर्जी दस्तावेजों पर वाहन फाइनेंस कराने में कामयाब रहा है।
शिकायत के बाद STF ने की आरोपियों की तलाश
शिकायत के बाद एसटीएफ के द्वारा आरोपियों की तलाश तेज कर दी गई जिसमे मुखबिर की जानकारी के आधार पर आरोपी प्रशांत कुशवाहा जो उत्तर प्रदेश से ट्रेन के जरिए जबलपुर आ रहा था उसे एसटीएफ टीम ने जबलपुर रेलवे स्टेशन पर गिरफ्तार किया। साथ ही इस मामले से संबंधित 3 अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया। इस गिरोह के खिलाफ की गई जांच में एसटीएफ ने 21 दोपहिया वाहन जब्त किए जिनकी कुल कीमत लगभग 25 लाख रुपए है। साथ ही बड़ी संख्या में फर्जी दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं।
मामले की जांच में जुटी एसटीएफ
इस मामले में पुलिस ने जांच तेज कर दी। मामले में अन्य एजेंट्स और आरोपियों की पहचान के लिए अपनी जांच भी की जा रही है। साथ ही फर्जी दस्तावेजों के आधार पर फाइनेंस किए गए वाहनों को शोरूम से उठाने में शामिल व्यक्तियों का भी पता लगाया जा रहा है। एसटीएफ ने स्पष्ट किया है कि इस संगठित अपराध में शामिल सभी लोगों को जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा।
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