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MP News: राज्य सरकार के सबसे महत्वाकांक्षी अभियानों में से एक 'जल गंगा संवर्धन अभियान' की पहली रिपोर्ट ने कई मंत्रियों की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा और राजेंद्र शुक्ला सहित 14 मंत्री अपने प्रभार वाले जिलों में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सके। इनके जिलों को टॉप-10 में भी स्थान नहीं मिला, जिससे अभियान की गति को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं। बता दें यह अभियान मध्य प्रदेश में पानी की कमी न होने देने को लेकर सरकार चला रही है। इसका उद्देश्य पूरे एमपी को पानीदार करना है।
कुछ मंत्रियों ने दिखाई उम्मीद की किरण
जहा अधिकांश वरिष्ठ मंत्री पिछड़ते दिखे, वहीं कुछ मंत्रियों के जिलों ने उम्मीद जगाई है। रीवा जिले में प्रहलाद पटेल, बालाघाट में उदय प्रताप सिंह, सिवनी में चेतन काश्यप और करण सिंह वर्मा के नेतृत्व में औसत से बेहतर काम हुआ, जिससे इनके जिलों को टॉप-10 में स्थान मिला है।
राजगढ़, झाबुआ, रतलाम जैसे जिलों से उम्मीदें टूटी
राजगढ़, झाबुआ और रतलाम जैसे जिलों से बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद थी, लेकिन मंत्री स्तर पर अपेक्षित परिणाम नहीं मिले।
कैलाश विजयवर्गीय (धार-सतना), राकेश सिंह (छिंदवाड़ा-नर्मदापुरम), प्रदीप जायसवाल (सीधी) और तुलसीराम सिलावट (बुरहानपुर-ग्वालियर) जैसे बड़े नाम भी दौड़ में पीछे रह गए।
जल संरक्षण के लक्ष्य
- तालाबों, कुओं और बावड़ियों का गहरीकरण व अतिक्रमण हटाना।
- नहरों की मरम्मत और नदियों के किनारे पौधारोपण।
- 50,000 खेत तालाब, 1 लाख कुएं, 1000 अमृत सरोवर तैयार करना।
- पिछली वर्ष के 70 हजार अधूरे कार्यों को पूर्ण करना।
- नर्मदा परिक्रमा पथ की 2200 किमी लंबी मैपिंग को पूर्ण करना।
सिवनी और सिंगरौली जिलों ने पेश की शानदार मिसाल
सिवनी: जहां 24 अमृत सरोवर बनाए जाने थे, वहां 27 पर कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। सिंगरौली में 12 अमृत सरोवर बनाने का लक्ष्य था, जिनमें से 11 पर काम शुरू हो चुका है। उज्जैन जिले में पंचकोशीय पथ की मैपिंग का कार्य भी शुरू हो चुका है।
साथ ही बलराम तालाब सहित 47 जल स्रोतों का पंजीयन हो चुका है। सूक्ष्म सिंचाई उपकरणों के पंजीयन में भी उल्लेखनीय प्रगति देखी गई है।
इन मंत्रियों के जिले पिछड़े
मंत्री का नाम | जिला | प्रगति प्रतिशत |
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चेतन काश्यप | राजगढ़ | 51.11% |
करण सिंह वर्मा | सिवनी | 40.05% |
नारायण सिंह | निवाड़ी | 31.65% |
प्रदीप जायसवाल | सीधी | 28.44% |
संपतिया उइके | सिंगरौली | 27.22% |
दिलीप अहिरवार | अनूपपुर | 24.87% |
संपतिया उइके (दूसरी बार) | आलीराजपुर | 21.77% |
प्रहलाद पटेल | रीवा | 21.21% |
उदय प्रताप सिंह | बालाघाट | 20.36% |
गौतम टेटवाल | पांढुर्ना-शिवपुरी | 19.82% |
बेहतर प्रदर्शन वालों को मिलेगा पुरस्कार
राज्य सरकार ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को पुरस्कृत करने का निर्णय लिया है। कलेक्टर के लिए पहला पुरस्कार 1.5 लाख रुपए, दूसरा 1.25 लाख रुपए और तीसरा 1 लाख रुपए है। जिला पंचायत सीईओ के लिए पहला पुरस्कार 1 लाख, दूसरा 75 हजार और तीसरा 50 हजार रुपए निर्धारित किया गया है।
टॉप-10 में जगह बनाने से चूके ये मंत्री
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जगदीश देवड़ा (देवास-जबलपुर)
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राजेंद्र शुक्ल (सागर-शहडोल)
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विजय शाह (झाबुआ-रतलाम)
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कैलाश विजयवर्गीय (धार-सतना)
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राकेश सिंह (छिंदवाड़ा-नर्मदापुरम)
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तुलसीराम सिलावट (बुरहानपुर-ग्वालियर)
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एदल सिंह कंषाना (छतरपुर-दतिया)
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निर्मला भूरिया (मंदसौर-नीमच)
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गोविंद सिंह राजपूत (गुना-नरसिंहपुर)
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विश्वास सारंग (हरदा-खरगोन)
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प्रदुम्न सिंह तोमर (आगर मालवा-उमरिया)
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राकेश शुक्ला (अशोकनगर-श्योपुर)
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सीएम ने मंत्रियों को दी सख्त चेतावनी
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अभियान की निगरानी का जिम्मा प्रभारी मंत्रियों को सौंपते हुए स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि हर लक्ष्य तय समय-सीमा में पूरा हो। 30 मार्च से शुरू हुआ यह अभियान 30 जून तक चलेगा, जो प्रदेश को जल संरक्षण के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने का प्रयास है।
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