मध्यप्रदेश में यह दूसरा मौका है जब किसी चुनाव में वोट करने के लिए मतदाता को ना तो अवकाश लेना पड़ेगा ना ही अपने कार्यस्थल को छोड़कर यात्रा करनी पड़ेगी । इस चुनाव में ड्यूटी पर कर्मचारियों पर भारी भरकम खर्च और पुलिस सुरक्षा की भी कोई आवश्यकता नहीं होगी, क्योंकि मध्य प्रदेश के न्यायाधीश संघ के चुनाव पूरी तरह से ऑनलाइन होंगे।
21 अगस्त से नामांकन, 25 अगस्त को वोटिंग और परिणाम
रजिस्ट्रार जनरल मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय जबलपुर के द्वारा जारी किए पत्र के पालन मे मुख्य चुनाव अधिकारी प्रधान जिला एवं सत्र न्यायधीश इंदौर ने इस ऑनलाइन चुनाव का टाइम टेबल जारी किया है। जिसके अनुसार 21 अगस्त सुबह 10 बजे से 23 अगस्त शाम 5 बजे तक नामांकन भरे जाएंगे । 24 अगस्त दोपहर 1 बजे तक उम्मीदवार अपना नाम वापस ले सकेंगे , 24 अगस्त को ही दोपहर 3 बजे उम्मीदवारों की अंतिम सूची जारी हो जाएगी । 25 अगस्त को सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक न्यायिक अधिकारी अनलाइन वोट करेंगे और वोटिंग समाप्त होने के मात्र 15 मिनट बाद दोपहर 3 बजकर 15 मे निर्वाचित अभ्यर्थियों के नामों की घोषणा हो जाएगी।
ओटीपी वेरीफिकेशन के जरिए दिए जाएंगे वोट
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की आईटी विंग की सहायता से संघ द्वारा एक डेडीकेटेड पोर्टल बनाया गया है । इस पोर्टल पर मतदाता यानि न्यायिक अधिकारी अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबरों पर प्राप्त ओटीपी का उपयोग कर पदस्थापना के स्थान से ही गुप्त मतदान करेंगे । इस तरह से इस चुनाव मे ना न्यायालय के कामों मे बाधा आएगी और ना ही भारी भरकम खर्च।
दूसरी बार हो रहे हैं ऑनलाइन चुनाव
न्यायाधीश संघ मध्यप्रदेश के पिछले चुनाव साल 2022 में हुए थे , जिसमें इंदौर के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुबोध कुमार जैन 567 मत हासिल कर अध्यक्ष निर्वाचित हुए थे। अब 2 वर्षों का कार्यकाल पूरा होने के बाद यह चुनाव हो रहे हैं । पिछले बार भी यह चुनाव ऑनलाइन मोड में ही हुए थे । 2022 मे हुए वर्चुअल महाधिवेशन में कुल 1600 न्यायिक अधिकारी शामिल हुए थे । जिसमें 1479 ने मतदान किया। यानि राज्य में न्यायिक अधिकारियों के कुल कैडर के 89.63 प्रतिशत ने इस चुनाव मे भाग लिया था।
सदन में भी उठ चुकी है ऑनलाइन वेटिंग की मांग
संसद में बीते सोमवार को ही शून्यकाल के दौरान मध्यप्रदेश के सतना जिले के सांसद गणेश सिंह ने वोटिंग परसेंटेज बढ़ाने को लेकर ऑनलाइन वोटिंग की मांग रख दी थी। सतना सांसद ने सदन में युवाओं के लिए मांग करते हुए कहा था कि जिस प्रकार केन्द्रीय कर्मचारियों को गृह जिले से बाहर अन्यत्र स्थानों से वोटिंग के लिये बैलट पेपर की व्यवस्था की जाती है, उसी प्रकार यदि इन युवाओं के लिये उसी स्थान में बैलेट पेपर या ऑनलाइन वोटिंग अथवा अन्य उपयुक्त माध्यम से वोटिंग का अधिकार दिलाने की व्यवस्था की जाय, तो निश्चित ही वोट प्रतिशत बढ़ेगा, और युवाओं में चुनाव प्रति उत्साह भी बढ़ेगा।
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