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THE SOOTR
MP News : जबलपुर में एक बार फिर धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाला मामला सामने आया है। इस बार विवाद की जड़ एक वायरल ऑडियो है, जिसमें कथित रूप से भाजपा नेता और उत्तर मध्य विधानसभा के विधायक प्रतिनिधि शैलेंद्र सिंह राजपूत और महिला मोर्चा की पदाधिकारी जागृति शुक्ला जैन समाज के विरुद्ध अभद्र और आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग करते सुनाई दे रहे हैं। भले ही ऑडियो की पुष्टि अभी तक आधिकारिक रूप से नहीं हुई है, लेकिन इसका प्रभाव व्यापक रूप से देखा जा रहा है। सामने आई जानकारी के अनुसार विधायक प्रतिनिधि जैन समाज के संत के नाम पर मंडल के नामकरण का विरोध जताते हुए जैन समाज के विरुद्ध ऑडियो में आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए सुनाई दे रहे हैं।
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जैन समाज का बड़ा विरोध, कोतवाली थाने का घेराव
ऑडियो वायरल होते ही जैन समाज के लोगों में भारी आक्रोश फैल गया। सैकड़ों की संख्या में समाज के सदस्य देर रात कोतवाली थाने के बाहर एकत्र हुए और जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि यदि कोई आम नागरिक इस तरह की भाषा का प्रयोग करता, तो उसे तुरंत गिरफ्तार किया जाता, फिर नेताओं के मामले में इतनी ढील क्यों? समाज के वरिष्ठजनों ने स्पष्ट कहा कि यदि आरोपितों की तत्काल गिरफ्तारी नहीं होती, तो यह आंदोलन और व्यापक होगा।
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फर्जी ऑडियो बताकर दर्ज कराई FIR, लेकिन नहीं थम रहा आक्रोश
भाजपा नेता शैलेंद्र सिंह ने अपने खिलाफ हो रही इस आलोचना पर जवाब देते हुए विजयनगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई है। उनका दावा है कि यह ऑडियो क्लिप उनकी फर्जी आवाज बनाकर वायरल की गई है ताकि उनकी छवि को नुकसान पहुंचाया जा सके। उन्होंने साइबर सेल से जांच की मांग की है और कहा है कि दोषियों पर कठोर कार्रवाई होनी चाहिए।
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लगातार सामने आ रहे हैं ऐसे मामले
जबलपुर शहर बीते कुछ महीनों से धार्मिक उन्माद और सांप्रदायिक तनाव की घटनाओं का गवाह बनता जा रहा है ईसाई धर्मगुरु पर आरोप: कुछ ही समय पहले एक ईसाई धर्मगुरु पर जबरन धर्मांतरण के आरोप लगे थे। इसके बाद हिंदू संगठन के कार्यकर्ता उनकी पिटाई करते हुए नजर आए थे, जिससे शहर का माहौल तनावपूर्ण हो गया था भगवान राम पर आपत्तिजनक टिप्पणी: निजी स्कूल संचालक अखिलेश मेंबन द्वारा भगवान श्रीराम के विरुद्ध की गई आपत्तिजनक टिप्पणी ने शहर को झकझोर कर रख दिया था। भारी विरोध के बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया।
गोहलपुर थाना क्षेत्र की घटना: एक युवक द्वारा सोशल मीडिया पर धार्मिक भावनाएं भड़काने वाले कंटेंट साझा किए जाने के बाद प्रशासन ने उसे राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत जेल भेजा।
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ग्लोबल और श्रीराम कॉलेज मामलों में लव-जिहाद के आरोप: दो अलग-अलग कॉलेजों की छात्राओं द्वारा किए गए आरोपों में कथित तौर पर मुस्लिम युवकों द्वारा प्रेमजाल, यौन शोषण और धर्मांतरण के प्रयास की बातें सामने आई थीं, जिससे हिन्दू समाज में गुस्से की लहर दौड़ गई थी।
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जगतगुरू राघव आचार्य को मिली थी धमकी
सनातन धर्म के प्रतिष्ठित संत राघव आचार्य को जान से मारने की धमकी दी गई थी। इस घटना ने यह साबित कर दिया कि अब संत-समाज भी सुरक्षित नहीं रहा। इन सभी घटनाओं से यह स्पष्ट होता है कि जबलपुर में कुछ शक्तियां योजनाबद्ध तरीके से धार्मिक भावनाएं भड़काकर सामाजिक ताना-बाना तोड़ने का प्रयास कर रही हैं। इंस्टाग्राम अकाउंट के जरिए संत को दी गई धमकी के मामले में एक आरोपी की गिरफ्तारी हो गई है और अन्य एकाउंट्स की जानकारी साइबर सेल की मदद से जबलपुर पुलिस खंगाल रही है, लेकिन शहर में आलम यह है कि एक मामला निपटता नहीं है और दूसरा नया विवाद खड़ा हो रहा है।
नाकाम साबित हो रहा पुलिस का इंटेलिजेंस नेटवर्क
इन घटनाओं की तीव्रता को देखते हुए समाज में यह भावना गहराने लगी है कि इन मामलों में पुलिस पर्याप्त सक्रियता तो दिखा रही है लेकिन ऐसे मामलों को रोकने में सफल नहीं हो पा रही है। मामलों में स्नढ्ढक्र दर्ज हो रही है गिरफ्तारियां भी हो रही है लेकिन ऐसे मामले थमने का नाम नहीं ले रहे है। यही कारण है कि अब समाजों का धैर्य टूटने लगा है और लोग सड़कों पर उतर कर स्वयं न्याय मांगने को मजबूर हो रहे हैं।
सामाजिक समरसता की कसौटी पर खड़ा शहर
जबलपुर को हमेशा से शांति, साहित्य, संस्कृति और संतों की भूमि माना जाता रहा है, लेकिन हाल के घटनाक्रम इसे साम्प्रदायिक तनाव के घेरे में ला रहे हैं। यदि समय रहते इन घटनाओं को रोकने और दोषियों को सजा दिलाने के लिए कठोर कदम नहीं उठाए गए, तो यह शहर अपनी पहचान खो देगा। अब आवश्यकता इस बात की है कि शासन-प्रशासन सजग हो, दोषियों को बेनकाब करे और समाजों के बीच भरोसे को फिर से मजबूत करे।