जीतू पटवारी ने लिखा पीएम मोदी को पत्र, क्यों कहा, एमपी-महाराष्ट्र के सीएम से करें बात

मध्यप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मांग की है कि वे मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को बुलाकर बात करें। साथ ही जीतू पटवारी ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की बात भी कही...

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Jitendra Shrivastava
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BHOPAL. मीडिया में आ रही है कथित खबरों के अनुसार एमपी के बच्चों की महाराष्ट्र में बिक्री हो रही है। इसको लेकर मध्यप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। जीतू ने पीएम मोदी से पत्र लिखकर मांग की है कि वे मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को बुलाकर बात करें। क्योंकि महाराष्ट्र में मध्यप्रदेश के गरीब आदिवासी अपने बच्चों को बेच रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए जीतू पटवारी ने महाराष्ट्र में मध्यप्रदेश के गरीब बच्चों की खरीद-फरोख्त का मुद्दा उठाया। साथ ही दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की बात कही।

आदिवासी बच्चों को बेचकर भर रहे पेट

जीतू पटवारी ने अपने पत्र में महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर के कंचनवाड़ी इलाके में बच्चों की बिक्री का हवाला दिया है। इन बच्चों का दाम मात्र 25,000 रुपए है। मध्यप्रदेश के खंडवा जिले से महाराष्ट्र मजदूरी करने आए आदिवासियों के ये सभी बच्चे हैं। मुंडी इलाका जो खंडवा में स्थित है, वहां के 11 गांवों के आदिवासी परिवार मजदूरी कर रुपए कमाने के लिए महाराष्ट्र और गुजरात जा रहे हैं, लेकिन वहां भी आर्थिक तंगी के कारण वे अपने बच्चों को बेचकर पेट भरने को मजबूर हैं।

आपको बच्चा चाहिए हमारे पास है

मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने पीएम को पत्र में लिखा कि मध्यप्रदेश के आदिवासी मजदूर महाराष्ट्र में अपने बच्चों को बेच रहे हैं। यहां  काम की कमी से कई मजदूर परिवार भीख मांगकर गुजारा कर रहे हैं। मजबूरी के चलते आदिवासी परिवारों ने बच्चों को बेचने के लिए इसको एक परंपरा का नाम दिया है। वे इस सौदे के दौरान बच्चों को खरीदने-बेचने जैसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं करते हैं, बल्कि  ये कहते हैं कि अगर किसी को बच्चा चाहिए तो हमारे पास है।

दलित-आदिवासियों को नहीं मिल रहा योजनाओं का लाभ

जीतू पटवारी ने लिखा कि इस घटना ने फिर साबित कर दिया कि मध्यप्रदेश का दलित-आदिवासी समुदाय आज भी गरीब, पीड़ित और शोषित है। इन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है। इस खुलासे से गरीबों को मिलने वाले मुफ्त राशन की व्यवस्था भी शक के घेरे में आ गई है। जीतू ने लिखा कि मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जो सच्चाई सामने आई है वह मध्यप्रदेश के साथ-साथ महाराष्ट्र सरकार की नीति, नियमों और मंशा पर गंभीर सवाल खड़े करती है। मध्य प्रदेश सरकार करोड़ों रुपए के कर्ज लेकर अपनी विलासिता पर खर्च कर रही है।

दोषियों के खिलाफ की कार्रवाई की मांग

पटवारी ने पीएम को पत्र में लिखा कि चिंताजनक बात यह है कि जब आप लाल किले से बीजेपी सरकार की कथित उपलब्धियों का बखान कर रहे थे, उसी समय गरीबी में डूबे ये आदिवासी परिवार आपकी सरकार की उपेक्षा का जवाब मांग रहे थे। उन्होंने लिखा कि केंद्र सरकार को जल्द ही मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्रियों को तलब करना चाहिए और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।

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